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राकेश टिकैत की बृजेश पाठक से मुलाकात और तारीफ मायावती की... आखिर यूपी में क्या कुछ चल रहा? 

किसान नेता राकेश टिकैत लखनऊ में बृजेश पाठक से मुलाकात करते हैं और सोशल मीडिया में फोटो भी शेयर करते हैं, लेकिन सुल्तानपुर जैसे ही पहुंचे, उनके तेवर बदल गए. बसपा प्रमुख मायावती को यूपी की नंबर वन मुख्यमंत्री बता दिया. यूपी में 2027 के चुनाव पहले क्या दांव चला जा रहा है?

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यूपी की डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से राकेश टिकैत की मुलाकात और मायावती की तारीफ (Photo-ITG)
यूपी की डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से राकेश टिकैत की मुलाकात और मायावती की तारीफ (Photo-ITG)

उत्तर प्रदेश में 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन राजनीतिक दल अभी से ही अपनी जमीन तैयार में जुट गए हैं. चुनावी जंग फतह कर सत्ता की हैट्रिक बनाने के लिए बीजेपी हर रोज नए सियासी समीकरण साधने में लगी हुई है. पश्चिमी यूपी की राजनीति के धुरी माने जाने वाले किसान नेता राकेश टिकैत योगी सरकार के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से मुलाकात करते हैं, लेकिन तारीफ बसपा प्रमुख मायावती के करते हुए नजर आते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर यूपी की सियासत में चल क्या रहा है? 

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को लखनऊ में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से मुलाकात की.  इस दौरान राकेश टिकैत ने डिप्टी सीएम के सामने किसानों से जुड़े मुद्दे उठाए हैं तो बृजेश पाठक ने मुलाकात का फोटो शेयर करते हुए अपना-अपना पक्ष रखा. इसे शिष्टाचार भेंट भले ही बताई जा रही हो, लेकिन दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक चली बैठक के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.

राकेश टिकैत ने कहा कि उपमुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान किसानों और जनहित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई. वहीं, ब्रजेश पाठक ने टिकैत से मुलाकात को सौहार्दपूर्ण बताते हुए कहा कि भारतीय किसान युनियन के वरिष्ठ नेता से कुशलक्षेम जाना. पाठक और टिकैत की मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले पंचायत चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं और 2027 के विधानसभा चुनाव की हलचल तेज हो गई है.  

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टिकैत-पाठक की मुलाकात के मायने
किसान आंदोलन से सियासी पहचान बनाने वाले राकेश टिकैत मंगलवार को बृजेश पाठक की मुलाकात करतें हैं. दोनों नेता सोशल मीडिया पर अपनी मुलाकात का फोटो शेयर करते हुए शिष्टाचार भेंट बताते हुए लिखते हैं कि उन्होंने किसानों के हितों और जनसामान्य से जुड़े मुद्दों पर बात की. इससे पहले राकेश टिकैत सीएम योगी के करीबी रहे पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार से मिले थे. 

राकेश टिकैत यूपी में जाट समाज के प्रभावशाली चेहरा माने जाते हैं. पश्चिमी यूपी की किसानों पर उनकी मजबूत पकड़ है. किसान आंदोलन से बीजेपी विरोधी नेता के तौर पर टिकैत की पहचान बनी है. योगी और मोदी सरकार की नीतियों को लेकर सवाल खड़े करते रहते हैं. ऐसे में योगी सरकार के साथ टिकैत के संवाद करने को राजनीतिक नजरिए से भी देखा जा रहा है. 

बीजेपी पश्चिम में सुधार रही समीकरण
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राकेश टिकैट की पहले प्रशांत कुमार और फिर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से हुई मुलाकात पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी के लिए जाट समुदाय और किसानों के बीच अपनी स्थिति मजबूत करने की दिशा में रणनीति मानी जा रही है. 2022 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव में राकेश टिकैट ने बीजेपी को वोट न देने की अपील कर बीजेपी के सारे समीकरण को बिगाड़ दिया था. 

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टिकैत के प्रभाव वाले मुजफ्फनगर, मेरठ, बिजनौर, मुरादाबाद, कैराना, रामपुर और संभल जिले में बीजेपी को 2022 में गहरा झटका लगा था. ऐसे ही 2024 के चुनाव में संभल, कैराना, नगीना, सहारनपुर, संभल, रामपुर, बदायूं, आंवला और मुरादाबाद जैसी लोकसभा सीट पर बीजेपी को आरएलडी से दोस्ती करने के बाद हार का मुंह देखना पड़ा था. 

