कनाडा के क्वेबेक प्रांत में धार्मिक प्रतीकों और प्रार्थना पर कड़ा नियंत्रण लगाने के लिए सरकार नया सेक्यूलरिज़्म बिल पेश करने जा रही है. छह साल पहले लागू हुए Bill 21 के बाद यह बिल शिक्षा संस्थानों और सार्वजनिक स्थानों में धर्म के प्रभाव को और सीमित करेगा. क्यूबेक के धर्मनिरपेक्षता मंत्री जीन-फ़्रांस्वा रोबेरज ने इसे “Secularism 2.0” करार दिया है और कहा कि अब समय आ गया है कि सेक्युलरिज़्म के नियमों को और मजबूत किया जाए.
क्या है नया प्रस्तावित कानून?
मंत्री जीन-फ़्रांस्वा रोबेरज गुरुवार को नया कानून पेश करेंगे, जिसमें धार्मिक कपड़ों, प्रार्थना और धार्मिक स्कूलों की फंडिंग पर कई नए नियम शामिल होंगे. उनके मुताबिक, 2019 के बाद क्वेबेक बदल चुका है और अब सेक्युलरिज़्म मॉडल को मजबूत करना ज़रूरी है.
क्या-क्या बदलेगा?
सार्वजनिक जगहों पर प्रार्थना पर पाबंदी-रोबेरज ने हाल ही में सार्वजनिक स्थानों पर प्रार्थना पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था. खासकर मुस्लिम समुदाय की कुछ सार्वजनिक प्रार्थनाओं और प्रदर्शनों के बाद यह मुद्दा गरमाया. उन्होंने कहा कि “सड़कें रोकने के लिए प्रार्थना का उपयोग करना चौंकाने वाला” है. हालांकि, कुछ अपवाद दिए जा सकते हैं.
शिक्षा संस्थानों में धार्मिक प्रतीकों पर पूर्ण प्रतिबंध-यह प्रतिबंध डेकेयर से लेकर कॉलेज और विश्वविद्यालयों तक सभी स्तरों पर लागू होगा, निजी स्कूल भी शामिल हैं. 2019 के कानून के तहत शिक्षकों, पुलिस और जज जैसे अधिकार वाले पदों पर धार्मिक प्रतीक पहनने पर पाबंदी थी. हाल ही में इसे विस्तारित करके स्कूलों में छात्रों से जुड़ने वाले सभी लोगों यहां तक कि वॉलंटियरों पर भी लागू किया गया. इसमें हिजाब, किप्पा, पगड़ी और क्रॉस जैसी चीज़ें शामिल हैं. यह कानून इन पदों पर आसीन लोगों को अपनी पहचान छिपाने वाले चेहरे को ढकने वाले कपड़े पहनने से भी रोकता है.
प्रार्थना कक्ष (Prayer Rooms) पर रोक-कनाडा के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में मौजूद प्रार्थना कक्ष अब प्रतिबंधित होंगे.
पूर्ण चेहरे वाले पर्दे पर पाबंदी-पोस्ट-सेकेंडरी छात्रों के लिए पूर्ण चेहरे वाले पर्दे (जैसे निक़ाब) पर रोक लगेगी. हालांकि, आम सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढकने वाले कपड़ों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा, जबकि फ्रांस में ऐसा प्रतिबंध पहले से लागू है. मंत्री ने कहा कि कानून “महत्वाकांक्षी लेकिन मध्यम” होगा.
धार्मिक स्कूलों की सरकारी फंडिंग पर शर्तें-क्वेबेक में लगभग 50 सब्सिडाइज़्ड निजी धार्मिक स्कूल हैं. अब उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि कक्षा के समय में धर्म की शिक्षा न दें. हालांकि, इन्हें पूरी तरह फंडिंग बंद नहीं की जाएगी.
सरकारी संस्थानों के संचार में धार्मिक प्रतीकों का निषेध-पिछले साल मॉन्ट्रियल सिटी हॉल के एक पोस्टर में हिजाब पहने महिला की तस्वीर पर विवाद हुआ था. अब ऐसे चित्र किसी भी पब्लिक संस्थान की सामग्री में नहीं दिखेंगे.
डेकेयर के मेन्यू में बदलाव-सब्सिडाइज़्ड डेकेयर अब केवल धार्मिक परंपरा पर आधारित भोजन नहीं परोस सकेंगे. जैसे कि सिर्फ हलाल मेन्यू रखना अनुमति नहीं होगी.
रोबेरज ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो में इस बिल का संकेत देते हुए लिखा- “यही है कि हम क्वेबेक में कैसे रहते हैं. ” यह नया कानून अगस्त में आए एक स्वतंत्र रिपोर्ट से प्रेरित है, जिसमें सेक्युलरिज़्म को मजबूत करने के लिए 50 सिफारिशें दी गई थीं. बता दें कि कनाडा का क्वेबेक प्रांत अन्य प्रांतों से अलग सोच और कल्चर वाला है. इस प्रांत में फ्रांस के कल्चर को फॉलो किया जाता है. यहां की आधिकारिक भाषा भी फ्रेंच है.