प्रयागराज में 24 फरवरी 2023 को सरेआम उमेश पाल की गोली और बम मार कर हत्या कर दी गई थी. इस हत्या में अतीक अहमद के बेटे असद के साथ कई शूटर सीसीटीवी में उमेश पाल और उसके सुरक्षा में लगे दो पुलिसकर्मियों पर ताबड़तोड़ बम और गोलियां चलाते दिखे थे. हमले में उमेश पाल और सुरक्षा में लगे दो जवानों सहित तीन लोगों की मौत हो गई थी. इस हत्याकांड ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया था.
उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के साथ बेटे असद के अलावा कई साथियों को आरोपी बनाया गया था. इसी मर्डर केस के जांच के दौरान 15 अप्रैल को अतीक अहमद और अशरफ अहमद की काल्विन हॉस्पिटल के गेट पर में तीन शूटर्स ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. फिलहाल अतीक और अशरफ को मारने वाले तीनों शूटर इस वक्त जेल में बंद हैं और बाहर भी नहीं निकलने चाहते हैं. तीनों ने अतीक की हत्या दबादबा बनाने और चर्चित होने के लिए की थी.
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अहमद ब्रदर की हत्या के 2 साल पूरे हो गए हैं. हालांकि अभी भी अहमद ब्रदर की हत्या का केस जिला अदालत में ट्रायल पर है. हत्या के 2 साल बीत जाने के बाद अतीक अहमद की तकरीबन 3000 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति पर कार्रवाई की गई है. ये संपत्तियां अतीक ने जरायम की दुनिया से कमाए गए पैसे से हासिल की थी. जरायम के पैसे से अतीक अहमद ने पूरा अंपायर खड़ा किया था. जिस पर प्रदेश सरकार ने अपने कार्यवाही का डंडा चलाया.
2 साल में जानिए क्या हुआ
अतीक और अशरफ की हत्या के 2 सालों में उसका पूरा परिवार अलग-अलग पड़ गया है. अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को भी उमेश पाल मर्डर केस में आरोपी बनाया गया था. फिलहाल वह फरार है. पुलिस ने शाइस्ता परवीन पर इनाम भी घोषित कर रखा है. वहीं, अतीक अहमद के पांच बेटों में एक बेटे असद को पुलिस ने झांसी में हुए एनकाउंटर में मार गिराया था. क्योंकि असद उमेश पाल मर्डर केस में वांछित था. जबकि अतीक अहमद के दो बड़े बेटे में सबसे बड़ा बेटा उमर लखनऊ जेल में बंद है, तो वही छोटा बेटा अली अहमद प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में बंद है.
अतीक अहमद के दो छोटे बेटे पहले बाल सुधार गृह में बंद थे, बालिग़ होने के बाद दोनों प्रयागराज के बमरौली हटवा में अपने रिश्तेदार के घर पर रह रहे हैं. वही अतीक अहमद के छोटे भाई अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा भी पिछले दो सालों से फरार है. इन पर भी उमेश पाल मर्डर में साजिश रचने का आरोप लगा है. अशरफ के एक बेटी और बेटा हैं, जो अभी छोटे हैं, फिलहाल यह दोनों बच्चे कहां हैं ये किसी को नहीं पता है.
कार्यालय, पुश्तैनी घर मालबे में तब्दील
बसपा शासन काल से अतीक अहमद पर कार्रवाई का सिलसिला शुरू हुआ था, क्योंकि अतीक अहमद और अशरफ अहमद पर बसपा के तत्कालीन विधायक राजू पाल की हत्या का आरोप था. अतीक और अशरफ पर कई मामले दर्ज हुए, लेकिन ऐसा कहा जाता था कि अतीक के रसूख के चलते कोई आरोप तय नहीं हो पाता था. बदलते दौर के साथ प्रदेश में सरकार बदलने लगी वैसे वैसे अतीक का रुतबा भी कम होने लगा, पिछले कई चुनाव में अतीक अहमद को हार का सामना करना पड़ा. कई चुनाव तो उसने जेल से ही लड़ा. लेकिन जीत नहीं मिली.
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उत्तर प्रदेश सरकार ने माफिया और भू माफिया के खिलाफ अभियान चलाया जिसमें अतीक अहमद के अपराध से अर्जित किए गए हजारों करोड़ों रुपए की संपत्ति पर बुलडोजर कार्रवाई की गई. अब अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के 2 साल बीत जाने के बाद पुराने घर कसरिया गांव में भी ताला लगा है. जबकि कसारी मसारी के घर को भी बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया गया है. इसके अलावा अतीक अहमद के चकिया कार्यालय के आगे बने अवैध निर्माण को बुलडोजर से गिरा दिया गया है.
उमेश मर्डर केस के तीन आरोपी फरार
उमेश पाल मर्डर केस के बाद अतीक अहमद के परिवार का रसूख को खत्म हो गया. उमेश पाल हत्याकांड में शामिल असद, गुलाम, विजय चौधरी उर्फ उस्मान, ड्राइवर अरमान, को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया, तो वहीं इसी मर्डर में शामिल गुड्डू मुस्लिम, अरबाज, साबिर अभी भी फरार हैं. इन सभी पर पुलिस ने 5 लाख का इनाम घोषित कर रखा था और उमेश पाल के अपहरण मामले में अतीक अहमद के वकील शोहलत हनीफ, और दिनेश पासी को आजीवन कारावास की कोर्ट ने सजा सुनाई थी.
अतीक और अशरफ का केस लड़ रहे विजय मिश्रा को भी पुलिस ने उमेश पाल मर्डर केस में आरोपी बनाया है. ऐसा कहा जा रहा है था कि विजय मिश्रा ने ही उमेश पाल की हत्या से पहले हत्यारों को लोकेशन दी थी.