scorecardresearch
 

इजरायल से तनाव के बीच परमाणु संधि से बाहर आने की तैयारी में ईरान, क्या होगा अगला कदम?

ईरान की तरफ से यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब इजरायल और ईरान के बीच तनाव से क्षेत्रीय युद्ध की आशंका बढ़ गई है. इजरायल ने ईरानी सैन्य ठिकानों के साथ न्यूक्लियर साइट्स को भी निशाान बनाया है. इसके बाद ऐसे इलाकों के आसपास रहने वाले लोगों को वहां से निकल जाने की चेतावनी दी गई है.

Advertisement
X
परमाणु अप्रसार संधि से बाहर निकलने की तैयारी
परमाणु अप्रसार संधि से बाहर निकलने की तैयारी

इजरायल और ईरान के बीच पिछले चार दिन से तनाव जारी है और दोनों देश एक-दूसरे पर हवाई हमले कर रहे हैं. इस बीच ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघई ने सोमवार को कहा कि ईरानी संसद परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) से बाहर निकलने के लिए एक विधेयक तैयार कर रही है. साथ उन्होंने कहा कि ईरान सामूहिक विनाश के हथियारों का विरोध करता है और हम परमाणु हथियार बनाने के पक्षधर नहीं हैं.

तनाव के बीच ईरान का फैसला 

इससे पहले ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने कहा था कि ईरान का परमाणु हथियार विकसित करने का इरादा नहीं है, लेकिन वह न्यूक्लियर एनर्जी और रिसर्च के अपने अधिकार का पालन करेगा. उन्होंने सामूहिक विनाश के हथियारों के खिलाफ सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के धार्मिक फरमान को भी दोहराया था.

ये भी पढ़ें: तुर्की का कट्टर दुश्मन, भारत का पक्का दोस्त... छोटे से देश साइप्रस में इंडिया को क्यों है इतनी दिलचस्पी?

ईरान की तरफ से यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब इजरायल और ईरान के बीच तनाव से क्षेत्रीय युद्ध की आशंका बढ़ गई है. इजरायल ने ईरानी सैन्य ठिकानों के साथ न्यूक्लियर साइट्स को भी निशाना बनाया है. इसके बाद ऐसे इलाकों के आसपास रहने वाले लोगों को वहां से निकल जाने की चेतावनी दी है, एक अधिकारी ने कहा कि टारगेट की एक लंबी लिस्ट तैयार की गई है. 

Advertisement

इजरायल के साथ तेज हुआ संघर्ष

इजरायल और ईरान ने रविवार रात से लेकर सोमवार सुबह तक मिसाइल हमलों का सिलसिला जारी रखा. दोनों देशों के बीच सीजफायर की अंतरराष्ट्रीय अपीलों को नजरअंदाज करते हुए हवाई हमले चौथे दिन भी जारी रहे. इजरायल ने अब तक के हमलों में ईरान के टॉप मिलिट्री कमांडरों समेत कई परमाणु वैज्ञानिकों को मार दिया है, जिसके बाद अब ईरान बदला लेने के लिए तेल अवीव और मध्य इजरायल में बमबारी कर रहा है. 

ये भी पढ़ें: अमेरिका ने क्यों बचा ली खामेनेई की जान? ट्रंप के रेड सिग्नल के बाद अब क्या करेगा इजरायल

इजरायल के हमले में ईरान की परमाणु साइट, ऑयल डिपो और कई रिहायशी इलाके पूरी तरह तबाह हो चुके हैं. ईरान में 400 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, जबकि इजरायल में कुछ रिहायशी इलाकों को ही नुकसान पहुंचा है, जहां 16 लोगों की मौत हो चुकी है. 

US की मदद से परमाणु कार्यक्रम

ईरान का परमाणु कार्यक्रम 2018 से तेज़ी से आगे बढ़ा है, जब अमेरिका ने तेहरान की यूरेनियम इनरिचमेंट कैपेसिटी को सीमित करने के लिए एक समझौते से हाथ खींच लिया था, जो परमाणु हथियार बनाने के लिए ज़रूरी है. ईरान का कहना है कि उसका कार्यक्रम शांतिपूर्ण है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने बार-बार चेतावनी दी है कि अगर देश चाहे तो कई परमाणु बम बनाने के लिए उसके पास पर्याप्त यूरेनियम है.

Advertisement

ईरान ने अमेरिका की मदद से 1957 में अपना परमाणु कार्यक्रम शुरू किया था. लेकिन तब उसका मकसद अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना था. हालांकि बाद में ईरान के इरादों पर शक होने के बाद अमेरिका ने अपना सहयोग वापस ले लिया और तब से ईरान पर इस समझौते का उल्लंघन करने के आरोप लगते रहे हैं. 

ईरान ने भी परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर साइन किए थे और हथियार नहीं बनाने का वादा किया था. बावजूद इसके यूरेनियम एनरिचमेंट शुरू करने के बाद इस दिशा में चिताएं काफी बढ़ गई हैं और कुछ देशों को शक है कि ईरान अब परमाणु हथियार बना रहा है. ऐसे में इस संधि से आधिकारिक तौर पर बाहर आने के बाद ईरान के लिए परमाणु हथियार बनाने का रास्ता साफ हो जाएगा.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement