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इस क्षेत्र में मजबूत हुई भारत-रूस की साझेदारी, पीछे रह गए अमेरिका, चीन

रूस और भारत की व्यापारिक साझेदारी बढ़ती जा रही है. रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से भारत ने रूस से तेल और उर्वरकों की रिकॉर्ड खरीदारी की है. हालिया आंकड़ों से पता चल रहा है कि रूस भारत का दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश बन गया है.

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रूस के साथ भारत के व्यापारिक रिश्ते लगातार मजबूत हो रहे हैं (Photo- AFP)
रूस के साथ भारत के व्यापारिक रिश्ते लगातार मजबूत हो रहे हैं (Photo- AFP)

रूस के साथ बढ़ती तेल खरीद के बीच खबर है कि रूस से भारत का आयात दोगुना हो गया है. वाणिज्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, रूस से कच्चे तेल और उर्वरकों की बढ़ती खरीद के कारण चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जुलाई की अवधि में रूस से भारत का आयात दोगुना होकर 20.45 अरब डॉलर हो गया. इसके साथ ही रूस इस वित्तीय वर्ष के पहले चार महीनों के दौरान भारत का दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश बन गया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल अप्रैल-जुलाई की इसी अवधि में भारत का रूस से आयात 10.42 अरब डॉलर था.

रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से पहले भारत के तेल आयात में रूसी तेल का हिस्सा जहां एक प्रतिशत से भी कम था, युद्ध के बाद यह रिकॉर्ड रूप से बढ़कर 40 प्रतिशत हो गया है.

भारत, चीन और अमेरिका के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चे तेल का आयातक है. युद्ध को लेकर पश्चिमी प्रतिबंध झेल रहे रूस ने भारत को रियायती दरों पर तेल ऑफर किया था जिसे भारत ने स्वीकार कर लिया. भारत की रिफाइनरियों ने भारी मात्रा में सस्ता रूसी तेल खरीदकर बंपर कमाई की है.

आयात रूस से बढ़ा लेकिन अमेरिका, चीन से घट गया

मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला है कि अप्रैल-जुलाई की अवधि के दौरान जहां रूस से आयात बढ़ा है वहीं, चीन, अमेरिका और यूएई के साथ भारत का आयात घट गया है. चीन से आयात घटकर 32.7 अरब डॉलर रह गया, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 34.55 अरब डॉलर था.

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इसी तरह, अप्रैल-जुलाई 2022 में जहां अमेरिका से भारत का आयात 17.16 अरब डॉलर था वहीं इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में यह घटकर 14.23 अरब डॉलर रह गया है.

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से आयात भी अप्रैल-जुलाई 2023 के दौरान घटकर 13.39 अरब डॉलर हो गया है जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 18.45 अरब डॉलर था.

शीर्ष देशों को भारत के निर्यात में भी आई कमी

वहीं, भारत के निर्यात की बात करें तो, अप्रैल-जुलाई की अवधि में भारत जिन 10 देशों को सबसे अधिक निर्यात करता है, उनमें से सात देशों को भारत से निर्यात में कमी आई है. अमेरिका, यूएई, चीन, सिंगापुर, जर्मनी, बांग्लादेश और इटली के भारत के निर्यात में कमी आई है. वहीं, ब्रिटेन, नीदरलैंड और सऊदी अरब को भारत की तरफ से किए जाने वाले निर्यात में बढ़ोतरी देखी गई है.

वैश्विक मंदी और पेट्रोलियम, रत्न और आभूषण जैसे प्रमुख क्षेत्रों की शिपमेंट में गिरावट के कारण इस साल जुलाई में भारत का निर्यात लगातार छठे महीने 15.88 प्रतिशत घटकर 32.25 अरब डॉलर हो गया.

इस दौरान भारत का कुल आयात भी लगातार आठवें महीने 17 प्रतिशत घटकर जुलाई 2022 में 63.77 अरब डॉलर से 52.92 अरब डॉलर हो गया. इस कमी से भारत का व्यापार घाटा जुलाई 2022 में 25.43 अरब डॉलर के मुकाबले कम होकर 20.67 अरब डॉलर हो गया. 

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