बहावलपुर (Bahawalpur), पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित एक ऐतिहासिक शहर है, जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, स्थापत्य कला और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है. भारत ने 6 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और PoJK में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर टारगेटेड स्ट्राइक किया. जिनमें पाकिस्तान पंजाब के बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और मुरिदके स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के मुख्यालय शामिल था. यह ऑपरेशन 22 अप्रेल 2025 को हुए पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में किया गया.
बहावलपुर रियासत की स्थापना 1727 में नवाब सादिक मुहम्मद खान अब्बासी-I ने की थी. यह रियासत 1748 से 1833 तक एक स्वतंत्र सत्ता के रूप में अस्तित्व में रही और 1833 से 1955 तक ब्रिटिश भारत और बाद में पाकिस्तान के अधीन एक रियासत के रूप में रही. 1955 में, बहावलपुर को पाकिस्तान में पूरी तरह से मिला दिया गया.
बहावलपुर अपने भव्य महलों और ऐतिहासिक इमारतों के लिए प्रसिद्ध है, जिनमें नूर महल, दरबार महल, गुलज़ार महल और सादिक मस्जिद प्रमुख हैं. इन इमारतों में इस्लामी, यूरोपीय और स्थानीय स्थापत्य शैलियों का सुंदर संगम देखने को मिलता है.
बहावलपुर जिला पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का एक जिला है, जिसका प्रशासनिक मुख्यालय बहावलपुर शहर है. इस जिले का कुल क्षेत्रफल 24,830 वर्ग किलोमीटर है. वर्ष 1998 की जनगणना के अनुसार, इसकी कुल जनसंख्या 2,433,091 थी.
बहावलपुर रियासत ने धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक समरसता को बढ़ावा दिया. 1947 के भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय, बहावलपुर रियासत ने रामपुर के लोगों को शरण दी थी, जो उस समय की सामाजिक समरसता का प्रतीक है.
वर्तमान में, बहावलपुर एक प्रमुख शहरी केंद्र है, जो कृषि, कपड़ा उद्योग और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देता है. यहां की प्रमुख भाषा पंजाबी है, जबकि उर्दू और अंग्रेजी भी व्यापक रूप से बोली जाती हैं.
ऑपरेशन सिंदूर के 6 महीने गुजरने के बाद पहली बार पाकिस्तान का एक केंद्रीय मंत्री उस टेरर कैंप के दौरे पर पहुंचा है जिसे भारत ने 7 मई को ध्वस्त कर दिया था. पाकिस्तान ने आतंकियों के इस पनाहगाह को फिर से बनाने की घोषणा की है.
पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद ने पहली महिलाओं की विंग 'जमात-उल-मोमिनात' बनाई है. मसूद अजहर की बहन सादिया के नेतृत्व में ये विंग काम करेगी. बहावलपुर से भर्ती शुरू, कमांडरों की पत्नियां और गरीब महिलाएं टारगेट हैं. अब महिला सुसाइड बॉम्बर ट्रेनिंग का डर. भारत के लिए खतरा बढ़ा.
भारत के ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान में खौफ है. उन्हें डर है कि भारत पहलगाम हमले के बदले में और भी कार्रवाई कर सकता है. पाकिस्तानी सेना द्वारा लश्कर-ए-तैयबा और उससे जुड़ी द रेजिस्टेंट फोर्स को समर्थन देने की खबरें सामने आई हैं. सूत्रों के अनुसार, लश्कर अपने मुख्यालय को मुरीदके से बहावलपुर शिफ्ट करने की योजना पर काम कर रहा है.
शहबाज शरीफ का यह बयान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद आया है. इस हमले के बाद नई दिल्ली की ओर से तीखी सैन्य प्रतिक्रिया हुई और पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया.
भारत की ओर से जैश-ए-मोहम्मद के पाकिस्तान स्थित हेडक्वार्टर पर किए गए हमले के बाद अब बहावलपुर के 'मरकज़ सुभान अल्लाह कैंप' को गूगल मैप्स पर 'स्थायी रूप से बंद' दिखाया जा रहा है. बहावलपुर का ये कैंप भारत-पाकिस्तान सीमा से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित था और जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख प्रशिक्षण और कट्टरपंथी बनाने का केंद्र था.
ऑपरेशन सिंदूर में भारत के मिसाइल हमले में पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के कई आतंकवादी मारे गए, जिनमें मौलाना मसूद अजहर के परिजन भी शामिल थे. अब आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने खुद सोशल मीडिया पर इन आतंकवादियों की कब्रों की तस्वीरें और वीडियो साझा किए हैं, जिनमें मसूद अजहर की रोती हुई आवाज सुनाई दे रही है.
पाकिस्तान के पंजाब में 28 मई को यौम-ए-तकबीर के मौके पर एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ था. दरअसल इसी दिन 1998 को पाकिस्तान ने बलूचिस्तान के चगई में सफलतापूर्वक परीक्षण कर परमाणु संपन्न राष्ट्र बना था. लेकिन यौम-ए-तकबीर के इस कार्यक्रम में लश्कर के खूंखार आतंकियों के साथ शहबाज शरीफ के कई मंत्रियों को मंच साझा करते देखा गया.
