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ऑपरेशन सिंदूर से खौफजदा पाकिस्तान... लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी हेडक्वार्टर को मुरीदके से बहावलपुर शिफ्ट करने की तैयारी

भारत के ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान में खौफ है. उन्हें डर है कि भारत पहलगाम हमले के बदले में और भी कार्रवाई कर सकता है. पाकिस्तानी सेना द्वारा लश्कर-ए-तैयबा और उससे जुड़ी द रेजिस्टेंट फोर्स को समर्थन देने की खबरें सामने आई हैं. सूत्रों के अनुसार, लश्कर अपने मुख्यालय को मुरीदके से बहावलपुर शिफ्ट करने की योजना पर काम कर रहा है.

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 लश्कर ने मुरीदके छोड़कर बहावलपुर जाने का बनाया प्लान (File: ITG)
लश्कर ने मुरीदके छोड़कर बहावलपुर जाने का बनाया प्लान (File: ITG)

पाकिस्तान अपने नापाक हरकतों से कभी भी बाज नहीं आ सकता है. पाकिस्तानी सेना अब लश्कर-ए-तैयबा और उससे जुड़ी 'द रेजिस्टेंट फोर्स' नाम की आतंकी संस्था को समर्थन दे रही है. आजतक को मिली सूत्रों की जानकारी के अनुसार, आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा अपने मुख्यालय को मुरीदके से बहावलपुर ले जाने की तैयारी कर रहा है. 

भारतीय खुफिया एजेंसियां इस पूरे घटनाक्रम पर करीबी से नजर बनाए हुए है. एजेंसियों को शक है कि पाकिस्तानी सेना चाहती है कि लश्कर-ए-तैयबा और द रेजिस्टेंट फोर्स का मुख्यालय एक ही जगह 'बहावलपुर' में हो, ताकि दोनों संगठनों को आसानी से संभाला जा सके और उनके बीच तालमेल बढ़ाया जा सके. 

यह घटनाक्रम भारत के लिए चिंता का विषय है क्योंकि इससे आतंकवादी गतिविधियों को नया बल मिल सकता है और सीमापार से खतरा और बढ़ सकता है. 

ये जानकारी तब सामने आई है जब अमेरिका ने पहलगाम हमले के लिए 'द रेजिस्टेंट फोर्स' को विदेशी आतंकवादी संगठन और वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) संगठन में शामिल किया है. भारत ने इस फैसले का स्वागत किया है. 

यह भी पढ़ें: आतंकी मसूद अजहर पाकिस्तान में कहां छिपा है? मिल गया सुराग, आज तक की Exclusive रिपोर्ट

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ऑपरेशन सिंदूर में बहावलपुर और मुरीदके पर हमला

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादी घटना में 26 लोगों की जान चली गई थी. इस घटना के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था और पाकिस्तान को उसी के भाषा में जवाब दिया था. 

भारतीय सेना ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित दो बेहद संवेदनशील आतंकी ठिकानों – मुरीदके और बहावलपुर – को निशाना बनाया था. बहावलपुर और मुरीदके में मौजूद आतंकी ठिकानों पर ड्रोन, रॉकेट या मिसाइल हमले किए गए थे. पाकिस्तान की ओर से इन घटनाओं को लेकर कोई औपचारिक स्वीकारोक्ति नहीं दी गई है, लेकिन स्थानीय रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर विस्फोट की तस्वीरें और वीडियो वायरल हुईं थी. 

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