ये एक ऐसे शख्स की कहानी है, जिसे समाज के लिए काफी बड़ा खतरा माना जाता है. इतना बड़ा कि जेल से कई दशक बाद रिहा होने के बावजूद उसे 23 दिन के भीतर ही दोबारा जेल में डाल दिया गया. उसने कुछ नियमों का उल्लंघन किया था. उसे चाइल्ड किलर यानी बच्चों की हत्या करने वाले अपराधी के तौर पर जाना जाता है. उसका नाम एडविन हॉपकिन्स है.
उसने साल 1995 में सितंबर में एक 15 साल की लड़की की हत्या कर दी. लड़की का नाम नाओमी स्मिथ था. वो स्कूल जाने वाली लड़की थी. अभी 23 दिन पहले ही हॉपकिन्स हत्या के इस मामले में जेल से बाहर आया था, लेकिन अब एक बार फिर जेल में डाला गया.
मामला इंग्लैंड का है. मिरर यूके की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा कहा जा रहा है कि उसे कुछ शर्तों के साथ छोड़ा गया था. लेकिन उसने इनका उल्लंघन किया. उसे कहा गया था कि वो दोबारा हत्या वाले उस इलाके में नहीं आएगा और न ही बच्चों के करीब जाएगा.
मामले में प्रोबेशन सर्विस के प्रवक्ता ने कहा कि लोगों की सुरक्षा हमारे लिए प्राथमिकता है. इसी वजह से हमने लाइसेंस में प्रतिबंध लगाए थे और जब अपराधी उनका उल्लंघन करता है, तो हम उसे दोबारा हिरासत में लेने से हिचकिचाते नहीं हैं.
हॉपकिन्स को बीते साल दिसंबर महीने में रिहा किया गया था. पैरोल बोर्ड ने कहा था कि उसे रिहा कर दिया जाए. इससे पीड़ित लड़की नाओमी के माता पिता कैथ स्मिथ और ब्रायन हैरान रह गए. हत्या के 28 साल बाद पैरोल बोर्ड ऑफ इंग्लैंड ने समरी जारी की है.
इसमें बताया गया कि नाओमी का शव एक प्लेग्राउंड में उसके घर के पास मिला था. उसका गला काटा गया था. शरीर पर यौन शोषण के निशान थे. हॉपकिन्स को 1997 में अदालत ने दोषी ठहराया. डीएनए सबूत भी उसके खिलाफ थे.
लेकिन उसने कभी इस अपराध को स्वीकार नहीं किया. उसे 18 साल जेल की सजा हुई. बाद में 10 साल और बढ़ा दिए गए. हत्या के वक्त हॉपकिन्स 19 साल का था. पैरोल बोर्ड ने बीते साल कहा कि अब वो रिहा हो सकता है.
दूसरी तरफ नाओमी के भाई डेविड ने 2019 में कहा था कि उन्होंने हत्या से दो दिन पहले अपनी बहन को जीवित देखा था. वो स्विमिंग करके लौटी थी और मछली, चिप्स खरीदने के लिए पैसे मांग रही थी.
बाद में उन्हें अपनी मां का फोन आया. वो बोलीं कि नाओमी के साथ कुछ हो गया है. तब डेविड 25 साल के थे. जब वो अपने घर गए, तो गली पुलिस की कार से भरी हुई थी.
अधिकारियों ने उनसे कहा कि तुम्हारी बहन की मौत हो गई है. वो कहते हैं कि उनकी बहन के शरीर के साथ जॉन हॉपकिन्स ने जो किया, उसे जानवर ही कहा जाना सही है. यहां तक कि जानवर भी ऐसा नहीं करते.