आर्थिक बदहाली और विदेशी मुद्रा की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए एक उम्मीद के तौर पर देखी जा रही ऑयल डील को लेकर एक चौंकाने वाली बात सामने आई है. रूस से तेल खरीद में पाकिस्तान को मिल रहे स्पेशल डिस्काउंट से पर्दा उठाते हुए रूस ने शुक्रवार को कहा कि तेल खरीद के लिए पाकिस्तान को कोई स्पेशल छूट नहीं दी गई है. रूस ने इस बात की पुष्टि की है कि उसने पाकिस्तान को तेल सप्लाई शुरू कर दी है. पाकिस्तान इसका भुगतान चीनी करेंसी में कर रहा है.
गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए इस डील को शुरुआत से ही काफी महत्वपूर्ण बताया जाता रहा है. लेकिन रूस का यह बयान पाकिस्तान के दावों की पोल खोलने वाला है. हालांकि, तेल मार्केट से जुड़े विशेषज्ञों ने पहले ही इस डील पर सवाल उठाते हुए कहा था कि पाकिस्तान और रूस के बीच हुई यह डील राजनीति से प्रेरित नजर आ रही है. पाकिस्तान को इस डील से कुछ ज्यादा फायदा होने वाला नहीं है.
रूस से तेल की पहली खेप मिलने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ट्वीट कर कहा था कि मैंने देश से किया अपना एक और वाद पूरा किया. पहला रूसी कार्गो पाकिस्तान पहुंच चुका है. यह पाकिस्तान और रूस के बीच एक नए रिश्ते की शुरुआत है.
रूसी ऊर्जा मंत्री ने क्या कहा?
रूस के ऊर्जा मंत्री निकोलाई शुल्गिनोव ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान निर्यात होने वाले तेल की कीमत में कोई छूट नहीं दी गई है. सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सम्मेलन के दौरान शुल्गिनोव ने कहा कि रूस ने पाकिस्तान को तेल निर्यात करना शुरू कर दिया है. पाकिस्तान के लिए कोई स्पेशल छूट नहीं है. स्पेशल छूट का खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लिए तेल की कीमत अन्य खरीदारों के समान ही है.
रूसी ऊर्जा मंत्री का बयान पाकिस्तान के उन दावों और डील पर सवाल उठाता है जिसके तहत पाकिस्तान के अधिकारियों ने कहा था कि रूस पाकिस्तान को रियायती कीमतों पर तेल निर्यात करेगा. रियायती कीमतों पर तेल निर्यात को लेकर पाकिस्तान और रूस के बीच साल की शुरुआत में बातचीत हुई थी.
चीनी मुद्रा में भुगतान करेगा पाकिस्तान
निकोलाई शुल्गिनोव से जब यह पूछा गया, क्या पाकिस्तान इसका भुगतान चीनी मुद्रा में करेगा? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, "हम दोनों (पाकिस्तान और रूस) इस बात पर सहमत हुए हैं कि भुगतान मित्र देश की मुद्रा में किया जाएगा. दोनों देशों के बीच वस्तु विनिमय आपूर्ति मुद्दे पर भी चर्चा हुई है. लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है."
आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने इस महीने की शुरुआत में सरकारी और निजी संस्थाओं को वस्तु विनिमय व्यापार खोलने की अनुमति दी थी. जिससे तेजी से घटते विदेशी मुद्रा भंडार पर लगाम लगाया जा सके. रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 4 बिलियन डॉलर तक गिर गया है. यह राशि मुश्किल से एक महीने के आयात के लिए पर्याप्त है.
पाकिस्तान के पेट्रोलियम मंत्री मुसादिक मलिक के मुताबिक, पाकिस्तान ने रूस से 1 लाख मीट्रिक टन कच्चा तेल खरीदा है. इसी डील के तहत पिछले रविवार को पहली खेप में लगभग 45 हजार टन रूसी कच्चा तेल पाकिस्तान के कराची पोर्ट पहुंचा है. मुसादिक ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि तेल का भुगतान चीनी युआन में किया गया और कुछ हफ्तों में स्थानीय तेल की कीमतों में कमी आएगी. हालांकि, मलिक ने पाकिस्तान को मिलने वाली छूट का खुलासा नहीं किया था.
I have fulfilled another of my promises to the nation. Glad to announce that the first Russian discounted crude oil cargo has arrived in Karachi and will begin oil discharge tomorrow.
— Shehbaz Sharif (@CMShehbaz) June 11, 2023
Today is a transformative day. We are moving one step at a time toward prosperity, economic…
छूट मिलने के बाद भी पाकिस्तान को फायदा नहीं
कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि रूस से तेल खरीद में पाकिस्तान को 18 से 20 प्रतिशत की छूट दी गई. अगर यह मान लिया जाए कि पाकिस्तान को इतनी छूट मिली होगी, फिर भी पाकिस्तान को फायदा नहीं है. आइए जानते हैं कैसे-
वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल है. यदि पाकिस्तान ने 20 प्रतिशत छूट पर यह तेल खरीदा तो यह कीमत 64 डॉलर प्रति बैरल हो जाएगी. तेल को रिफाइन करने में 4 डॉलर प्रति बैरल खर्च आएगी. वहीं, रूस से इसे पाकिस्तान तक लाने में लगभग 12 डॉलर प्रति बैरल खर्च आएगी. यानी रूसी तेल रिफाइन होकर उसी कीमत पर पाकिस्तान पहुंचेगी जो अंतरराष्ट्रीय कीमत है. ऐसे में इस डील को फायदे का सौदा तो नहीं कहा जा सकता है.
मैंने एक और वादा पूरा किया: शहबाज शरीफ
रूस से तेल की पहली खेप मिलने पर खुशी जताते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ट्वीट करते हुए कहा था," मैंने देश से किया अपना एक और वादा पूरा किया. मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि रियायती रूसी कच्चे तेल की पहली खेप कराची पहुंच चुकी है. यह पाकिस्तान के लिए परिवर्तन वाला दिन है. हम समृद्धि, आर्थिक विकास, ऊर्जा सुरक्षा और सामर्थ्य के एक कदम और करीब पहुंच रहे हैं. यह पाकिस्तान और रूस के बीच एक नए रिश्ते की शुरुआत है. मैं उन सभी की सराहना करता हूं जो इस राष्ट्रीय कोशिश में हिस्सा बना रहे और रूस से तेल खरीद के वादे को हकीकत में बदलने में अपना योगदान दिया. "
पाकिस्तान को ज्यादा फायदा नहींः विशेषज्ञ
रूस और पाकिस्तान के बीच हुई इस डील को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि भारत की तरह पाकिस्तान ने भले ही रूस से तेल खरीदने का फैसला कर लिया है लेकिन उसे भारत जैसा लाभ होने वाला नहीं है. दरअसल, रूस से आयातित कच्चा तेल हैवी होता है. इस वजह से रिफाइन के बाद हाई स्पीड डीजल की तुलना फर्नेस तेल ज्यादा प्राप्त होता है. जबकि पाकिस्तान में सबसे ज्यादा खपत मोटर स्पिरिट ऑयल और हाई स्पीड डीजल का है. फर्नेस ऑयल का स्टॉक पहले से ही पाकिस्तान में बहुत ज्यादा है. विशेषज्ञ इस कदम को फायदेमंद कम और राजनीति से ज्यादा प्रेरित बता रहे हैं.