जहां जैश-ए-मोहम्मद डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय है, वहीं लश्कर-ए-तैयबा अपनी राजनीतिक पार्टी के जरिए रैलियां निकाल रहा है. बता दें कि भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के जरिये इन दोनों संगठनों के मुख्यालयों पर हवाई हमले किए थे. यह हमला पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया था जिसमें कई लोग मारे गए थे.
जैश के इस सबसे बड़े टेरर कैंप की पूरी जानकारी भारतीय खुफिया एजेंसी को पहले से थी. पहलगाम हमले के बाद जब नापाक ट्रेनिंग कैंपों की लिस्ट बनाई गई, तो उस लिस्ट में मरकज सुभानअल्लाह का नाम लश्कर के मुरीदके कैंप के बाद दूसरे नंबर पर था. ऑपरेशन सिंदूर के तहत सबसे मुश्किल टारगेट जैश का बहावलपुर में मौजूद यही कैंप था.
सैटेलाइट तस्वीरों से पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस पर भारत के हमले की पुष्टि होती है, जो इस्लामाबाद से सिर्फ 10 किलोमीटर दूर एक प्रमुख सैन्य बेस है. पहले PAF स्टेशन चकलाला के नाम से जाना जाने वाला यह बेस सैन्य ऑपरेशन, वीआईपी ट्रांसपोर्ट, एयर फ्यूलिंग के काम आता था.
लाहौर में HQ-9 बैटरी पर भारत ने इजरायनी सुसाइड ड्रोन Harop से हमला करके उसे बर्बाद कर दिया. इस हमले ने पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली को कमजोर कर दिया. क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा दिया. ऑपरेशन सिंदूर-1 और पार्ट-2 जैसे अभियानों के साथ भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद का जवाब देने में सक्षम है.
पाकिस्तान की हालत 1971 की जंग के बाद जैसी भले न हुई हो, लेकिन मिलती जुलती ही है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पड़ोसी मुल्क में आतंकवाद ही नहीं, मौजूदा फौजी हुक्मरानो के पैरों तले जमीन भी खींच ली है - अगर अवाम ने आगे बढ़कर संभालने की कोशिश नहीं की, तो सर्वाइवल की चुनौती भी खड़ी हो सकती है.
पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत बड़ी कार्रवाई की है. बहावलपुर, मुरीदके और मुजफ्फराबाद में हुई एयरस्ट्राइक में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य और चार सहयोगी मारे गए. मसूद अजहर ने खुद कबूला कि 'मैं भी मर जाता तो अच्छा होता.'
ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-2 जारी है. यह भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति का एक और मजबूत कदम है. मेटियोर, स्काईस्ट्राइकर, स्पाइस 2000 और एक्सकैलिबर जैसे हथियारों का उपयोग भारतीय सेना को दुश्मन के क्षेत्र में गहराई तक सटीक हमले करने की अभूतपूर्व क्षमता प्रदान करेंगे.
भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के बहावलपुर में आतंकी मसूद अजहर के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की. हमले में अजहर के परिवार के 10 सदस्य मारे गए. मस्जिद भी तबाह हुई
ऑपरेशन सिंदूर ने राफेल लड़ाकू विमानों की ताकत को दुनिया के सामने ला दिया. राफेल की उन्नत तकनीक, स्टील्थ क्षमताएं और लंबी दूरी की सटीक हथियार प्रणालियों ने आतंकी ठिकानों को बिना किसी नुकसान के नष्ट कर दिया. राफेल ने न केवल पाकिस्तान में तांडव मचाया, बल्कि यह भी साबित किया कि भारत अब किसी भी खतरे का जवाब देने के लिए तैयार है.
सूत्रों के अनुसार, भारत ने बुधवार रात पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर दो बार हमला किया. वायुसेना ने हवा से और थलसेना ने जमीन से मिसाइलें दागीं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने केवल उन्हीं को मारा जिन्होंने हमारे मासूमों को मारा. ऑपरेशन सिंदूर का मकसद आतंकवाद को पनाह देने वालों को सबक सिखाना था.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद सामने आए वीडियो में लश्कर कमांडर हाफिज अब्दुल रऊफ आतंकियों के जनाजे में नमाज पढ़ते नजर आए. सेना और पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे. क्या भारत की स्ट्राइक में मारा गया कोई बड़ा आतंकी?
Operation Sindoor: भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन के 9 ठिकानों पर एयरस्ट्राइक कर दी. RAW की खुफिया सूचनाओं के आधार पर की गई इस कार्रवाई में भारत के दुश्मन तीनों आतंकी सरगनाओं की जड़ें हिल गईं.
asaduddin owaisi video: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने पाकिस्तान में आतंकियों के 9 ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की. इस बीच AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का वीडियो सामने आया, जिसमें वे मंच से पाकिस्तान मुर्दाबाद और भारत जिंदाबाद के नारे लगाते दिखे.
operation sindoor in hindi: पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए टूरिस्ट गाइड सैयद आदिल हुसैन शाह के पिता ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को अपने बेटे की शहादत का बदला बताया. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और सेना का आभार जताया. शाह के भाई ने कहा कि अब उनके भाई और अन्य 25 निर्दोष लोगों की आत्मा को शांति मिलेगी.