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योग भेदभाव नहीं करता, संतुष्टि देता है: मून

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने योग की जमकर तारीफ की है. योग को लेकर भारत में हुए विवाद पर भी परोक्ष रूप से टिप्पणी करते हुए उन्होंने इसे संतुष्टि का एहसास बताया है.

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Ban Ki Moon doing yoga
Ban Ki Moon doing yoga

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने योग की जमकर तारीफ की है. योग को लेकर भारत में हुए विवाद पर भी परोक्ष रूप से टिप्पणी करते हुए उन्होंने इसे संतुष्टि का एहसास बताया है.

मून ने कहा कि जनवरी में अपने भारत दौरे पर पहली बार आसन करके उन्हें संतुष्टि का एहसास हुआ था. उन्होंने कहा कि शुरू में संतुलन साधने में उन्हें थोड़ा वक्त लगा, लेकिन फिर लगा कि कोई भी शख्स इसे कर सकता है. याद रहे कि संयुक्त राष्ट्र की मंजूरी के बाद पहली बार 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाना है.

किसी विवाद का जिक्र किए बिना उन्होंने कहा, 'और योग भेदभाव नहीं करता. अपनी ताकत, उम्र और क्षमताओं से परे, हर शख्स योग कर सकता है. मैंने खुद भारत दौरे पर वृक्ष की तरह खड़े होकर आसन करते हुए यह पाया है. मुझे बैलेंस बनाने में कुछ वक्त लगा, लेकिन जब मैंने किया तो इससे मिलने वाले संतुष्टि के एहसास का मैं मुरीद हो गया.'

बान की-मून ने बताया कि भारत दौरे पर उन्हें अपने कुछ वरिष्ठ सलाहकारों के साथ योग करने का मौका मिला था. म्यांमार के मामलों पर मून के सलाहकार और दिग्गज भारतीय डिप्लोमेट विजय नांबियार ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मद्देनजर उन्हें योग का पहला पाठ सिखाया था. यूएन प्रवक्ता ने बान की-मून की योग करने की तस्वीर भी ट्वीट की थी.

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