पाकिस्तानी महिला से बिना जानकारी दिए शादी करने और उसे अवैध रूप से देश में रखने के आरोप में नौकरी से बर्खास्त किए गए सीआरपीएफ जवान ने AAJTAK से बात की. इस दौरान बर्खास्त जवान मुनीर अहमद ने कहा कि मैंने सीआरपीएफ अधिकारियों को अपनी शादी के बारे में सूचित किया था. मैं पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करता हूं और चाहता हूं कि पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. मैं पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से न्याय की अपील करता हूं. मेरी पत्नी ने लॉन्ग टर्म वीजा के लिए आवेदन किया था , जो प्रोसेस में है.
मुनीर अहमद ने कहा कि हमारा परिवार 1947 में अलग हो गया था. हमारे कई रिश्तेदार पाकिस्तान चले गए. मेरी शादी मेरे माता-पिता ने तय की थी. मैंने अपनी शादी के बारे में अधिकारियों को सूचित किया था. मेरी शादी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए हुई. मेरी पत्नी को शादी के बाद वीज़ा मिला. हालांकि, उसे पहले 15 दिनों के लिए वीज़ा मिला था. फिर, उसने लंबी अवधि के वीज़ा के लिए आवेदन किया था.
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शादी के जब मैंने ड्यूटी ज्वॉइन की तो मुझे शुरू में बताया गया था कि मेरा तबादला कर दिया जाएगा. मैंने 2024 में शादी की और 2022 से लगातार विभाग के अधिकारियों को सूचित करता आ रहा हूं. फिर भी मेरे ऊपर कार्रवाई की गई. मेरे पास सभी तरह का प्रूफ है. मैं पीएम मोदी साहब और गृह मंत्री साहब से अनुरोध करना चाहता हूं कि मेरे मामले का संज्ञान लें और मुझे न्याय दिलाएं.
आपको बता दें कि सीआरपीएफ की तरफ से आरोप लगाया गया कि अहमद ने जानबूझकर महिला को उसके वीजा की वैधता के बाद भी भारत में रहने में मदद की. हालांकि, बर्खास्त जवान मुनीर का कहना है कि अब वह इस बर्खास्तगी को अदालत में चुनौती देने की योजना बना रहा है.
जम्मू के घरोटा इलाके के निवासी मुनीर अहमद अप्रैल 2017 में सीआरपीएफ में शामिल हुए थे. पाकिस्तानी मीनल खान से उनकी दोस्ती ऑनलाइन हुई थी. जिसके बाद दोनों ने 24 मई, 2024 को वीडियो कॉल निकाह समारोह के जरिए शादी की. अहमद के मुताबिक, सीआरपीएफ मुख्यालय से औपचारिक अनुमति मिलने के करीब एक महीने बाद यह विवाह संपन्न हुआ.
मुनीर अहमद ने यह भी बताया कि उन्होंने मीनल खान से शादी करने के अपने इरादे के बारे में सीआरपीएफ को सबसे पहले 31 दिसंबर, 2022 को बताया था. मैंने आधिकारिक चैनलों के माध्यम से खुद, अपने माता-पिता, स्थानीय सरपंच और जिला विकास परिषद के सदस्य के हलफनामे सहित सभी आवश्यक दस्तावेज जमा किए थे. इसके बाद मुझे 30 अप्रैल, 2024 को मुख्यालय से हरी झंडी मिल गई थी.
मामले में सीआरपीएफ का कहना है कि अहमद ने एक पाकिस्तानी नागरिक से अपनी शादी के बारे में जानकारी नहीं दी और उसे वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी भारत में रहने दिया, जो कि सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन है. साथ ही यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जोखिम भी पैदा करता है.
मीनल खान 28 फरवरी को वाघा-अटारी सीमा के रास्ते भारत में अल्पकालिक वीजा पर आई थी, जिसकी अवधि 22 मार्च को समाप्त हो गई थी. हालांकि उसके और अहमद के मार्च में दीर्घकालिक वीजा के लिए आवेदन करने व साक्षात्कार सहित आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने उसके निर्वासन पर रोक लगा दी थी.
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