रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी से जंग जारी है. दोनों देश एक दूसरे की तबाही पर तुले हुए हैं. रूसी सैनिकों ने यूक्रेन के कई शहर खंडहर कर दिए हैं. युद्ध में हजारों बेगुनाह जान गंवा चुके हैं, वहीं कई लोग बेघर हो गए हैं. इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परमाणु हथियारों के उपयोग को लेकर चिंता व्यक्त की थी. पीएम मोदी के विचारों का रूसियों पर गहरा प्रभाव पड़ा है.
दरअसल, अमेरिकी खुफिया एजेंसी (CIA) के निदेशक बिल बर्न्स ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने परमाणु हथियारों के उपयोग को लेकर गहरी चिंता जताई थी, उनके विचारों का रूस पर गहरा प्रभाव पड़ा है. यही वजह है कि इस युद्ध में अभी तक न्यूक्लियर हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया गया है.
बिल बर्न्स ने एक इंटरव्यू में कहा कि मुझे लगता है कि ये सब डराने के लिए है. आज हमें सामरिक परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की योजना का कोई सबूत नहीं दिख रहा है.
CIA चीफ बिल बर्न्स की टिप्पणी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने न्यूक्लियर अटैक की धमकी दी थी. दरअसल, क्रेमलिन में रूस की मानवाधिकार परिषद की बैठक में पुतिन ने कहा था कि रूस अपने सभी उपलब्ध साधनों के साथ लड़ाई लड़ेगा. पुतिन ने कहा था कि वह मॉस्को के परमाणु हथियार को उकसावे के बजाय समाधान मानते हैं.
दरअसल, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से ही भारत बातचीत और कूटनीति का आह्वान कर रहा है. 16 दिसंबर को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक टेलीफोनिक बातचीत में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का एकमात्र हल बातचीत और कूटनीति बताया था.
इतना ही नहीं, सितंबर में समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन की समिट में रूस के राष्ट्रपति पुतिन से कहा था कि आज का युग युद्ध का नहीं है. इस पर पुतिन ने कहा था कि मैं यूक्रेन संघर्ष पर आपकी स्थिति के बारे में जानता हूं. मैं आपकी चिंताओं के बारे में जानता हूं. हम चाहते हैं कि यह सब जल्द से जल्द खत्म हो.
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