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'हमारी नीतियों की वजह से दुनिया में कम हुई महंगाई', जयशंकर ने ऐसा क्यों कहा

जयशंकर ने बुधवार को लंदन के विल्टन पार्क कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए रूस से तेल खरीदने की भारत की पॉलिसी पर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि रूस से तेल खरीदने की भारत की पॉलिसी से दुनियाभर को फायदा हुआ है. अगर हम रूस से तेल नहीं खरीदते तो इससे अस्थिरता आ सकती थी, महंगाई बढ़ सकती थी. 

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विदेश मंत्री जयशंकर
विदेश मंत्री जयशंकर

विदेश मंत्री जयशंकर इन दिनों ब्रिटेन के दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने रूस से तेल खरीदने के भारत के रुख पर एक बार फिर बात की. उन्होंने कहा कि भारत की तेल खरीद पॉलिसी की वजह से ही दुनिया में महंगाई घटी है. इसके लिए दुनिया को हमारा शुक्रगुजार होना चाहिए.

जयशंकर ने बुधवार को लंदन के विल्टन पार्क कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए रूस से तेल खरीदने की भारत की पॉलिसी पर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि रूस से तेल खरीदने की भारत की पॉलिसी से दुनियाभर को फायदा हुआ है. अगर हम रूस से तेल नहीं खरीदते तो इससे अस्थिरता आ सकती थी, वैश्विक स्तर पर महंगाई बढ़ सकती थी. 

जयशंकर ने अपनी बात को समझाते हुए कहा कि एक बार कल्पना कीजिए, अगर हमने रूस से तेल नहीं खरीदा होता तो वैश्विक तेल की कीमतें आसमान छू रही होती. तेल खरीद के मामले में मुझे लगता है कि वैश्विक तेल की कीमतें अधिक हो गई होती क्योंकि हम भी उसी बाजार की तरफ जाते और उन्‍हीं सप्‍लायर्स का रुख करते, जिनके पास यूरोप के देश गए थे. इस तरह तेल की कीमतें और बढ़ती. ऐसे में भारत की तेल पॉलिसी ने महंगाई रोकने में मदद की है.

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उन्होंने कहा कि भारत एक बड़ा देश है तो तेल बाजार में हमारा सम्मान होता है लेकिन ऐसे कई छोटे-छोटे देश हैं, जिन्हें तेल बेचने में इन सप्लायर्स की कोई दिलचस्पी नहीं है. वे सिर्फ बड़े खरीदारों को ही तेल बेचते हैं.

शुक्रिया का इंतजार है...

जयशंकर ने कहा कि हमारी तेल पॉलिसी की वजह से वैश्विक महंगाई घटी है तो ऐसे में हमारा शुक्रगुजार होना चाहिए. मैं अभी भी इंतजार कर रहा हूं कि कोई तो हमारा आभार जताएगा.

बता दें कि रूस यूक्रेन युद्ध के दौरान पश्चिमी देशों ने रूस के तेल पर प्रतिबंध लगा दिया था. लेकिन भारत और चीन जैसे देशों ने सस्ती दरों पर रूस से तेल खरीदा था, जिसे लेकर भारत की काफी आलोचना भी हुई थी. 

निज्जर पर जयशंकर ने क्या बोला? 

जयशंकर ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में कहा कि भारत जांच से इनकार नहीं कर रहा है. लेकिन इस ंसबंध में हमारे समक्ष सबूत पेश किए जाएं. 

दरअसल, कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में एक गुरुद्वारे के पार्किंग में आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई थी. पिछले दिनों कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अपने देश की संसद में निज्जर को कनाडाई नागरिक बताते हुए उसकी हत्या में भारतीय एजेंट्स का हाथ बताया था. हालांकि, भारत ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया था. इसके बाद से दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी देखने को मिली. 

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इस मामले पर जयशंकर ने कहा था कि हमें लगता है कि कनाडाई राजनीति ने हिंसक और अतिवादी राजनीतिक विचारों को जगह दी है. जो हिंसक तरीकों समेत भारत में अलगाववाद की वकालत करते हैं. इन लोगों को कनाडाई राजनीति में समायोजित किया गया है.

उन्होंने कहा कि कनाडा में ऐसी स्थिति आ गई है कि उच्चायुक्त समेत हमारे राजनयिकों पर हमला किया गया, उच्चायोग और महावाणिज्य दूतावास पर स्मॉक बम फेंके गए, मेरे राजनयिकों ने सार्वजनिक रूप से और रिकॉर्ड पर इनकी जानकारी दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी एक निश्चित जिम्मेदारी के साथ आती है. उन स्वतंत्रताओं का दुरुपयोग और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इसका इस्तेमाल बर्दाश्त करना बहुत गलत होगा. 

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