scorecardresearch
 

मायावती का मिशन 2027, सोशल इंजीनियरिंग को फिर जमीन पर उतारने की तैयारी

बसपा ने 2027 के चुनावों को देखते हुए मुस्लिम भाईचारा समितियों के गठन की प्रक्रिया तेज की है. तीन महीने में सभी स्तरों पर समितियां बनाने का लक्ष्य तय किया गया है. मायावती खुद रणनीति पेश करेंगी. पार्टी का मकसद दलित-मुस्लिम एकता के फार्मूले को दोबारा मज़बूत करना है.

Advertisement
X
बसपा ने मुस्लिम समुदाय में पैठ मजबूत करने की बनाई रणनीति (Photo: PTI)
बसपा ने मुस्लिम समुदाय में पैठ मजबूत करने की बनाई रणनीति (Photo: PTI)

बहुजन समाज पार्टी ने 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों की तैयारी में अपनी पुरानी सोशल इंजीनियरिंग को फिर से ज़मीन पर उतारने की कवयाद तेज कर दी है. पार्टी ने तीन महीने के भीतर मुस्लिम भाईचारा समितियों का गठन पूरा करने का लक्ष्य तय किया है. बसपा सुप्रीमो मायावती बुधवार को होने वाली संगठन की बैठक में इस अभियान की रणनीति खुद बताएंगी. पार्टी का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय के बीच अपनी पकड़ मजबूत कर सामाजिक संतुलन के फार्मूले को दोबारा स्थापित करना है.

मायावती के निर्देश पर पहले चरण में मंडल स्तर पर मुस्लिम भाईचारा समितियों का गठन किया गया है. इन समितियों में दो मुस्लिम और दो अनुसूचित जाति वर्ग के नेताओं को शामिल किया गया है ताकि सामाजिक प्रतिनिधित्व संतुलित रहे. अब अगला चरण बूथ स्तर तक इन समितियों के विस्तार का है.

बुधवार की बैठक में जिला, विधानसभा और बूथ स्तर की संरचना तय की जाएगी, जिसमें करीब 100 प्रमुख नेता और मंडल स्तरीय सदस्य शामिल रहेंगे.

मुस्लिम समितियां होंगी प्राथमिकता में, ओबीसी पर बाद में फोकस

सूत्रों के अनुसार, पार्टी चाहती है कि मुस्लिम भाईचारा समितियों का गठन तेजी से पूरा हो ताकि आगामी महीनों में राजनीतिक रणनीति को अमल में लाया जा सके. वहीं, ओबीसी भाईचारा समितियों के गठन में छह माह का समय लगने की संभावना के चलते बसपा ने मुस्लिम समितियों को प्राथमिकता दी है. बैठक में इनके कार्यक्षेत्र और जिम्मेदारियों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी.

Advertisement

यह भी पढ़ें: सुबह प्रभार, शाम को बाहर... मायावती को महंगा पड़ेगा अपने गुस्से का 'नया शिकार'?

बसपा का यह कदम मुस्लिम और ओबीसी समुदायों के बीच संवाद और जुड़ाव को गहराने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. पार्टी मानती है कि भाईचारा समितियों के माध्यम से जमीनी स्तर पर संपर्क बढ़ाकर 2027 के चुनावी समीकरणों में फिर से अपनी स्थिति मजबूत की जा सकती है. बसपा की अगली बैठक 1 नवंबर को होगी, जिसमें ओबीसी भाईचारा समितियों के विस्तार पर चर्चा और आगे की रणनीति तय की जाएगी.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement