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US ने हजारों छात्रों का 'स्टूडेंट स्टेटस' किया रद्द, इमिग्रेशन लॉयर्स ने फैसले को बताया मनमानी... कोर्ट में दी चुनौती

अमेरिकन इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार, SEVIS निरस्तीकरण का सामना कर रहे 83 प्रतिशत छात्रों को केवल उनके विश्वविद्यालय से ही नोटिस प्राप्त हुआ, इसके अलावा कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई. जिन लोगों के वीजा रद्द किए गए उनमें से 57% को उनके गृह देश के अमेरिकी वाणिज्य दूतावास से नोटिस प्राप्त हुआ, बाकी को तो कोई नोटिस भी नहीं मिला.

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 अमेरिका ने हजारों छात्रों का स्टूडेंट वीजा निरस्त कर दिया है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
अमेरिका ने हजारों छात्रों का स्टूडेंट वीजा निरस्त कर दिया है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित एक विश्वविद्यालय में अपने चौथे सेमेस्टर में पढ़ रहे एक भारतीय छात्र को 8 अप्रैल 2025 को, एक चौंकाने वाला ईमेल प्राप्त हुआ. इसमें विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल स्टूडेंट एडवाइजर की ओर से कहा गया, 'हम आपके इमिग्रेशन रिकॉर्ड के बारे में आपसे संपर्क कर रहे हैं. चूंकि हाल ही में देश भर में स्टूडेंट वीजा रद्द करने की कार्रवाई हुई है, जिसके परिणामस्वरूप बहुत गिरफ्तारियां हुई हैं, इसलिए हम नियमित रूप से अपने इमिग्रेशन डेटाबेस की जाँच कर रहे हैं.'

ईमेल में आगे कहा गया, 'हमें आपको यह बताते हुए अत्यंत खेद है कि आज सुबह आपके रिकॉर्ड को SEVP द्वारा समाप्त के रूप में चिह्नित कर दिया गया है, जो यह दर्शाता है कि अमेरिकी सरकार का मानना ​​है कि आपने अपनी स्थिति का उल्लंघन किया है.' ईमेल में छात्र को यह भी बताया गया कि अब वह विश्वविद्यालय के बाहर अपनी पढ़ाई या काम जारी रखने के लिए पात्र नहीं है, तथा उसे जितनी जल्दी हो सके अमेरिका से अपने देश लौटना होगा. विश्वविद्यालय से प्राप्त ईमेल में छात्र को चेतावनी दी गई थी कि अब उसे संभावित रूप से गिरफ्तार किया जा सकता है और निर्वासित किया जा सकता है.

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तेज गाड़ी चलाने के नाम पर कार्रवाई

छात्र का अपराध क्या था? 2022 में उप पर तेज गति से गाड़ी चलाने का जुर्माना लगा था, जिसे वह पहले ही भर चुका था. होमलैंड सुरक्षा विभाग या किसी अन्य सरकारी एजेंसी या यहां तक ​​कि भारतीय वाणिज्य दूतावास से भी इस छात्र तक कोई अन्य जानकारी नहीं पहुंची. यह उन सैकड़ों आप्रवासी छात्रों में से एक है, जिनका वीज़ा या SEVIS (Student and Exchange Visitor Information System) स्टेटस अमेरिकी सरकार द्वारा अप्रैल 2025 के पहले कुछ दिनों में बिना किसी पूर्व चेतावनी या नोटिस के अचानक रद्द कर दिया गया. 

अमेरिकन इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन (AILA) द्वारा 17 अप्रैल को जारी एक पॉलिसी में संकेत दिया गया है कि 'विदेश विभाग (DOS) और इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एंफोर्समेंट (ICE) आक्रामक तरीके से अंतरराष्ट्रीय छात्रों को निशाना बना रहे हैं, जिनमें वे छात्र भी शामिल हैं जिनका विरोध प्रदर्शन (अमेरिका में किसी मुद्दे पर प्रोटेस्ट करना) करने का कोई इतिहास नहीं है, ताकि उनका वीजा रद्द किया जा सके और उन्हें डिपोर्ट किया जा सके.' इसका मतलब यह है कि इन छात्रों को अमेरिकी सरकार ने तुरंत अपने देश लौटने को कहा है.

