क्रूड ऑयल
पेट्रोलियम (Petroleum), क्रूड ऑयल (Crude Oil) रूप में भी जाना जाता है. क्रूड ऑयल मुख्य रूप से हाइड्रोकार्बन (Hydrocarbon) का एक प्राकृतिक तरल मिश्रण है. क्रूड ऑयल में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले असंसाधित कच्चे तेल और परिष्कृत कच्चे तेल से बने पेट्रोलियम उत्पाद दोनों शामिल हैं. एक जीवाश्म ईंधन, पेट्रोलियम तब बनता है जब बड़ी मात्रा में मृत जीव, ज्यादातर जोप्लांकटन और शैवाल, चट्टान के नीचे दबे होते हैं और लंबे समय तक गर्मी और दबाव में रहते हैं. क्रूड ऑयल ज्यादातर तेल ड्रिलिंग से निकाला जाता है (Crude Oil Recovery).
उत्पादों में गैसोलीन (Petrol), डीजल और मिट्टी के तेल जैसे ईंधन शामिल हैं. डामर और रासायनिक एजेंट्कास का उपयोग प्लास्टिक, कीटनाशक और फार्मास्यूटिकल्स बनाने के लिए किया जाता है. क्रूड ऑयल का उपयोग विभिन्न प्रकार की सामग्रियों के निर्माण में किया जाता है. यह अनुमान है कि दुनिया में हर दिन लगभग 100 मिलियन बैरल क्रड ऑयल की खपत होती है. पेट्रोलियम उत्पादन 20वीं शताब्दी में आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण था. कुछ देशों के साथ तेल उत्पादन के अपने नियंत्रण के कारण महत्वपूर्ण आर्थिक और अंतर्राष्ट्रीय शक्ति प्राप्त कर रहे थे (Crude Oil Countries).
क्रूड ऑयल की रासायनिक संरचना heterogeneous होती है, जो विभिन्न लंबाई की हाइड्रोकार्बन सीरीज से बनी होती है. इस वजह से, क्रूड ऑयल को तेल रिफाइनरियों में ले जाया जा सकता है और हाइड्रोकार्बन रसायनों को distillation के माध्यम से अलग किया जाता है. फिर अन्य रासायनिक प्रक्रियाओं द्वारा विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है. एक प्लांट की कुल लागत लगभग 9 बिलियन डॉलर होता है (Crude Oil Refinery).
पुतिन के भारत दौरे पर अमेरिकी मीडिया की कड़ी निगरानी. भारत-रूस डिफेंस डील, तेल व्यापार और US-India संबंधों पर बड़ा अंतरराष्ट्रीय फोकस.
Indian Rupee लगातार डॉलर के मुकाबले गिर रहा है और 90 तक पहुंचने की आशंका बढ़ गई है. जानें रुपये की गिरावट के बड़े कारण, इसका Indian Economy पर असर और महंगाई बढ़ने का खतरा.
Donald Trump New Warning: डोनाल्ड ट्रंप के तेवर एक बार फिर रूस को लेकर कड़े नजर आ रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ने Russia के साथ कारोबार करने वाले देशों को नई धमकी दी है.
अमेरिका से भारत का Crude Oil Import बीते अक्टूबर महीने में तेजी से बढ़ा है और चार साल के हाई पर पहुंचा है, लेकिन दूसरी ओर रूसी तेल की खरीद का आंकड़ा टॉप पर बना हुआ है.
रूस की दूसरी सबसे बड़ी तेल कंपनी Lukoil ने अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद अपनी अंतरराष्ट्रीय संपत्तियां बेचने का फैसला किया है. कंपनी के पास इराक, यूरोप और एशिया में बड़े तेल कुएं और रिफाइनरियां हैं. यह कदम रूस के तेल व्यापार पर बड़ा झटका माना जा रहा है.
Donald Trump रूसी तेल को लेकर अपना रुख सख्त रखे हुए हैं और हाल ही में दो रूसी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं. तेल खरीद में कटौती के मुद्दे पर अब ट्रंप और जिनपिंग इस साल पहली बार आमने-सामने बैठकर बातचीत करने वाले हैं.
Donald Trump और Xi Jinping साउथ कोरिया में APEC Summit के दौरान आमने-सामने मिलेंगे. मुलाकात में Russian Oil imports, trade tensions और global security पर अहम चर्चा होगी. दोनों देशों के बीच इस साल की पहली high-level बैठक मानी जा रही है.
राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा रूस की तेल कंपनी रोसनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंध वो कदम है जिसके बाद ऊर्जा बाजार और वैश्विक परिदृश्य में बड़े बदलाव होने के आसार है. ट्रंप और व्हाइट हाउस का दावा तो ये है कि भारत अब रूस से तेल आयात कम करने के लिए तैयार है. ट्रंप के इस एक्शन का यूक्रेन युद्ध और भारत पर क्या असर होगा?
व्हाइट हाउस में दिवाली मनाते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से ट्रेड और शांति पर बातचीत का दावा किया. भारत-पाक युद्ध रोकने की बात दोहराई, भारत ने किया खंडन.
Donald Trump ने भारत को लेकर कहा कि वहां से रूसी तेल की खरीद बंद करने का आश्वासन दिया गया है, तो वहीं उनके मंत्री Scott Bassent ने अपनी एक्स पोस्ट में जापान के लिए भी ऐसा ही कुछ बोला है.
Donald Trump ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वस्त किया है कि भारत अब रूसी तेल की खरीद नहीं करेगा. उसके इस बयान पर अब भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से बड़ा बयान आया है.
Russian Crude Oil की भारत की खरीद को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं. जहां ट्रंप कहते नजर आ रहे हैं कि भारत ने रूसी तेल न खरीदने के लिए आश्वस्त किया है, तो वहीं रूसी डिप्टी पीएम का कहना है कि तेल के पेमेंट के लिए भारत रूबल के साथ चीनी करेंसी का भी इस्तेमाल करने लगा है.
ईरान के क्रूड ऑयल पर भले ही अमेरिका ने प्रतिबंध लगाए हुए हैं, लेकिन इन्हें दरकिनार करते हुए चीन लगातार इसकी खरीद किफायती दरों पर कर रहा है. ड्रैगन एक खास व्यवस्था के तहत ये पूरा खेल करता है और अमेरिका की नजरों से बच जाता है.
Crude Oil Price Fall: कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में मंगलवार को भी गिरावट देखने को मिली और ये 67 डॉलर प्रति बैरल के आस-पास ही कारोबार बनी हुई हैं.
UNGA में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत-रूस के गहरे रिश्तों और रणनीतिक साझेदारी की तारीफ की. भारत के राष्ट्रीय हितों और आत्मनिर्णय को बताया महत्वपूर्ण.
चीन के रूस से तेल खरीद में भारी गिरावट की क्या है वजह, रूसी कच्चा तेल की खरीद को लेकर चीन से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने रूसी कच्चा तेल की खरीद कम की है और उस कमी को पूरा करने के लिए वो रूस के बजाए ब्राजील और इंडोनेशिया से तेल की खरीद बढ़ा दी है.
डोनाल्ड ट्रंप के 50% टैरिफ अटैक के बाद भी भारत की रूसी तेल खरीद लगातार जारी है और अब रूस की ओर से अतिरिक्त छूट भी ऑफर की जा रही है, जिससे भारत का आयात 10-20% बढ़ने का अनुमान जाहिर किया जा रहा है.
भारत द्वारा रूसी तेल और हथियारों की खरीद पर अमेरिका ने एक्स्ट्रा टैरिफ लगाकर इसे 50 फीसदी कर दिया है. इस बीच तमाम रिपोर्ट्स में विश्लेषकों ने भी साफ किया है कि यूएस का ये कदम सिर्फ रूसी तेल से जुड़ा नहीं है, अब सरकारी सूत्रों ने भी अमेरिकी आरोपों से जुड़े एक-एक सवाल का दो टूक जवाब दिया है.
Donald Trump द्वारा भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ को लेकर नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने साफ किया है कि अमेरिका का ये टैरिफ अटैक रूसी तेल से जुड़ा मामला नहीं है.
Russian Oil की खरीद पर अमेरिका द्वारा भारत पर लगाया गया अतिरिक्त 25% टैरिफ 27 अगस्त से लागू होने वाला है और इसके बाद भारत सबसे ज्यादा US Tariff झेलने वाले देशों की लिस्ट में ब्राजील के साथ खड़ा हो जाएगा.
अमेरिका लगातार ईरान पर आर्थिक दबाव बढ़ाने के लिए उसके अवैध तेल निर्यात पर एक्शन ले रहा है और इसके तहत चीन के दो ऑयल टर्मिनल के साथ ही एक ग्रीक नागरिक और उसके शिपिंग नेटवर्क पर प्रतिबंध लगाया गया है.