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देववाणी संस्कृत में लिखी जा रही है हजरत मुहम्मद साहब की जीवनी

दुनिया को इस्लाम के रूप में अल्लाह का पैगाम देने वाले पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब की जीवनी जल्द ही ‘देववाणी’ यानी संस्कृत में भी पढ़ने को मिलेगी. हजरत मुहम्मद की जिंदगी के वृतांत को हिन्दी, उर्दू और अंग्रेजी में कागज पर उतार चुके उत्तर प्रदेश के सम्भल के चंदौसी निवासी इश्तियाक अहमद अब इसे संस्कृत में लिख रहे हैं.

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पवित्र किताब
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दुनिया को इस्लाम के रूप में अल्लाह का पैगाम देने वाले पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब की जीवनी जल्द ही ‘देववाणी’ यानी संस्कृत में भी पढ़ने को मिलेगी. हजरत मुहम्मद की जिंदगी के वृतांत को हिन्दी, उर्दू और अंग्रेजी में कागज पर उतार चुके उत्तर प्रदेश के सम्भल के चंदौसी निवासी इश्तियाक अहमद अब इसे संस्कृत में लिख रहे हैं.

चंदौसी के पंजाबियान मुहल्ले के निवासी अहमद ने बताया कि उनके मन में मुहम्मद साहब की जीवनी को देववाणी में लिखने की बहुत इच्छा थी और अब वह इसे मूर्तरूप देने में लगे हैं. यह जीवनी करीब 500 पन्नों की होगी और इसे छह महीने से कुछ ज्यादा वक्त में पूरी कर लिये जाने की उम्मीद है.

अहमद ने किया वेदों और उपनिषदों का गहन अध्ययन
अहमद ने बताया कि उन्होंने मुहम्मद साहब जैसे महामानव की जीवनी को संस्कृत के वास्तविक और मर्मपूर्ण शब्द देकर उसके साथ सम्पूर्ण न्याय करने के लिये उसे लिखने पहले इस भाषा, वेदों तथा उपनिषदों का गहरा अध्ययन किया है. इससे उन्हें पैगम्बर की जिंदगी के तमाम पहलुओं और फलसफों को उनकी मूल आत्मा की शक्ल में पेश करने में मदद मिलेगी.

उन्होंने बताया कि अभी वह मुहम्मद साहब के बचपन के प्रसंग खण्ड के कुछ हिस्से को ही संस्कृत में लिख सके हैं और पूरी जीवनी मुकम्मल होने में छह माह से ज्यादा का वक्त लग सकता है.

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अहमद ने बताया कि मुहम्मद साहब की जीवनी को संस्कृत में लिखने के काम में वह एस. एम. कॉलेज के प्रवक्ता डॉक्टर जे. पी. तिवारी, साहित्यिक संशोधनकर्ता मौलाना अंसारुल हक और स्थानीय मस्जिद के इमाम मौलाना मुबश्शिर का मार्गदर्शन ले रहे हैं.

उन्होंने बताया कि संस्कृत में लिखी जा रही मुहम्मद साहब की जीवनी में उनके बचपन, युवावस्था, दिव्य ज्ञान की प्राप्ति, मक्के से मदीने की हिजरत और उसकी परिस्थितियों, मक्का पर मुहम्मद साहब की फतेह, उन पर कुरआन शरीफ की आयतों के अवतरित होने, उनकी वफात (निधन), उनके पारिवारिक सदस्यों के संक्षिप्त परिचय तथा जीवन दर्शन देने वाली हदीसों का वर्णन किया जाएगा.

अहमद अब तक कई किताबें लिख चुके हैं जिनमें ‘बायोग्राफी ऑफ फातिमा जहरा’, ‘मर्तबा-ए-रसूल’, इस्लाम के कानून, हिन्दी, उर्दू तथा अंग्रेजी में मुहम्मद साहब की जीवनी शामिल हैं.

‘एन एपरीसियेशयन टू कुरआन’ विषय पर शोध कर रहे अहमद ने कहा कि संस्कृत में मुहम्मद साहब की जीवनी उपलब्ध होने से इस हस्ती के बारे में जानकारी और उससे प्रेरणा का दायरा बढ़ेगा.

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