अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर परिसर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स यानी एसटीपी और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स यानी डब्ल्यूटीपी के साथ अपने तरीके से 'आत्मनिर्भर' होगा. इसमें बुजुर्गों और विशेष रूप से दिव्यांगों के आवागमन को आसान बनाने की सुविधाएं भी होंगी. राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अयोध्या में ट्रस्ट के कार्यालय में एक प्रस्तुति में भव्य परिसर की परिदृश्य योजना साझा करते हुए यह बात कही.
उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर परिसर की 70 एकड़ जमीन का 70 फीसदी हिस्सा हरित क्षेत्र होगा. उन्होंने कहा यह कॉम्प्लेक्स अपने तरीके से 'आत्मनिर्भर' होगा. इसमें दो एसटीपी, एक डब्ल्यूटीपी और पावर हाउस से एक डेडिकेटेड लाइन होगी.
परिसर में ही होगी फायर ब्रिगेट पोस्ट भी
उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर में एक फायर ब्रिगेड पोस्ट भी होगी, जो भूमिगत जलाशय से पानी लाने में सक्षम होगी. चंपत राय ने पत्रकारों के साथ परिदृश्य योजना साझा करते हुए कहा, ‘भव्य मंदिर में 392 खंभे होंगे. 14 फीट चौड़ी 'परकोटा' परिधि होगी, जो 732 मीटर तक फैली होगी.’
दिव्यांग भक्तों को लिए होगी विशेष सुविधा
उन्होंने कहा कि राम मंदिर परिसर में बुजुर्ग, विशेष रूप से दिव्यांग भक्तों की सुविधा के लिए प्रवेश द्वार पर लिफ्ट की सुविधा होगी और दो रैंप बनेंगे. राय ने यह भी कहा कि अयोध्या में कुबेर टीला पर जटायु की मूर्ति स्थापित की गई है.
भव्य होगी अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा
बताते चलें कि 22 जनवरी 2024 को अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इसकी तैयारी अब अंतिम दौर में चल रही हैं. पूजन स्थल पर मंडप बन रहा है और यज्ञ के कुंड भी बनाए जाने हैं. इसके लिए 9 प्रकार की लकड़ियां और औषधियां महाराष्ट्र से आ रही हैं.
यज्ञ पात्र बनकर तैयार हो गए हैं, जो काशी से आएंगे. साथ ही 100 कलशों से रामलला का स्नान होगा, जो मुंबई से आ रहा है. जोधपुर से गाय का शुद्ध घी भी पहुंच चुका है. बताते चलें कि प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में पूरे देश से 30-40 ब्राह्मणों का दल अयोध्या में रहेगा, जिसमें कांची, महाराष्ट्र और काशी से भी विद्वान आएंगे.