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'मोदी तीसरी बार...', पाकिस्तान की सरकार को क्यों दी गई भारत की मिसाल

भारत से रिश्ता खराब कर पाकिस्तान ने घाटे का सौदा कर लिया है और ये बात वहां के लोग बखूबी समझ रहे हैं. हाल ही में वहां के कारोबारियों ने शहबाज शरीफ सरकार से मांग की थी कि वो भारत के साथ कारोबारी रिश्ते शुरू करें. अब वहां के राजनीतिक विश्लेषकों ने सरकार से ऐसी ही मांग कर दी है.

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पाकिस्तान में शहबाज शरीफ सरकार पर भारत से बातचीत शुरू करने का दबाव बढ़ता जा रहा है (Photo- Reuters)
पाकिस्तान में शहबाज शरीफ सरकार पर भारत से बातचीत शुरू करने का दबाव बढ़ता जा रहा है (Photo- Reuters)

पाकिस्तान के कारोबारियों के बाद अब वहां के राजनीतिक विश्लेषकों ने शहबाज शरीफ सरकार से भारत से रिश्ते सुधारने की मांग कर दी है. विश्लेषकों का कहना है कि देश में आर्थिक स्थिरता लाने के लिए कारोबारियों की बातचीत पर अमल कर भारत से बातचीत शुरू करनी होगी. उन्होंने कहा कि भारत के कारोबारी प्रधानमंत्री मोदी से खुश है इसलिए वो तीसरी बार पीएम बनने जा रहे हैं.

पाकिस्तानी चैनल एक्सप्रेस न्यूज पर 'एक्सपर्ट्स' टॉक शो में बोलते हुए पाकिस्तानी अखबार 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' के चीफ एडिटर नावीद हुसैन ने कहा कि आर्थिक स्थिरता के लिए राजनीतिक स्थिरता बेहद जरूरी है. उन्होंने शहबाज शरीफ सरकार को देश में राजनीतिक स्थिरता कायम करने के लिए आदियाला जेल में बंद इमरान खान से बात करने की सलाह दी.

'डेली एक्सप्रेस' के ग्रुप एडिटर अयाज खान ने पाकिस्तान के बड़े कारोबारी आरिफ हबीब के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को दिए सुझावों का समर्थन किया. उन्होंने विदेश मंत्री इशाक डार के बयान का हवाला देते हुए कहा है कि सरकार भारत के साथ बातचीत करने को इच्छुक है और शहबाज शरीफ इस संबंध में सहयोगियों से बातचीत कर रहे हैं.

कुछ दिनों पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री डार ने कहा था कि वो भारत के साथ व्यापार संबंधों को फिर से बहाल करने के लिए संबंधित पक्षों से बात कर रहे हैं.

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अयाज खान ने देश की अर्थव्यवस्था में कारोबारी समुदाय के योगदान का जिक्र करते हुए कहा, 'किसी भी देश के लिए कारोबारी समुदाय बहुत महत्वपूर्ण होता है. मुझे याद है जब नरेंद्र मोदी पहली दफा चुनकर आए थे तब कहा गया था कि वहां का कारोबारी समुदाय उन्हें लेकर आया है, दूसरी दफा भी आए और तीसरा बार भी पूरी संभावना है कि नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे क्योंकि भारत का कारोबारी समुदाय उनसे खुश है.'

पाकिस्तान के कारोबारियों और शहबाज शरीफ की बैठक

इसी हफ्ते पाकिस्तानी पीएम ने देश के बड़े कारोबारियों के साथ एक मुलाकात की जिसमें उनसे तीखे सवाल किए गए. उनसे कहा गया कि वो देश की हालत सुधारने के लिए दो जगह हाथ मिलाएं. एक हाथ- जेल में बंद इमरान खान के साथ और दूसरा हाथ भारत के साथ.

आरिफ हबीब ग्रुप के मुखिया आरिफ हबीब ने पीएम से मुलाकात के दौरान कहा, 'आपने सत्ता में आने के बाद कुछ लोगों से हाथ मिलाया है जिसके अच्छे नतीजे सामने आए हैं. हमने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से डील में अच्छी प्रगति की है. मेरा सुझाव है कि आप कुछ और लोगों से हाथ मिलाएं. एक तो भारत से व्यापार शुरू करें जो हमारी अर्थव्यवस्था को बहुत लाभ पहुंचाएंगा. दूसरा हाथ आप आदियाला जेल में रह रहे इंसान (इमरान खान) से मिला लें. मुझे यकीन है आप ये कर पाएंगे.'

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कारोबारियों की बात सुनकर शहबाज शरीफ ने भारत से व्यापार और इमरान खान से हाथ मिलाने को लेकर कोई सीधा जवाब नहीं दिया बल्कि बस इतना कहा कि वो सुझावों पर अमल करेंगे.

शहबाज शरीफ की इस रणनीति पर अयाज खान का कहना है कि शहबाज शरीफ समझदार इंसान हैं और कूटनीतिक तरीके से उत्तर देना जानते हैं. उन्होंने कहा, 'कारोबारियों के सवालों का वो सीधा जवाब दे भी नहीं सकते थे. शहबाज शरीफ बेहद ही समझदार हैं... वो किसी के चक्कर में नहीं आते आप चाहे जैसे मर्जी उनसे सवाल पूछ लें...घुमा-फिराकर भी...वो उसका जवाब ही नहीं देते.'

बांग्लादेश की तरक्की और पाकिस्तान की बदहाली पर PM शहबाज का दर्द

पाकिस्तान के कारोबारियों से मुलाकात के दौरान शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान से निकला बांग्लादेश काफी तरक्की कर चुका है.  उन्होंने कहा कि पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) जो कि कभी देश के लिए बोझ समझा जाता था, आज उद्योगों के मामले में बहुत आगे जा चुका है.

शहबाज शरीफ ने कहा, 'मैं बहुत छोटा था जब.... हमें बताया गया कि यह हिस्सा हमारे कंधों पर बोझ है. आज आप सभी जानते हैं कि वो बोझ आर्थिक विकास के मामले में कहां से कहां पहुंच गया है. आज हम हम उनकी तरफ देखते हैं तो खुद पर शर्म आती है.'

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