अब वोटर लिस्ट से नाम हटाना आसान नहीं... चुनाव आयोग ने लॉन्च किया ई-साइन सिस्टम, ऐसे होगा वेरिफिकेशन

वोटर लिस्ट से नाम हटाने के विवाद को रोकने के लिए चुनाव आयोग ने एक नया 'ई-साइन' फीचर शुरू किया है. इस बदलाव का मकसद वोटर्स की पहचान के दुरुपयोग को रोकना है, जिससे आलंद जैसे मामलों की दोहराव न हो.

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फोन नंबर और ओटीपी से होगा वोटर वेरिफिकेशन (File Photo: ITG) फोन नंबर और ओटीपी से होगा वोटर वेरिफिकेशन (File Photo: ITG)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 24 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:08 PM IST

वोटर लिस्ट से नाम काटने पर उठे विवाद को सुलझाने के लिए चुनाव आयोग ने एक नई तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया है. यह बदलाव राहुल गांधी द्वारा कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के नाम बड़े पैमाने पर हटाने के लिए किए गए अनियमित आवेदनों के खुलासे के बाद किया गया है. इस तकनीकी सुविधा से मतदाता पहचान के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा. 

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अब ई-साइन तकनीक के जरिए इस समस्या से निपटा जाएगा. निर्वाचन आयोग ने अपने ईसीआईनेट (ecinet) पोर्टल और ऐप पर एक नया 'ई-साइन' फीचर पेश किया है. 

इस फीचर के तहत, वोटर्स को रजिस्ट्रेशन, नाम हटाने या सुधार के लिए आवेदन करते वक्त अपने आधार से जुड़े फोन नंबरों का उपयोग करके अपनी पहचान सत्यापित करनी होगी. पहले आवेदक बिना किसी सत्यापन के फॉर्म जमा कर सकते थे, जिससे पहचान के दुरुपयोग का खतरा था.

कैसे काम करेगा नया सिस्टम?

नया सिस्टम शुरू होने के बाद, जब कोई शख्स ईसीआईनेट पोर्टल पर फॉर्म 6 (नए रजिस्ट्रेशन के लिए), फॉर्म 7 (नाम हटाने के लिए), या फॉर्म 8 (सुधार के लिए) भरता है, तो उसे 'ई-साइन' की जरूरत पूरी करनी होगी. पोर्टल आवेदक को यह सुनिश्चित करने के लिए सचेत करता है कि मतदाता कार्ड और आधार कार्ड पर नाम समान हो और आधार व मोबाइल नंबर आपस में जुड़े हों. इसके बाद, आवेदक को एक बाहरी ई-साइन पोर्टल पर निर्देशित किया जाता है, जहां उसे अपना आधार नंबर दर्ज करना होता है.

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ओटीपी के जरिए वेरिफिकेशन

आधार नंबर दर्ज करने के बाद, एक 'आधार ओटीपी' उस फोन नंबर पर भेजा जाता है, जो आधार से जुड़ा हुआ है. ओटीपी दर्ज करने और सहमति देने के बाद ही वेरिफिकेशन पूरा होता है, जिसके बाद आवेदक को फॉर्म जमा करने के लिए वापस ईसीआईनेट पोर्टल पर भेजा जाता है. यह प्रक्रिया फर्जी आवेदनों को रोकने में मदद करेगी.

क्यों जरूरी था यह बदलाव?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 18 सितंबर को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि आलंद में किसी ने ऑनलाइन आवेदन के जरिए करीब 6 हजार वोटर्स के नाम हटवाने की कोशिश की थी. ज्यादातर मामलों में, आवेदन पत्र जमा करने के लिए असली मतदाताओं की पहचान का दुरुपयोग किया गया था. फॉर्म जमा करने के लिए इस्तेमाल किए गए फोन नंबर भी उन मतदाताओं के नहीं थे, जिनके नाम पर फॉर्म दाखिल किए गए थे.

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