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उस दागिस्तान की कहानी, जहां धार्मिक स्थल और चर्च में हुआ कत्लेआम, रूस के खिलाफ हैं बगावत जैसे हालात

रूस के उत्तरी काकेशस क्षेत्र दागिस्तान में हुए बड़े आतंकी हमले में 15 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है, जिनमें बड़ी संख्या पुलिसवालों की है. रुसी समाचार एजेंसी तास के मुताबिक सेना ने जवाबी कार्रवाई में 6 आतंकियों को मार गिराया है.

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दागिस्तान में हमले की कुछ तस्वीरें (फोटो- X)
दागिस्तान में हमले की कुछ तस्वीरें (फोटो- X)

रूस रविवार की शाम भीषण आतंकी हमले से दहल गया. कम से कम चार ठिकानों पर आतंकियों ने हमले किए. उत्तरी काकेशस क्षेत्र दागिस्तान में हुए इन बड़े आतंकी हमले में 15 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है, जिनमें बड़ी संख्या पुलिसवालों की है. जवाबी एक्शन में 6 आतंकी भी मारे गए हैं.

रूस के दागिस्तान में डर्बेंट और माखचकाला शहरों से जो तस्वीरें सामने आईं वो दिल दहला देने वाली थीं आतंकी सडकों पर मोर्चा साधे दिख रहे थे. तस्वीरों में तीन आतंकी ताबड़तोड फायरिंग कर रहे हैं. तस्वीरों में तीन ही आतंकी कैद हुए लेकिन आतंकियों की तादाद ज्यादा थी. क्योंकि रूसी सुरक्षा बलों ने छह आतंकियों को मार गिराया. आतंकी हमले के बाद सड़क पर सन्नाटा छा गया. आतंकी वहां से आती जाती कारों पर भी फायरिंग करते दिखे.

पादरी का गला काटा

दरअसल रूस में रविवार की रात दागिस्तान में कुल चार जगहों पर हमले हुए. आतंकियों के निशाने पर आए दो चर्च एक यहूदी सिनेगॉग यानी मंदिर और एक पुलिस पोस्ट, हमले के बाद डरबेंट सिनेगॉग में भीषण आग लग गई और पूरा सिनेगॉग जलकर राख हो गया. दूर तक आग की भीषण लपटें उठती देखी गई. हमले को लेकर मिल रही जानकारी के मुताबिक, दागिस्तान के दो शहरों- माखचकाला और डर्बेंट में ये हमला तकरीबन एक ही समय हुआ. इसके अलावा दो ऑर्थोडॉक्स चर्च में भी आतंकियों ने हमला किया. इनमें से एक चर्च के पादरी का तो आतंकियों ने गला काट डाला.

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यह भी पढ़ें: रूस के दागिस्तान में आतंकी हमला, पादरी और पुलिसकर्मियों सहित 15 से ज्यादा की मौत, 6 आतंकी ढेर

रूसी सुरक्षा बलों ने तुरंत दोनों जगहों डरबेंट और माखचकाला में मोर्चा संभाला और गोलियां चला रहे इन आतंकियों को ढेर कर दिया. कुछ घंटों के बाद ही रुसी सुरक्षा बलों ने ऐलान कर दिया कि एंटी टेरेरिज्म ऑपरेशन खत्म हो गया है.आतंकी भले ही ढेर कर दिये गए हों लेकिन यूक्रेन के साथ जंग में उलझे रूस के लिए ये हमले चिंता पैदा करने वाले हैं. 

पुतिन के लिए चुनौती

दागिस्तान रूस और पुतिन के लिए किसी दुखती रग की तरह है. पहले भी यहां हमले होते रहे है. इस बार हमला यहूदियों के उपासना स्थल सिनेगॉग, दो चर्च और एक पुलिस पोस्ट पर हुआ. अभी किसी ने हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है. लेकिन हमलों के सुराग दागिस्तान के अतीत में भी छुपे हो सकते हैं.

ये हमला पुतिन के लिए बडी चुनौती है. चुनौती इस बात की है कि क्या ये यूक्रेन के साथ जंग के चलते हुए हमला है या फिर इसमें किसी अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन का हाथ है. यह हमला ऐसे वक्त हुआ है जब रूस 850 दिन के बाद भी यूक्रेन की जंग से निकल नहीं पाया है. रूस लगातार यूक्रेन पर हमला कर रहा है. इसके अलावा जिस दागिस्तान में ये हमला हुआ उसका अतीत भी काफी कुछ कहता है. 

