महाराष्ट्र के सपा विधायक द्वारा औरंगजेब पर दिए बयान के बाद यूपी में भी राजनीति गरमाती जा रही है. यूपी के मुख्यमंत्री ने उन्हें यूपी भेजने और उनका उपचार करने की बातें कहीं हैं. तो सपा विधायक और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सदन में दिए भाषण को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि वे घोर सांप्रदायिक हो गए हैं. हमारे संविधान में सबको अभिव्यक्ति की आजादी है, लेकिन क्या मुख्यमंत्री की यह भाषा ठीक है?
दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में विधानसभा में बोल रहे थे. उन्होंने कहा, 'भारत की विरासत, संस्कृति को कोसना मानों सपा के जीवन का ये उद्देश्य हो गया हो. दुर्भाग्य है कि इन्होंने औरंगबेज को अपना आदर्श माना है. जबकि औरंगजेब का पति अपनी आत्मकथा में लिखा है कि ऐसा बेटे किसी को पैदा न हो. उसने अपने बाप को आगरा में कैद करके रखा, एक-एक बंदू पानी के लिए तरसाया.'
'सपा को देना चाहिए जवाब'
उन्होंने सपा विधायक अबू आजमी पर हमला करते हुए कहा कि उनके बयान पर सपा को जवाब देना चाहिए. भारत की आस्था पर आक्रमण करने वाले क्रूर शासक उसको सपा आदर्श मानती है. कोई भी सभ्य मुसलमान अपने बेटे का नाम औरंगजेब नहीं रखता.
'उसे भेज दें यूपी'
सीएम ने सपा से अबू आजमी को पार्टी से निकालने की मांग की और कहा कि उसे एक बार यूपी भेज दीजिए, बाकी का उपचार हम कर देंगें.
माता प्रसाद पांडेय ने किया पलटवार
सपा नेता माता प्रसाद पांडेय ने मुख्यमंत्री के इसी बयान को लेकर उन पर निशाना साधा है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा, वे घोर सांप्रदायिक हो गए हैं. मुख्यमंत्री अपने एजेंडे पर चल रहे हैं. हमारे संविधान में सबको अभिव्यक्ति की आजादी है, लेकिन क्या मुख्यमंत्री की यह भाषा ठीक है?
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि यूपी आएं, ठीक करेंगे, यह बयान बहुत ही खतरनाक है. अबू आजमी ने ऐसी कोई बात नहीं की, जिसे उनको प्रताड़ित किया जाए या दंडित किया जाए.
वहीं, समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक कमाल अख्तर ने औरंगजेब पर भाजपा से सवाल किया और कहा कि बीजेपी को जब मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है तो कभी औरंगजेब को ले आते है, कभी शाहजहां को. बात मुगलों की तो मुख्यमंत्री को आगरा से ताजमहल हटा देना चाहिए. दिल्ली से लाल किला भी हटा देना चाहिए.
क्या बोले जेडीयू MLC
औरंगजेब पर दिए गए बयान के कारण महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आज़मी के निलंबन पर जेडीयू एमएलसी खालिद अनवर ने कहा, 'औरंगजेब के बारे में लोगों की अलग-अलग राय है. इतिहासकारों ने कहा है कि औरंगजेब एक अच्छा शासक था और वह इतना क्रूर नहीं था, जितना उसे चित्रित किया जाता है. एक लॉबी है जो उसे क्रूर के रूप में चित्रित करने की कोशिश कर रही है. यह एक अकादमिक चर्चा है और इस पर संसद के पटल या राजनीतिक रैली में चर्चा नहीं की जा सकती. इसलिए, अकादमिक चर्चा को अकादमिक ही रहने देना चाहिए. मुझे समझ में नहीं आता कि औरंगजेब के खिलाफ इस तरह की गलत सूचना के जरिए एक राजनीतिक पार्टी क्या हासिल करना चाहती है...'