वडोदरा
वडोदरा (Vadodara), जिसे बड़ौदा (Baroda) नाम से भी जाना जाता है, भारत के राज्य गुजरात (Gujarat) का एक जिला है. यह जिला गुजरात राज्य के पूर्वी भाग में स्थित है. जिले का प्रशासनिक मुख्यालय वडोदरा शहर है. यह जिला उत्तर में खेड़ा, पश्चिम में आनंद, दक्षिण-पश्चिम में भरूच, उत्तर और उत्तर-पूर्व में पंचमहल और पूर्व में छोटा उदयपुर जिले से घिरा हुआ है. इसका क्षेत्रफल 7,546 वर्ग किलोमीटर है (Geographical area).
वडोदरा जिले के अंतर्गत एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र (Parliamentary Constituency) और 10 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र (Assembly Constituency) हैं.
2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक वडोदरा जिले की जनसंख्या (Population) लगभग 41.5 लाख है और यहां हर एक वर्ग किलोमीटर में 552 लोग रहते हैं. इस जिले का लिंग अनुपात (Sex Ratio) प्रति 1000 पुरुष 934 महिला है. इस जिले की 78.92 फीसदी जनसंख्या साक्षर है जिसमें पुरूष साक्षरता दर 85.39 फीसदी और महिला साक्षरता दर 72.03 फीसदी है (Vadodara Literacy).
वडोदरा शहर, अहमदाबाद और सूरत के बाद गुजरात का तीसरा सबसे बड़ा शहर है. यह अहमदाबाद के दक्षिण-पूर्व में विश्वामित्री नदी के तट पर स्थित है, जो राज्य की राजधानी गांधीनगर से 139 किमी दूर है. दिल्ली और मुंबई को जोड़ने वाली रेलवे लाइन और राष्ट्रीय राजमार्ग दोनों वडोदरा से होकर गुजरते हैं (Vadodara City).
ऐतिहासिक तौर पर वडोदरा शहर का सबसे पहले 812 ईस्वी में पता जला था जब कुछ व्यापारियों यहां आ कर बसे थें. साल 1297 में यह राज्य हिंदू शासकों के अधीन था. आखिर में, इसे सोलंकी राजपूतों ने अपने अधीन कर लिया. मुस्लिम शासकों का प्रभाव यहां तेजी से बढ़ा और वडोदरा को दिल्ली के सुल्तानों ने अपने कब्जे में ले लिया. बाद में मुगलों ने यहां शासन किया, जिसे जल्द ही मराठा शासकों ने अपने अधिकार में ले लिया. और यह मराठा वंश गायकवाड़ (Gaekwad) की राजधानी बन गया. यह भारत की आजादी तक एक रियासत के रूप में रहा और यह 1947 में भारत डोमिनियन में शामिल हो गया (History of Vadodara).
वडोदरा जिले के प्रमुख उद्योगों में पेट्रोकेमिकल, इंजीनियरिंग, रसायन, फार्मास्यूटिकल्स, प्लास्टिक और विदेशी मुद्रा से जुड़े कारोबार शामिल हैं. कपास और तंबाकू वडोदरा की नकदी फसलें हैं. यहां गेहूं, दलहन, मक्का, चावल, और बागानी फसलें भी उगाई जाती हैं (Economy and Agriculture of Vadodara).
वडोदरा जिला प्रशासन का कहना है कि ब्रिज हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है. हालांकि, तीन लोग अभी भी लापता है और दो और गाड़ियां अब भी नदी में फंसी हुई हैं. प्रशासन का कहना है कि अभी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, आज दोपहर तक खत्म हो सकता है.
वडोदरा पुल हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है. प्रशासन का कहना है कि इस हादसे में महिसागर नदी में गिरी कई गाड़ियों के साथ दो लोग अभी भी लापता हैं और उनकी तलाश में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहा है. वहीं, हादसे में चार घायलों का एसएसजी अस्पताल में इलाज चल रहा है.
देश में सिस्टम की बदहाली एक बार फिर सामने आई है. गुजरात में वडोदरा और आणंद को जोड़ने वाला 45 साल पुराना पुल टूट गया, जिसमें 16 लोगों की जान चली गई. पुल पर दरारें थीं और इसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को दी गई थी, लेकिन ट्रैफिक नहीं रोका गया. वहीं, गुरुग्राम में मानसून की पहली बारिश में ही सड़क धंस गई, जिसमें एक 14 पहियों वाला ट्रक समा गया.