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रूस के लिए हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है दागिस्तान

ये वो इलाका है जहां रूस के लिए चुनौतियां रह रहकर उभरती रही है और जिस तरीके से ये हमला किया गया है उससे ये भी साफ है कि ये आतंकी किसी बडे और खतरनाक आतंकी संगठन से जुडे हैं. अभी तक किसी ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन दो बयान आए है. रूसी रूसी न्यूज एजेंसी TASS ने कहा कि हमलावर एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन के सदस्य थे. उधर दागिस्तान ने कहा कि यूक्रेन और NATO देश जिम्मेदार है. दागिस्तान के नेता अब्दुलखाकिम गडजियेव कहा कि कोई शक नहीं कि हमले यूक्रेन और NATO देशों की खुफिया सेवाओं से जुड़े हैं. हालांकि रूस में आतंकी हमले को लेकर यूक्रेन की तरफ से अभी कोई बयान नहीं आया है. सीधे तौर पर रूस ने अभी यूक्रेन का नाम भी नहीं लिया है. 

कहां है दागिस्तान?

दागिस्तान उत्तर कॉकसस का मुस्लिम रशियन गणतंत्र है. पहले ये चेचन्या में आता था, बाद में इसे अलग रिपब्लिक बना दिया गया. सुन्नी मुस्लिमों की आबादी वाला दागिस्तान काफी समय से रूस की नाक में दम किए हुए है. कई देश अपनी ट्रैवल एडवायजरी में रूस के इस इलाके में जाने से बचने की बात करते हैं. कनाडा की एडवायजरी में इसे भारी अस्थिर बताया गया है. यही हाल बाकी पश्चिमी देशों का है.

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लगभग 30 लाख की आबादी वाले दागिस्तान की एक समस्या ये है कि वहां बहुत से धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं. वैसे तो ये सुन्नी मुस्लिम बहुत रिपब्लिक है, लेकिन उनके अलावा यहां 40 अलग-अलग नस्लें और धार्मिक पहचान वाले लोग बसे हुए हैं. ये रूस का अकेला हिस्सा है, जहां 30 से ज्यादा भाषाएं बोली जाती हैं. इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि धार्मिक टकराव के हालात यहां लगातार बने रहते हैं.

अब आपको दागिस्तान के बारे में बताते हैं . हो सकता है कि इसके अतीत वर्तमान और भूगोल में हमले का राज छुपा हो.  य़े सूबा रूस के उत्तरी काकेशस क्षेत्र में है. दागिस्तान मुस्लिम बहुल इलाका है. मास्कों से ये 1600 किलोमीटर दूर है और यहां ईसाई और यहूदी भी रहते है. यहूदियों के लिए ये पवित्र जगह है. यहां फिलिस्तीन के समर्थन में भी उग्र प्रदर्शन हुए थे.

सीमाओं पर है असर खतरनाक
रूस वैसे तो दुनियाभर के टूरिस्टों को आकर्षित करता रहा, लेकिन चेचन्या, दागिस्तान, इन्कुशेतिया और स्तावरोपॉल क्राई वो इलाके हैं, जहां जाना असुरक्षित हो सकता है. दागिस्तान इस लिस्ट में सबसे ऊपर है. यही वजह है कि कुदरती खूबसूरती के बाद भी लोग यहां जाने से बचते हैं. दागिस्तान जिसे दागेस्तान भी कहते हैं, इसका मतलब है पहाड़ों की जगह. उत्तरी कॉकसस पर बसा ये स्टेट एक तरफ जार्जिया, चेचन्या तो दूसरी तरफ अजरबैजान से सटा हुआ है. इसकी सीमाएं ही इसे सबसे ज्यादा खतरनाक बनाती हैं. चेचन्या में लंबे समय से रूस से अलग होने के लिए आंदोलन चलता रहा. जबकि अजरबैजान कोविड के दौर से ही आर्मेनिया से युद्ध कर रहा है. बीच-बीच में सीजफायर होता है, लेकिन फिर जंग शुरू हो जाती है.

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इस्लामिक चरमपंथ काफी ज्यादादागिस्तान में अमरिकी हमले के दौर में आतंकी संगठन बढ़े. ISIS के दौर में सीधी तौर पर इस्लामिक चरमपंथी गुट बढ़ने लगे. ये सभी पहले तो रूस से अलग अपना देश बनाने की मांग करते रहे, बाद में आपस में भी लड़ने-भिड़ने लगे. साल 2007 से लेकर अगले 10 सालों तक रूसी फोर्स इस्लामिक चरमपंथियों से लड़ती रही. इसी साल वहां की खुफिया एजेंसी FSB ने एलान किया कि आतंकी संगठन लगभग खत्म हो गए हैं. इसके बाद ही रूसी सेनाओं ने इलाका छोड़ा. अब भी छुटपुट टुकड़ियां वहां तैनात हैं.

 इससे पहले दागिस्तान की राजधानी माखचाकला में बीते साल अगस्त में भी हमला हुआ था तब भी यहां भारी नुकसान हुआ था. फिलिस्तीनी समर्थक बते साल 10 अक्टूबर को माखचाकला के एयरपोर्ट मे घुस गए थे. कई घंटे तक एयरपोर्ट से लेकर रनवे तक इन प्रदर्शनकारियों ने जमकर बवाल मचाया था. हालात ये हो गए थे कि इस एयरपोर्ट को बंद कर देना पडा था.

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