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'बांग्लादेशी हिंदू युवक दीपु दास के परिवार को देंगे आर्थिक मदद', शुभेंदु अधिकारी का बड़ा ऐलान

पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने बांग्लादेश में मारे गए हिंदू युवक दीपु दास के परिवार को मासिक आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. उन्होंने कोलकाता में बांग्लादेश डिप्टी हाई कमीशन के बाहर प्रदर्शन करते हुए चेतावनी दी कि यदि अत्याचार नहीं रुके तो 26 दिसंबर को बड़ा आंदोलन होगा.

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उन्मादी भीड़ दीपू दास को फैक्ट्री से खींचकर बाहर ले गई. (Photo: The daily star)
उन्मादी भीड़ दीपू दास को फैक्ट्री से खींचकर बाहर ले गई. (Photo: The daily star)

बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपु दास की निर्मम हत्या के बाद पश्चिम बंगाल की राजनीति गरमा गई है. राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने पीड़ित परिवार को मासिक आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है.

अधिकारी ने कहा कि वह मंगलवार को दीपु दास के परिवार से सीधे बात करेंगे और नियमित वित्तीय मदद की व्यवस्था तय की जाएगी. उन्होंने कहा, “हम दीपु दास के परिवार के संपर्क में हैं. कल उनसे बात कर हर महीने आर्थिक सहायता देने की प्रक्रिया तय करेंगे.” उन्होंने साफ किया कि यह मदद मानवीय आधार पर की जा रही है.

इससे पहले सोमवार को सुवेंदु अधिकारी ने बीजेपी नेताओं और समर्थकों के साथ बांग्लादेश के डिप्टी हाई कमीशन के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. यह रैली निज़ाम पैलेस से बेकबागान तक निकाली गई, जिसमें करीब 2,000 प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर बैठकर विरोध जताया.

18 दिसंबर को हुई थी दीपु दास की हत्या

18 दिसंबर की रात मैमनसिंह में दीपु दास की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई और फिर शव को पेड़ से लटकाकर शव को जला दिया गया.  इसे लेकर कोलकाता में बीजेपी ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस का पुतला भी फूंका गया.

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सुवेंदु अधिकारी ने चेतावनी दी कि यदि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले नहीं रुके, तो 26 दिसंबर को 10,000 लोगों के साथ दोबारा प्रदर्शन किया जाएगा. उन्होंने यह भी ऐलान किया कि 24 दिसंबर को पूरे पश्चिम बंगाल में हिंदू संगठनों द्वारा सड़क जाम किया जाएगा.

इस बीच, पश्चिम बंगाल कांग्रेस ने भी डिप्टी हाई कमीशन के बाहर अलग से विरोध प्रदर्शन किया और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया.

150 लोगों के खिलाफ केस दर्ज

उधर, बांग्लादेश की RAB (Rapid Action Battalion) के एक अधिकारी ने बताया कि दीपु दास को जिस फैक्ट्री में काम करने के लिए मजबूर किया गया था, वहां के फ्लोर इंचार्ज ने उनसे जबरन इस्तीफा दिलवाया और पुलिस के हवाले करने के बजाय भीड़ को सौंप दिया. इस मामले में दो फैक्ट्री कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.

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