Jharkhand: 12 करोड़ आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड की मांग, जनगणना में शामिल करने पर जोर

झारखंड में कांग्रेस ने सरना धर्म कोड को जनगणना में शामिल करने की मांग को लेकर राजभवन के बाहर एकदिवसीय धरना दिया. पार्टी का कहना है कि देश के 12 करोड़ आदिवासियों की अस्मिता और पहचान सरना धर्म कोड से जुड़ी है. अगर मांग नहीं मानी गई तो आंदोलन को दिल्ली तक ले जाया जाएगा.

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सरना धर्म कोड को लेकर कांग्रेस का आंदोलन तेज सरना धर्म कोड को लेकर कांग्रेस का आंदोलन तेज

सत्यजीत कुमार

  • रांची,
  • 26 मई 2025,
  • अपडेटेड 6:25 PM IST

झारखंड में आदिवासियों की पहचान को लेकर सरना धर्म कोड की मांग फिर जोर पकड़ रही है. इस मांग को लेकर कांग्रेस ने सोमवार को राजभवन के सामने एकदिवसीय धरना दिया. पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार जातिगत जनगणना की घोषणा तो कर रही है लेकिन सरना धर्म कोड को इसमें शामिल नहीं कर रही है.

धरने में कांग्रेस के प्रभारी के राजू, सह प्रभारी बेला प्रसाद, प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश और कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए. प्रभारी के राजू ने आरोप लगाया कि 2011 की जनगणना के समय यूपीए सरकार ने सरना धर्म कोड की दिशा में पहल की थी लेकिन मौजूदा केंद्र सरकार ने उस प्रावधान को हटा दिया.

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सरना धर्म कोड की मांग फिर जोर पकड़ने लगी

प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से आदिवासियों की हिमायती रही है. हाल ही में रांची दौरे पर आए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सरना धर्म कोड की खुलकर वकालत की थी.

पूर्व सांसद प्रदीप बालमुचू ने बताया कि राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया है और जल्द ही राष्ट्रपति से भी हस्तक्षेप की मांग की जाएगी. कांग्रेस ने चेतावनी दी कि अगर केंद्र ने इस मांग पर ध्यान नहीं दिया तो आंदोलन झारखंड से निकलकर दिल्ली के जंतर मंतर तक पहुंचेगा.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सरना धर्म कोड की वकालत की

सरना धर्म कोड की मांग यह है कि जनगणना फॉर्म में आदिवासियों के धर्म के लिए अलग कॉलम हो. 2020 में झारखंड विधानसभा ने इस प्रस्ताव को पारित कर केंद्र को भेजा था लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया.

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