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स्वीडन में मस्जिद के सामने कुरान जलाने की मंजूरी क्यों मिली? जानें पूरा मामला

स्वीडन में सलवान मोमिका नाम का एक प्रदर्शनकारी इस्लाम के विरोध में मस्जिद के बाहर कुरान की प्रति जलाकर विरोध प्रदर्शन करेगा. मोमिका ने कहा कि हम कुरान की प्रति जलाने जा रहे हैं. हम कहना चाहते हैं कि स्वीडन अब भी समय है, जाग जाओ. हम मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है लेकिन हम उनके विचारों और मान्यताओं के खिलाफ हैं.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

स्वीडन पुलिस ने एक शख्स को इस्लाम के पवित्र ग्रंथ कुरान को जलाकर प्रदर्शन करने की मंजूरी दे दी है. देश की मुख्य मस्जिद के बाहर कुरान जलाकर प्रदर्शन करने के एक शख्स के अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया है. हालांकि यह मंजूरी सिर्फ एक ही दिन के प्रदर्शन के लिए दी गई है.

इसके तहत सलवान मोमिका नाम का एक प्रदर्शनकारी इस्लाम के विरोध में मस्जिद के बाहर कुरान की प्रति जलाकर विरोध प्रदर्शन करेगा. मोमिका ने कहा कि हम कुरान की प्रति जलाने जा रहे हैं. हम कहना चाहते हैं कि स्वीडन अब भी समय है, जाग जाओ. यह लोकतंत्र हैं. हम मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है लेकिन हम उनके विचारों और मान्यताओं के खिलाफ हैं.हम मुस्लिमों के खिलाफ नहीं हैं बल्कि उनकी तरफ ही हैं. लेकिन मुस्लिम धर्म का बहुत नकारात्मक असर पड़ा है और इसे दुनियाभर में बैन किया जाना चाहिए.

पुलिस ने क्यों दी मंजूरी

इससे पहले स्वीडन पुलिस ने फरवरी में इराक के दूतावास के बाहर उन्हें कुरान जलाने से रोक दिया था. पुलिस का कहना था कि इससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है. एक एंटी नाटो समूह पर भी कुरान की प्रति जलाने पर बैन लगाया गया है.

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लेकिन इस साल अप्रैल में कोर्ट ने इस बैन को हटा दिया. कोर्ट ने कहा कि देश के संविधान के तहत प्रदर्शनकारियों के पास एकजुट होने और प्रदर्शन करने का अधिकार है. लेकिन वे देश की सुरक्षा के लिए खतरा नहीं बनने चाहिए. अदालत ने यह कहकर इन प्रदर्शनों को मंजूरी दी है कि यह अभिव्यक्ति की आजादी है. 

इससे पहले प्रदर्शनकारी ने स्टॉकहोम में इराक के दूतावास के बाहर कुरान जलाने की अनुमति मांगी थी. लेकिन उस समय पुलिस ने उसके अनुरोध को खारिज कर दिया था. इसके बाद शख्स ने कोर्ट का रुख किया था.

इस कदम का स्वीडन की नाटो की सदस्यता पर असर

स्वीडन पुलिस के इस फैसले का उसकी नाटो की सदस्यता पर असर पड़ सकता है. दरअसल स्वीडन में कुरान जलाने की घटना पहले भी हो चुकी है. इस वजह से स्वीडन की नाटो की सदस्यता भी अटक गई थी. 

स्वीडन में इस्लाम के खिलाफ होने वाले प्रदर्शनों की वजह से तुर्की के साथ उसके संबंधों में तनाव बढ़ा है और तुर्की नाटो में स्वीडन की एंट्री के लिए बाधक बनता रहा है. 

बता दें कि इस साल जनवरी में स्वीडन में कुरान की प्रति जलाई गई थी, जिससे सऊदी अरब, पाकिस्तान समेत कई मुस्लिम देशों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. स्वीडन में दक्षिणपंथी विचारधारा वाली स्ट्राम कुर्स पार्टी के नेता रासमुस पैलुदान ने नाटो सदस्यता को लेकर तुर्की से चल रहे तनाव के बीच तुर्की दूतावास के बाहर कुरान में आग लगा दी थी. 

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