'मेडिकल इंश्योरेंस क्लेम के लिए अस्पताल में भर्ती होना जरूरी नहीं', उपभोक्ता फोरम का बड़ा फैसला

वडोदरा में रमेशचंद्र जोशी ने 2017 में उपभोक्ता फोरम में नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी. जोशी का दावा था कि उन्होंने अपनी पत्नी को 2016 में डर्मेटोमायोसाइटिस के इलाज के लिए भर्ती किया था. उनकी एक दिन में छुट्टी हो गई थी. इसके बाद उन्होंने जब मेडिकल इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम मांगा, तो कंपनी ने क्लॉज 3.15 का हवाला देते हुए जोशी के आवेदन को खारिज किया था.

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प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

aajtak.in

  • वडोदरा,
  • 15 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 8:26 AM IST

वडोदरा उपभोक्ता फोरम ने मेडिकल इंश्योरेंस से जुड़े मामले में एक बड़ा फैसला सुनाया. फोरम के मुताबिक, मेडिकल इंश्योरेंस का क्लेम करने के लिए जरूरी नहीं कि किसी व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती ही किया गया हो या उसे 24 घंटे के लिए ही भर्ती किया जाए. उपभोक्ता फोरम की ओर से मेडिकल इंश्योरेंस कंपनी को मरीज को भुगतान करने का आदेश दिया है. 

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दरअसल, वडोदरा में रमेशचंद्र जोशी ने 2017 में उपभोक्ता फोरम में नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी. जोशी का दावा था कि उनकी पत्नी का 2016 में डर्मेटोमायोसाइटिस हुआ था और उन्हें अहमदाबाद के लाइफकेयर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सेंटर में भर्ती कराया गया था. अगले दिन इलाज के बाद जोशी की पत्नी को डिस्चार्ज कर दिया गया था. 
 
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, इसके बाद जोशी ने कंपनी से 44468 रुपए के बिल का भुगतान मांगा था. लेकिन इंश्योरेंस कंपनी ने जोशी के दावे को खारिज कर दिया था. इसी के खिलाफ जोशी ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराई थी. इंश्योरेंस कंपनी ने क्लॉज 3.15 का हवाला देते हुए जोशी के आवेदन को खारिज किया था. कंपनी का तर्क था कि मरीज को लगातार 24 घंटे तक भर्ती नहीं किया गया था. 

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इसके बाद जोशी ने मेडिकल इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ उपभोक्ता फोरम का रुख किया. उन्होंने फोरम के सामने सभी दस्तावेज पेश किए. उन्होंने दावा किया कि उनकी पत्नी को 24 नवंबर शाम 5.38 पर भर्ती किया गया था. जबकि  25 नवंबर 2016 को शाम 6.30 बजे उनकी छुट्टी हुई. 

वहीं, फोरम ने कहा कि भले ही यह मान लिया जाए कि मरीज को 24 घंटे से कम समय के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. फिर भी वह मेडिकल इंश्योरेंस के क्लेम की हकदार है. आज आधुनिक युग में इलाज के तरीके और दवाएं विकसित हुई हैं, ऐसे में डॉक्टर उसी के अनुसार इलाज करते हैं. 

 

 

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