AILA की रिपोर्ट के अनुसार, SEVIS निरस्तीकरण का सामना कर रहे 83 प्रतिशत छात्रों को केवल उनके विश्वविद्यालय से ही नोटिस प्राप्त हुआ, इसके अलावा कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई. जिन लोगों के वीजा रद्द किए गए उनमें से 57% को उनके गृह देश के अमेरिकी वाणिज्य दूतावास से नोटिस प्राप्त हुआ, बाकी को तो कोई नोटिस भी नहीं मिला. अब छात्र विभिन्न राज्यों में कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं, जिसमें अदालती मामले भी शामिल हैं. साथ ही, अमेरिकी सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों को लेकर छात्रों और अप्रवासियों में व्यापक भय व्याप्त है. 

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प्रभावित छात्रों में 50% भारतीय

AILA की रिपोर्ट यह भी बताती है कि जिन 327 छात्रों का डेटा उन्हें मिला है, उनमें से लगभग 50% भारतीय छात्र हैं, इसके बाद सबसे बड़ा समूह 14% चीनी छात्रों का है. अमेरिका में इमिग्रेशन लॉयर्स एक लंबी लड़ाई के लिए तैयारी कर रहे हैं. न्यू जर्सी स्थित इमिग्रेशन वकील आदित्य सुरती कहते हैं, 'अमेरिका में राजनीतिक स्थिति के कारण अभी चीजें मुश्किल हो रही हैं. अमेरिकी सरकार उचित प्रक्रिया का पालन नहीं कर रही है.' उन्होंने कहा,'जिन छात्रों ने मुझसे संपर्क किया है, उनमें से कई ने कहा कि उन्होंने क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के साथ कुछ बातचीत की है, लेकिन उन मुद्दों के लिए जिन्हें निर्वासन योग्य अपराध नहीं माना जाता है. कुछ पर तेज गति से गाड़ी चलाने या बार में झगड़ा या नशे में गाड़ी चलाने का आरोप है. ये ऐसे अपराध नहीं हैं जिनके लिए किसी का वीजा रद्द किया जा सके.'

साउथ एशियन अमेरिकन जस्टिस कोलैबोरेटिव SAAJCO की कार्यकारी निदेशक कल्पना पेड्डीभोटला ने आज तक को बताया कि देश भर के वकील प्रभावित छात्रों से बात कर रहे हैं. वकील इस बात पर भी विचार कर रहे हैं कि क्या इस मामले में सामूहिक मुकदमा दायर किया जा सकता है. उन्होंने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय छात्रों की हाल ही में SEVIS द्वारा की गई बर्खास्तगी गैरकानूनी और प्रक्रियागत रूप से गलत है. छात्रों को उनके शिक्षण संस्थानों द्वारा बताया गया है कि वे स्टेटस से बाहर हैं और उन्हें तुरंत देश छोड़ देना चाहिए, भले ही इसके लिए कोई कानूनी आधार न हो. कई मामलों में, एकमात्र स्पष्टीकरण यह है कि उनका नाम आपराधिक रिकॉर्ड जांच में आया था. इनमें से कई छात्रों पर कभी भी किसी अपराध का आरोप नहीं लगाया गया या उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया. मैंने जिन लोगों से बात की है, उनमें से कई ने केवल ड्राइविंग नियमों का उल्लंघन किया था.' 

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अब छात्रों के पास क्या हैं विकल्प?