माना जा रहा है कि बीजेपी 2027 चुनाव से पहले पश्चिमी यूपी की किले को फिर से राजनीतिक तौर पर दुरुस्त करने की कवायद में है. इस तरह से बृजेश पाठक और राकेश टिकैत की मुलाकात सिर्फ हाल-चाल जानने तक सीमित नहीं है, बल्कि उसके पीछे सियासी मकसद भी है. राकेश टिकैत जाट समाज के एक बड़े नेता है और उनकी किसानों में बहुत अच्छी पैठ भी है.

वहीं, डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को यूपी सरकार में सियासी बैलेंस बनाने और समीकरण सुधारने वाले नेता के तौर पर जाना जाता है. योगी सरकार में उनकी पोजिशन ब्राह्मण चेहरे के साथ-साथ नंबर दो की है. राकेश टिकैत का 2022 और 2024 में सियासी झुकाव सपा की तरफ रहा है, जिसके चलते ही बृजेश पाठक ने सियासी एक्सरसाइज शुरू कर दी है ताकि 2027 से पहले उनका समर्थन जुटाया जा सके. 

पाठक से भेंट और मायावती की तारीफ
राकेश टिकैट लखनऊ में बृजेश पाठक से मुलाकात कर सुल्तानपुर पहुंचते हैं उनके तेवर बदल जाते हैं. योगी सरकार के 8 वर्ष पूरे होने पर किसान नेता राकेश टिकैत ने तंज कसते हुए कहा कि बसपा प्रमुख मायावती किसानों के लिए नंबर वन मुख्यमंत्री थी, उन्होंने गन्ना किसानों के लिए बेहतर कार्य किया था. बसपा सरकार में सबसे ज्यादा मूल्य गन्ना के बढ़े हैं. इसके अलावा भी मायावती ने किसानों के कई बेहतर काम किए हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ भी किसानों के लिए बेहतर कार्य करके नंबर वन मुख्यमंत्री बन सकते हैं. 

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किसान नेता राकेश टिकैत ने बहुत की रणनीति के साथ मायावती की तारीफ किया तो साथ ही योगी आदित्यनाथ को नंवर बन सीएम बनने का टास्क भी दे दिया है. इस तरह टिकैट सियासी बैलेंस बनाकर चलना चाहते हैं ताकि उन पर बीजेपी परस्त का आरोप भी न लग सके. साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर भी प्रेशर पॉलिटिक्स पर दांव चल दिया है. 2024 के बाद से अखिलेश ने टिकैत को बहुत ज्यादा सियासी भाव नहीं दिया है. माना जा रहा है कि टिकैत की बृजेश पाठक से मुलाकात और मायावती की तारीफ से सपा के लिए चिंता का सबब माना जा रहा है. 

2027 में टिकैत की सियासी अहमियत
उत्तर प्रदेश में होने वाले 2027 के विधानसभा चुनाव में किसान और नौजवान से जुड़े मुद्दे अहम रहने वाले हैं. उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के हटने के बाद विपक्ष जाट पॉलिटिक्स को भी धार देने में जुटा है. धनखड़ के इस्तीफे को जाट अस्मिता से जोड़ने की स्टैटेजी है. यही वजह है कि बीजेपी ने अभी से अपने समीकरण को मजबूत करने की रणनीति बनाने में जुट गई है. किसान और युवा बीजेपी के खिलाफ नहीं जाता है तो बीजेपी की आगामी चुनाव में राह आसान हो जाएगी. 

पश्चिमी यूपी में विपक्ष को मात देने के लिए आरएलडी पहले से बीजेपी के साथ है. ऐसे में अगर टिकैत बंधु भी बीजेपी के लिए शॉफ्ट कार्नर अपना लेते हैं तो बीजेपी की राह आसान और सपा की परेशानी बढ़ सकती है, क्योंकि 2027 की लड़ाई बीजेपी बनाम सपा की है. अखिलेश 2027 के लिए किसान, नौजवान, बिजली, महंगाई समेत अन्य जनता से जुड़े मुद्दे उठाए रहे हैं और अपनी सोशल इंजीनियरिंग को मजबूत रखने के लिए  पीडीए का दांव चल रहे हैं, जो 2024 में उनका विनिंग फॉर्मूला था.  

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