तुर्की और सीरिया में सोमवार को आए भीषण भूकंप में अब तक 1500 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. इस आपदा में बड़े पैमाने पर लोग घायल भी हुए हैं. घायलों की संख्या 5000 से ज्यादा बताई जा रही है. ऐसे में देश के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप अर्दोगन ने इसे सदी की सबसे बड़ी आपदा बताया है.
अर्दोगन ने कहा कि हमने भूकंप से प्रभावित प्रांतों में फौरी तौर पर राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया. हमने संकट की इस घड़ी में त्वरित कार्रवाई की है. उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ और नाटो संगठन के अलावा 45 देशों से हमें सहायता मिल रही है.
उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि हम एक राष्ट्र के तौर पर एकता के दम पर इन विनाशकारी दिनों को पीछे छोड़ देंगे.
भूकंप से 2818 इमारतें जमींदोज हो गईं. मलबे के भीतर से अब तक 2470 लोगों को बचाया गया है. लेकिन अभी भी हजारों लोग मलबे में फंसे हुए हैं. बड़े पैमाने पर बचाव एवं राहत अभियान जारी है.
समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार तड़के आए भूकंप के लगभग 12 घंटे बाद शाम को तुर्की में भूकंप के एक और झटके से लोग दहल गए. तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोगन ने भूकंप के मद्देनजर आपात बैठक की, जिसमें भूकंप पीड़ितों के लिए हरसंभव मदद की पेशकश की है.
तुर्की में भूकंप का पहला झटका सोमवार सुबह करीब सवा चार बजे आया. भूकंप का केंद्र गजियांटेप इलाके में था, जो सीरिया बॉर्डर से सिर्फ 90 किलोमीटर दूर है. सीरिया में भी भूकंप ने भारी तबाही मचाई. सीरिया के कई शहरों में भूकंप ने तबाही मचाई.
सोमवार तड़के ही सीमा के दोनों ओर के लोग भूकंप के झटके से उठ खड़े हुए. गगनचुंबी इमारतें भूकंप के झटकों से हिलने लगी. इस आपदा में बड़े पैमाने पर लोग जान गंवा चुके हैं. प्रशासन ने बड़े पैमाने पर प्रभावित कई शहरों में राहत एवं बचाव कार्य जारी रखा है.
भूकंप में तुर्की का अस्पताल ढहा
इस भीषण भूकंप में तुर्की का एक अस्पताल ताश के पत्तों की तरह ढह गया, जिसमें नवजात सहित कई लोगों को बचाया गया. तुर्की के एक शहर अडाना में एक शख्स ने बताया कि उनके घर के पास की इमारत एक झटके में जमींदोज हो गई.
यहां पत्रकारिता के छात्र मुहम्मेत फतिह यावुस ने बताया कि उसे मलबे के ढेर से एक शख्स की आवाज सुनाई दी, जो मदद की गुहार लगा रहा था. तुर्की के दियारबाकिर में जगह-जगह क्रेनें देखी जा सकती हैं. यहां बचाव कार्य जोरों पर चल रहा है.
NDRF की 2 टीमें तुर्की भेजेगा भारत
पीएम मोदी के निर्देश पर तुर्की को तत्काल सहायता देने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव पीके मिश्रा ने अहम बैठक बुलाई. बैठक में तय हुआ है कि सर्च और रेस्क्यू अभियान के लिए एनडीआरएफ और मेडिकल टीम तुर्की भेजी जाएंगी. इसके साथ राहत सामग्री भी जल्द से जल्द टुर्की के लिए रवाना की जाएगी. एनडीआरएफ की दो टीमों में 100 जवान होंगे. इनमें डॉग स्क्वायड भी शामिल हैं. इसके अलावा ये टीमें जरूरी उपकरण भी अपने साथ ले जाएंगी. मेडिकल टीम में डॉक्टर, अन्य स्टाफ और जरूरी दवाएं होंगी.