इस समय छात्रों के पास वास्तव में कुछ ही विकल्प हैं. वे SEVIS निरस्तीकरण को चुनौती देने वाला मुकदमा दायर कर सकते हैं और मामले की सुनवाई के दौरान अस्थायी प्रतिबंध आदेश (Temporary Restraining Order) की मांग कर सकते हैं. इसमें पैसे खर्च हो सकते हैं और समय भी लग सकता है.

छात्र अपने SEVIS स्टेटस की बहाली के लिए आवेदन कर सकते हैं- जो एक ऐसा आवेदन है जिसे USCIS (यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज) के समक्ष दायर किया जाना है, जो होमलैंड सुरक्षा विभाग (DHS) का एक हिस्सा है. इस प्रक्रिया में कम से कम 4 महीने लगते हैं और आज तक से बात करने वाले वकीलों का कहना है कि उन्हें चिंता है कि DHS छात्रों के SEVIS स्टेटस को बहाल से इनकार कर सकता है. हालांकि, जब तक यह आवेदन प्रक्रियाधीन है, तब तक किसी व्यक्ति को आम तौर पर निर्वासित नहीं किया जा सकता है.

इसके अलावा छात्र अमेरिका में रहते हुए वीजा की बहाली के लिए आवेदन कर सकते हैं. वे अपने देश वापस लौट सकते हैं और दोबारा अमेरिकी वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं.  

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इमिग्रेशन लॉयर्स का क्या है कहना?

इलिनोइस में कार्यरत भारतीय मूल के इमिग्रेशन लॉयर तेजस शाह का कहना है कि इन छात्रों के निर्वासन को रोकने के लिए अस्थायी प्रतिबंध आदेश (TRO) की मांग करते हुए अब तक कई मुकदमे शुरू किए गए हैं. शाह ने आज तक को बताया, 'जिन छात्रों का वीजा रद्द कर दिया गया है, वे वीजा के लिए फिर से आवेदन कर सकते हैं, लेकिन अगर SEVIS स्टेटस रद्द कर दिया जाता है, तो यह अधिक गंभीर स्थिति होगी. क्योंकि आप अमेरिका में रहने का अधिकार खो देंगे. कई राज्यों में कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है. कुछ छात्रों को न्यायालयों से तत्काल अस्थायी प्रतिबंध आदेश प्राप्त हुए हैं, लेकिन यह कुछ दिन पहले ही शुरू हुआ है, इसलिए इसमें कुछ समय लगेगा. कई छात्रों ने SEVIS स्टेटस की बहाली के लिए अपील की है.'

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तेजस शाह ने कहा, 'अमेरिकी अधिकारियों द्वारा उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा रहा है. छात्रों की  चिंताएं जायज हैं. मैं सुझाव दूंगा कि जिन छात्रों का क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम से कोई संपर्क रहा है, उन्हें अपने विश्वविद्यालयों से संपर्क करके अपने SEVIS और वीजा स्टेटस की जांच कर लेनी चाहिए.' न्यू जर्सी स्थित इमिग्रेशन लॉयर आदित्य सुरती ने आज तक को बताया कि वह कुछ छात्रों की ओर से मुकदमा दायर करने की प्रक्रिया में हैं, लेकिन इस प्रक्रिया में समय लगता है. सूरती ने कहा, 'मैं छात्रों को सलाह देता हूं कि वे अभी अमेरिका न छोड़ें, चाहे छोटी यात्रा के लिए ही क्यों न हो या छुट्टी मनाने के लिए ही क्यों न हो. अगर आप देश छोड़ देते हैं, तो किसी भी इमिग्रेशन लॉयर के लिए आपका केस लड़ना मुश्किल हो जाएगा. सेल्फ-डिपोर्टेशन नोटिस को चुनौती देने के आपके कानूनी विकल्प भी कम हो जाएंगे. अगर आपका वीजा रद्द कर दिया गया है, तो आपको नया वीजा नहीं मिल सकता है या आप फिर से अमेरिका में प्रवेश नहीं कर पाएंगे.'

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