गुजरात के वडोदरा में पुल गिरने से 17 लोगों की मौत के बाद देश के कई राज्यों में पुलों की खराब हालत पर सवाल उठ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने राज्य के बाकी पुलों के तत्काल निरीक्षण के निर्देश दिए हैं. सूरत में तापी नदी पर बने एक पुल की हालत भी चिंताजनक है, जहाँ लोहे की प्लेट से गुजरती गाड़ियाँ जोखिम में हैं. अमरेली, नागपुर, पुणे, बोकारो, खूंटी और हिमाचल प्रदेश में भी जर्जर पुलों की रिपोर्ट सामने आई है, जो हादसों को न्योता दे रहे हैं.
अंतरिक्ष की दुनिया में ISRO नई छलांग लगाने जा रहा है. ISRO, गुजरात में नया स्पेस सेंटर बनाने की तैयारी में है. इसमें PSLV और SALV रॉकेट लॉन्च करने की क्षमता होगी. इसे बनाने में करीब 10 हजार करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं. इसके 70 प्रतिशत स्पेस प्रोग्राम में नई तकनीक पर फोकस होगा. देखें गुजरात आजतक.
देशभर में पुलों की जर्जर हालत एक गंभीर समस्या बन गई है, जो लगातार हादसों को न्योता दे रही है. सरकारी तंत्र की लापरवाही और जवाबदेही की कमी के कारण कई पुराने और नए पुल भी खतरनाक हो चुके हैं. महाराष्ट्र के नागपुर में एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर उद्घाटन से पहले ही बारिश में धंस गया.
वडोदरा और आनंद को जोड़ने वाले गंभीर पुल दुर्घटना की प्रारंभिक जांच के आधार पर चार अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है. निलंबित किए गए अधिकारियों में रोड एंड बिल्डिंग विभाग के एक एग्ज़िक्यटिव इंजीनियर, दो डिप्टी एग्ज़िक्यटिव इंजीनियर और एक असिस्टेंट इंजीनियर शामिल हैं. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने दुर्घटना से प्रभावित गंभीरा पुल की अब तक की मरम्मत, निरीक्षण और गुणवत्ता जांच पर एक रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी विशेषज्ञों की एक टीम को सौंपी थी.
वडोदरा में पुल गिरने से 17 लोगों की मौत हो गई है. केंद्र सरकार ने 2,00,000 रुपये और राज्य सरकार ने 4,00,000 रुपये प्रति मौत मुआवजा देने की घोषणा की है. कुल 6,00,000 रुपये प्रति मौत का मुआवजा दिया जा रहा है. मृतकों के परिजनों का कहना है कि "2,00,000 राज्य सरकार को सहायता देगी। 2,00,000 केंद्र सरकार सहायता देगी तो उसमें क्या? हम ऐसा मानते है कि उर्दू 2,00,000 में जो सहाय दे, जिसमें वो परिवार हो, जो भी हो, उसका जीवन निकल सकता है, उसका कोई जीवन नहीं निकल सकता."
गुजरात के वडोदरा में पुल गिरने से 17 लोगों की मौत के बाद देश के कई राज्यों में पुलों की खराब हालत पर सवाल उठ रहे हैं. इस हादसे के बाद मृतकों के परिजनों को केंद्र सरकार से 2 लाख और राज्य सरकार से 4 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया, यानी कुल 6 लाख रुपये प्रति मौत. सूरत में तापी नदी पर बने एक पुल की हालत भी चिंताजनक है, जहाँ लोहे की प्लेट से गुजरती गाड़ियाँ जोखिम में हैं.
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने दुर्घटना से प्रभावित गंभीरा पुल की अब तक की मरम्मत, निरीक्षण और गुणवत्ता जांच पर एक रिपोर्ट तैयार करने की ज़िम्मेदारी विशेषज्ञों की एक टीम को सौंपी थी.
नागपुर में पांच साल से बन रहा एक पुल उद्घाटन से पहले ही धंस गया. यह पुल रमानगर रेलवे क्रॉसिंग पर बनाया जा रहा था, लेकिन नागपुर की मूसलाधार बारिश को झेल नहीं पाया. इस घटना से पुल के निर्माण की गुणवत्ता और भ्रष्टाचार पर सवाल खड़े हो गए हैं. करोड़ों रुपये की लागत से बना यह पुल पानी में बह गया, जिससे जनता के टैक्स का पैसा बर्बाद हो गया. इसी तरह गुरुग्राम में भी भारी बारिश के बाद एक सड़क धंस गई, जिसमें एक बड़ा ट्रक समा गया. यह घटना गुरुग्राम के राजीव चौक के पास हुई, जहाँ हाल ही में पाइपलाइन बिछाई गई थी.
गुजरात में यह कोई पहला पुल हादसे नहीं है, बल्कि मोरबी से लेकर मुमतपुरा तक पिछले पांच साल में 12 से भी ज्यादा पुल टूटे या क्षतिग्रस्त हुए हैं. इन हादसों में कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है.
