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गाजे-बाजे के साथ निकाली गई बंदर की शव यात्रा, कुत्तों के हमले में गई जान

एक बंदर को कुत्तों ने नोचकर घायल कर द‍िया तो पशु-पक्षी प्रेमी ने उसका उपचार कराया लेक‍िन वह बच नहीं सका. बाद में उसकी गाजे-बाजे के साथ शवयात्रा न‍िकली और सनातन संस्कृत‍ि के अनुसार अंतिम संस्कार क‍िया गया.

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बंदर का अंत‍िम संस्कार.
बंदर का अंत‍िम संस्कार.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मृत बंदर को नहलाकर नए कपड़े पहनाए
  • सनातन संस्कृति से किया गया अंतिम संस्कार

राजस्थान के धौलपुर जिले में मंगलवार को एक बंदर की मौत हो जाने के बाद लोगों ने उसकी गाजे-बाजे से शवयात्रा निकाली और वैदिक परम्परा के अनुसार उसका अंतिम संस्कार किया.

घटना बाड़ी कस्बे के घंटाघर के पास की है. आज यहां एक बंदर की मौत हो गई. बंदर को हनुमान जी का प्रतिरूप माना जाता है और मंगलवार भी है. ऐसे में पशु-पक्षी प्रेमी रामकुमार चौधरी और स्थानीय लोगों ने बंदर का अंतिम संस्कार वैदिक परम्पराओं के अनुसार करने का तय किया.

मृत बंदर को नहला कर नए वस्त्र पहनाए गए. इसके बाद उसकी बॉडी को एक ठेले में रखकर गाजे-बाजे से शवयात्रा निकाली गई. शवयात्रा कस्बे से होती हुई मुक्तिधाम पर पहुंची और विधि विधान से मृत बंदर को दफ़न किया. लोगों ने मौके पर हनुमानजी की आरती झालरों की धुन पर गाकर बंदर की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.

बंदर को कुत्तों ने घायल कर द‍िया 

बता दें कि बाड़ी कस्बे के घंटाघर के पास मंगलवार को एक बंदर को कुत्तों ने गंभीर घायल कर दिया था. घायल बंदर का पशु-पक्षी प्रेमी रामकुमार चौधरी और अन्य लोगों ने पशु चिकित्सक मनमोहन पचौरी को मौके पर बुला कर उपचार कराया. 

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उपचार के दौरान बंदर की मौत हो गई. उसके बाद लोगों ने बंदर की गाजे बाजे के साथ शवयात्रा निकाल कर विधि विधान से मृत बंदर को दफ़न किया.

पशु-पक्षी प्रेमी रामकुमार चौधरी ने बताया कि बंदर को कुत्ते ने मार दिया जिसका मुझको बहुत दुःख है. उपचार भी कराया लेकिन मौत हो गई. अब बंदर के दाह संस्कार की तैयारी कर इसको ले जा रहे हैं. विधि विधान के अनुसार अंत‍िम संस्कार किया गया. 

 

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