उत्तर प्रदेश में आठ रेलवे स्टेशनों के नाम बदले जाने पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसा है. उन्होंने कहा कि जब नाम बदलने से फुरसत मिल जाए तो रिकॉर्ड कायम करते रेल-एक्सीडेंट्स के हादसों के रोकथाम के लिए भी कुछ समय निकालकर विचार करें.
सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा सरकार से आग्रह है कि रेलवे स्टेशनों के सिर्फ ‘नाम’ नहीं, हालात भी बदलें. बता दें कि यूपी के जिन स्टेशनों के नाम बदले गए हैं, उन्हें जिले की धार्मिक पहचान और महापुरुषों के नाम पर रखा गया है. जिनके नाम बदले गए हैं, उनमें जायस स्टेशन, अकबरगंज स्टेशन, फुरसतगंज रेलवे स्टेशन, वारिसगंज हाल्ट स्टेशन, निहालगढ़ स्टेशन, बनी रेलवे स्टेशन, मिसरौली स्टेशन और कासिमपुर हॉल्ट स्टेशन शामिल हैं.
जायस स्टेशन का नाम बदलकर गुरु गोरखनाथ धाम रखा गया है. अकबरगंज स्टेशन का नाम नाम बदलकर अब मां अहोरवा भवानी धाम रखा गया है. फुरसतगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर तपेश्वर धाम, वारिसगंज हाल्ट स्टेशन का नाम नाम बदलकर अमर शहीद भाले सुल्तान रखा गया है. निहालगढ़ स्टेशन का नाम बदलकर अब महाराजा बिजली पासी स्टेशन, बनी रेलवे स्टेशन का नाम स्वामी परमहंस स्टेशन होगा, मिसरौली स्टेशन का नाम नाम बदलकर मां कालिकान धाम किया गया है. वहीं, कासिमपुर हाल्ट स्टेशन का नाम बदलकर जायस सिटी किया गया है.
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2023 में बदला गया था प्रतापगढ़ का नाम
इससे पहले साल 2023 में उत्तर प्रदेश के रेलवे स्टेशनों के नाम बदले गए थे. इसमें उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल का प्रतापगढ़, अंतू और बिशनाथगंज था. प्रतापगढ़ का नाम बदलकर मां बेल्हा देवी धाम प्रतापगढ़ जंक्शन और अंतू का नाम बदलकर मां चंद्रिका देवी धाम अंतू. वहीं, बिशनाथगंज का नाम बदलकर शनिदेव धाम बिशनाथगंज कर दिया गया था.
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सबसे पहले बदला था मुगलसराय का नाम
इसके अलावा झांसी रेलवे स्टेशन का नाम वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन कर दिया गया था और फैजाबाद, इलाहाबाद, मुगलसराय स्टेशन का नाम भी बदला जा चुका है. झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन किया जा चुका है. फैजाबाद रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर अयोध्या कैंट कर दिया गया है. अगस्त, 2018 में मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन कर दिया गया था. कानपुर के पनकी स्टेशन का नाम पनकी धाम कर दिया था.