उज्ज्वल निकम (Ujjwal Nikam) एक विशेष सरकारी वकील हैं, जिन्होंने कई हत्या और आतंकवाद के मामलों पर वकालत की है. उन्होंने 1993 के बॉम्बे बम विस्फोटों, गुलशन कुमार हत्या मामले, प्रमोद महाजन हत्या मामले और 2008 के मुंबई हमलों में बतौर सरकारी वकील मुकदमा चलाया. वह 2013 के मुंबई सामूहिक बलात्कार मामले, 2016 के कोपर्डी बलात्कार और हत्या मामले में भी विशेष सरकारी वकील थे. उज्ज्वल निकम ने 26/11 मुंबई हमले के मुकदमे के दौरान राज्य की ओर से बहस की थी. उनको 2016 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया. उन्हें Z+ श्रेणी की सुरक्षा दी गई है.
2024 लोकसभा चुनावों के दौरान, उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने पूनम महाजन की जगह मुंबई उत्तर मध्य से उम्मीदवार बनाया था. (Ujjwal Nikam BJP)
निकम ने जलगांव में एक जिला अभियोजक के रूप में अपना करियर शुरू किया था. लगभग 30 साल के करियर में, उन्होंने 628 आजीवन कारावास और 37 मृत्युदंड के लिए वकालत की हैं.
2017 में, निकम की जीवन पर आधारित एक फिल्म बनाई गई थी, जिसका नाम 'आदेश- पॉवर ऑफ लॉ' था.
निकम का जन्म 30 मार्च 195 को महाराष्ट्र के जलगांव में हुआ था. उनके पिता देवरावजी निकम न्यायाधीश और बैरिस्टर थे.
उज्ज्वल निकम ने विज्ञान से स्नातक की है. फिर उन्होंने जलगांव में केसीई सोसायटी के एसएस मनियार लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री हासिल की. उनके बेटे अनिकेत भी मुंबई उच्च न्यायालय में एक आपराधिक वकील हैं.
आज तक के शो आशा में नॉमिनेटेड राज्यसभा सांसद उज्ज्वल निकम ने आतंक के मामलों में आरोपियों के बरी होने और जांच एजेंसियों की भूमिका पर बात की. उन्होंने कहा कि लगभग 17 साल तक मामला चलने के बाद भी आरोपी साबित नहीं हुए. कोर्ट ने कहा कि स्पॉट पंचनामा गलत था, घटना स्थल को घेरा नहीं गया था और सबूतों के साथ छेड़छाड़ हुई.
उज्ज्वल निकम कई हाई-प्रोफाइल आपराधिक मामलों में सरकारी वकील रह चुके हैं, जिनमें 26/11 मुंबई हमले का केस भी शामिल है. वहीं हर्षवर्धन श्रृंगला भारत के विदेश सचिव रह चुके हैं और विदेश नीति के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव रहा है.
महाराष्ट्र में बीएमसी और स्थानीय निकाय चुनाव करीब हैं. उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की पार्टियां मराठी पॉलिटिक्स की पिच पर आक्रामक हैं. ऐसे में चर्चित वकील उज्ज्वल निकम की राज्यसभा में एंट्री क्या मराठी पॉलिटिक्स की काट है?
महाराष्ट्र के मशहूर वकील उज्ज्वल निकम को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है. राष्ट्रपति महोदया ने उन्हें इस पद के काबिल समझा है. उज्ज्वल निकम ने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री का फोन आया था, जिन्होंने उनसे मराठी में बात करने की शुरुआत की और फिर पूछा कि क्या वे हिंदी में बात करें या मराठी में. प्रधानमंत्री की इस बात पर उज्ज्वल निकम हंसने लगे और उन्होंने कहा कि पहली बार उन्होंने प्रधानमंत्री को इतने दिल खोलकर हंसते हुए सुना.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चार हस्तियों को राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया है. लंबे समय से खाली पड़े मनोनीत सदस्यों के पद पर सरकार ने तकनीकी रूप से सही नामों को राष्ट्रपति के पास भेजा था, जिसके बाद राष्ट्रपति द्वारा इन चारों का मनोनयन किया गया है.
26/11 केस पर फिल्म बन रही है, जिसके बारे में काफी चर्चाएं हो रही हैं. फिल्म से आमिर खान को पहले से ही किनारा कर चुके हैं, लेकिन राजकुमार राव इसमें उज्जवल निकम का रोल अदा करते नजर आएंगे. ये देश के सबसे चर्चित पब्लिक प्रोसिक्यूटर में से एक हैं.
महाराष्ट्र में कई हत्याओं के मामले में आरोपी गैंगस्टर विजय पलांडे ने अपने मामले में वरिष्ठ वकील उज्ज्वल निकम की नियुक्ति का विरोध किया है.
वरिष्ठ वकील उज्ज्वल निकम ने हाल ही में लोकसभा चुनाव में मुंबई उत्तर मध्य सीट से बीजेपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था. वे कांग्रेस की वर्षा गायकवाड़ से 16,000 से ज्यादा वोटों से चुनाव हार गए थे. बीजेपी ने मुंबई नॉर्थ सेंट्रल सीट से सिटिंग सांसद पूनम महाजन का टिकट काटकर निकम को मौका दिया था.