वडोदरा में महासागर नदी पर बना गंभीर पुल बीच से धंस गया, जिसमें पांच वाहन नदी में समा गए. हादसे में अब तक 15 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 24 घंटे बाद भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. एक ट्रक अभी भी पुल पर लटका हुआ है. लोगों ने पहले ही सरकार को पुल गिरने की चेतावनी दी थी, लेकिन सरकार ने इसे रेनोवेट कराने का दावा किया था.
वडोदरा में एक पुल ढहने से 12 लोगों की मृत्यु हो गई है और आशंका है कि नदी में अभी भी कुछ शव हो सकते हैं. यह पुल 40 साल पुराना बताया जा रहा है, जबकि रोड एंड बिल्डिंग विभाग के एग्ज़िक्यटिव इंजीनियर ने इसकी आयु 100 साल बताई थी और दावा किया था कि इसमें कोई क्षति नहीं थी. 9 दिन पहले ही स्थानीय यूट्यूबर्स लगातार इस पुल की कमजोर हालत को उजागर कर रहे थे और आज 9 दिन पहले का एक वीडियो भी चल रहा है जो पुल की बेहद कमजोर हालत को बयां कर रहा है.
गुजरात के वड़ोदरा में महिसागर नदी पर बना 45 साल पुराना पुल बुधवार सुबह टूट गया. हादसे के समय पुल से दो ट्रक, दो कार और एक रिक्शा समेत कुल पांच गाड़ियां नदी में गिर गईं. एक टैंकर टूटे हुए पुल के सिरे पर फंसा रहा. फायर ब्रिगेड की तीन टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. इस हादसे में मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता गया, पहले तीन, फिर नौ और अब 11 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है.
वडोदरा के पास गंभीरा ब्रिज रविवार सुबह अचानक टूट गया, जिससे पांच गाड़ियां महिसागर नदी में गिर गईं. मुजकूवा गांव के पढियार परिवार के 7 लोग बगदाना मंदिर दर्शन को निकले थे, जिनमें से 6 की मौत हो गई. एक महिला सोनल पढियार किसी तरह बाहर निकली और मदद के लिए चीखती रही, लेकिन बाकी लोगों को नहीं बचाया जा सका.
गुजरात में वडोदरा और आणंद को जोड़ने वाला पुल अचानक टूट गया. पुल पर ट्रैफिक के दौरान यह दुर्घटना हुई जिसमें पांच गाड़ियां नदी में गिर गईं और एक टैंकर फंसा रहा. इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई जबकि आठ लोगों को बचाया गया. पिछले साल ही इस पुल की मरम्मत की गई थी. देखें गुजरात आजतक.
गुजरात के वडोदरा में पुल बीच से गिर गया है. इस हादसे में अब तक 11 लोगों की जान जा चुकी है और उनके शव मिल चुके हैं. यह पुल आणंद और वडोदरा को जोड़ने वाला बताया जा रहा है. पुल का लगभग 10 से 15 मीटर लंबा हिस्सा टूटकर महिसागर नदी में समा गया.
गुजरात में तीन साल पहले भी पुल गिरने के बाद दावा हुआ था कि बस अब ऐसा हादसा नहीं होने देंगे. याद करिए 2022 में मोरबी में पुल गिरा था, 135 लोगों की मौत हुई थी. आम आदमी की जान गई तो गुजरात सरकार ने कहा था कि अब हर पुल की मजबूती जांचेंगे. पता नहीं कितनी जांची. हां, ये जरूर पता है कि गुजरात के ही वडोदरा में बुधवार को 40 साल पुराना पुल बीच से गिर गया. अब तक 13 आम लोगों के शव मिल चुके हैं.
आज तक के शो खबरदार में गुजरात के वडोदरा में हुए पुल हादसे पर गंभीर सवाल उठाए गए. वडोदरा में 40 साल पुराना एक पुल बीच से गिर गया, जिसमें अब तक 12 लोगों की जान चली गई है. यह हादसा तब हुआ जब 2022 में गुजरात में एक और पुल गिरने से 135 लोगों की मौत के बाद सरकार ने सभी पुलों की मजबूती जांचने का दावा किया था.
गुजरात के वडोदरा जिले में बुधवार सुबह एक बड़ा हादसा हुआ. गंभीरा ब्रिज का एक हिस्सा अचानक टूट गया, जिससे पांच गाड़ियां महिसागर नदी में गिर गईं. इन गाड़ियों में एक इको कार भी थी, जिसमें मुजकूवा गांव के पढियार परिवार के 7 लोग सवार थे.