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'BJP से चुनाव लड़ने वाले उज्जवल निकम को मेरे केस से हटाओ', पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्ति के खिलाफ कोर्ट पहुंचा गैंगस्टर विजय पालांडे

वरिष्ठ वकील उज्ज्वल निकम ने हाल ही में लोकसभा चुनाव में मुंबई उत्तर मध्य सीट से बीजेपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था. वे कांग्रेस की वर्षा गायकवाड़ से 16,000 से ज्यादा वोटों से चुनाव हार गए थे. बीजेपी ने मुंबई नॉर्थ सेंट्रल सीट से सिटिंग सांसद पूनम महाजन का टिकट काटकर निकम को मौका दिया था.

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वरिष्ठ वकील उज्ज्वल निकम. (फाइल फोटो)
वरिष्ठ वकील उज्ज्वल निकम. (फाइल फोटो)

महाराष्ट्र में कई हत्याओं के मामले में आरोपी और गैंगस्टर विजय पलांडे ने अपने मामले में विशेष लोक अभियोजक वरिष्ठ वकील उज्ज्वल निकम की नियुक्ति का विरोध किया है. उन्होंने सोमवार को कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कहा, BJP से चुनाव लड़ने वाले उज्जवल निकम को मेरे केस से हटाया जाए. विजय पलांडे का कहना था कि यह नियुक्ति दुर्भावनापूर्ण और गलत इरादे से की गई है.

पलांडे ने याचिका में दावा किया कि निकम की पहचान, विचार, एजेंडा, इरादा, मकसद... सब कछ जनता की नजर में पूरी तरह से बदल गया है. अब वो बीजेपी के बड़े नेता हैं.

बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुके निकम

बता दें कि निकम ने हाल ही में लोकसभा चुनाव में मुंबई उत्तर मध्य सीट से बीजेपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था. वे कांग्रेस की वर्षा गायकवाड़ से 16,000 से ज्यादा वोटों से चुनाव हार गए थे. बीजेपी ने मुंबई नॉर्थ सेंट्रल सीट से सिटिंग सांसद पूनम महाजन का टिकट काटकर निकम को मौका दिया था. उज्जवल निकम मुंबई आतंकी हमले जैसे कई हाई-प्रोफाइल केस में सरकारी वकील के तौर पर अदालत में सरकार का पक्ष रख चुके हैं.

निकम की नियुक्ति पर पलांडे को आपत्ति

हाल ही में निकम यहां कोर्ट में पलांडे के खिलाफ मामले में स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के रूप में फिर से कोर्ट में पेश हुए. इस पर पलांडे ने आपत्ति जताई और कोर्ट पहुंच गए. उन्होंने अपनी याचिका में कहा, वह (उज्ज्वल निकम) अब राजनीतिक दल के एजेंडे के लिए काम करेंगे. वे जनता के बीच बीजेपी की छवि बनाने के लिए हाई-प्रोफाइल मामलों में झूठी सजा दिलाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं, जो आरोपियों के मौलिक अधिकारों के खिलाफ है.

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अब 28 जून को होगी सुनवाई

पलांडे ने न्याय और मौलिक अधिकारों के हित में निकम को उनके खिलाफ मामले से दूर रखने के लिए अदालत से निर्देश मांगा है. उन्होंने अदालत से निकम की नियुक्ति रद्द करने के लिए संबंधित प्राधिकारी को निर्देश देने का आग्रह किया है. फिलहाल, इस मामले की अगली सुनवाई 28 जून को होगी.

दिल्ली के व्यवसायी अरुण टिक्कू और फिल्म निर्माता करणकुमार कक्कड़ की हत्या के आरोप में गिरफ्तारी के बाद पलांडे अप्रैल 2012 से न्यायिक हिरासत में है.

कौन हैं उज्ज्वल निकम

उज्जवल निकम का जन्म महाराष्ट्र के जलगांव में रहने वाले एक मराठी परिवार में हुआ था. उनके पिता पेशे से एक जज थे. निकम ने जलगांव के एसएस मनियार लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री प्राप्त की है. उन्होंने साइंस से ग्रेजुएशन की है. उन्होंने जलगांव में जिला अभियोजक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की और फिर राज्य और राष्ट्रीय केसों से पहचान बनाई.

उन्होंने साल 1991 में कल्याण बम विस्फोट के लिए रविंदर सिंह को दोषी ठहराने में उन्होंने प्रमुख भूमिका निभाई थी. उनके करियर में 1993 में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया जब वह मुंबई सिलसिलेवार विस्फोट मामले में सरकारी वकील बने. उन्होंने आतंकवादी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत स्थापित विशेष अदालत में 14 वर्षों से अधिक वक्त तक काम किया. निकम ने 26/11 मुंबई हमले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से दलीलें दी थीं. मुंबई हमले के आरोपी अजमल कसाब ने जेल में मटन बिरयानी की मांग की थी. हालांकि, बाद उन्होंने खुलासा किया कि झूठ बोला था.

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इन हाई-प्रोफाइल केसों में भी की पैरवी

इसके अलावा उन्होंने 1993 के बॉम्बे बम विस्फोटों, गुलशन कुमार हत्या मामले, प्रमोद महाजन हत्या मामले और 2008 के मुंबई हमलों सहित कई प्रमुख मामलों से जुड़े. वह 2013 के मुंबई सामूहिक बलात्कार मामले, 2016 में कोपर्डी बलात्कार और हत्या के मामले में सरकारी वकील भी थे.

पद्मश्री से हो चुके हैं सम्मानित

उज्जवल निकम अपने 30 साल के करियर में 628 कैदियों को उम्रकैद की सजा दिला चुके हैं और 37 दोषियों को फांसी की सजा दिला चुके हैं. उज्जवल निकम को साल 2009 में 26/11 मामले की सुनवाई के दौरान जेड प्लस सुरक्षा दी गई थी. साथ ही उन्हें कानूनी क्षेत्र में दिए अपने योगदान के लिए भारत सरकार की ओर से साल 2016 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था.

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