बिहार में बाढ़ की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के 10 बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण कर हालात का जायजा लिया. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारी बारिश और नदियों के उफान के कारण अब तक लगभग 25 लाख लोग बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं.
10 से ज्यादा जिले हुए जलमग्न
अधिकारियों ने बताया कि भोजपुर, पटना, सारण, वैशाली, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार जिले बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित हैं. इन इलाकों में हजारों गांव पानी में डूबे हुए हैं, जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार बचाव कार्य में लगी हैं.
गंगा, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, पुनपुन और घाघरा नदियों का जलस्तर कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. लगातार बारिश और नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण इन नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे निचले इलाकों में पानी घुस गया है.
सीएम ने दिए राहत शिविर बढ़ाने के आदेश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को बाढ़ की स्थिति पर एक उच्चस्तरीय बैठक भी की थी, जिसमें अधिकारियों को राहत शिविरों की संख्या बढ़ाने, पर्याप्त भोजन और दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में राहत और बचाव कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
बर्बाद हो गई किसानों की फसलें
बाढ़ प्रभावित इलाकों में किसानों की फसलें भी बर्बाद हो गई हैं. धान और मक्का की खड़ी फसल पानी में डूबने से भारी नुकसान हुआ है, जिससे किसानों के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है. कई ग्रामीण इलाकों में सड़क संपर्क भी टूट गया है, जिससे राहत सामग्री पहुंचाने में दिक्कतें आ रही हैं.
सरकार ने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं और बाढ़ पीड़ितों को शीघ्र सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है. फिलहाल प्रशासन का पूरा ध्यान राहत-बचाव कार्यों पर केंद्रित है, ताकि जल्द से जल्द प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान और आवश्यक सहायता मिल सके.