तिब्बत (Tibet) मध्य एशिया में पठारों और पहाड़ों के एक विशाल क्षेत्र पर स्थित है, जहां माउंट एवरेस्ट है. इसकी सीमा उत्तर-पूर्व में चीनी प्रांत किंघई, पूर्व में सिचुआन और दक्षिण-पूर्व में युन्नान से लगती है, दक्षिण में म्यांमार (बर्मा), भारत, भूटान और नेपाल से; पश्चिम में विवादित कश्मीर क्षेत्र से लगती है. यह लगभग 2,500,000 वर्ग किमी में फैला है.
यह तिब्बती लोगों की मातृभूमि है. यहां कुछ अन्य जातीय समूह भी निवास करते हैं जैसे मोनपा, तमांग, कियांग, शेरपा और लोबा लोग और 20 वीं शताब्दी के बाद से, काफी संख्या में हान चीनी और हुई आप्रवासी भी निवास करते हैं.
तिब्बत प्रशासनिक रूप से तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और किंघई, गांसु, युन्नान और सिचुआन प्रांतों के कुछ हिस्सों में विभाजित है. तिब्बत पृथ्वी पर सबसे ऊंचा क्षेत्र है, जिसकी औसत ऊंचाई 4,380 मीटर (14,000 फीट) है. हिमालय में स्थित, तिब्बत में सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट है, जो पृथ्वी का सबसे ऊंचा पर्वत है. यह समुद्र तल से 8,848.86 मीटर ऊपर है.
भारतीय टेक्टॉनिक प्लेट तिब्बत के नीचे दो हिस्सों में टूट रही है. इससे हिमालय में बड़े भूकंप (8-9 तीव्रता), ज्वालामुखी फटने और बाढ़ का खतरा है. प्लेट का निचला हिस्सा पिघल रहा है. फटाव 200-300 किमी लंबा है. भारत-नेपाल-चीन प्रभावित होंगे. लाखों जीवन जोखिम में आ रहे हैं.
तिब्बत के एवरेस्ट के पास बर्फीले तूफान से 200 ट्रेकर्स अब भी फंसे हुए हैं. रविवार से 350 को रेस्क्यू टीमों ने कुदांग सुरक्षित पहुंचाया. कर्मा घाटी में 19 किमी बर्फ पार कर निकले एरिक वेन ने कहा कि पैरों के निशान देखकर तूफान से निकले. पश्चिमी चीन में भी तबाही – किलियन में 1 मौत, शिनजियांग में हाइकिंग बंद.
तिब्बत के एवरेस्ट क्षेत्र में अचानक आए बर्फीले तूफान से सैकड़ों ट्रेकर्स फंस गए. रेस्क्यू टीमों ने 350 को सुरक्षित निकाला। विशेषज्ञों ने कहा— ये जलवायु परिवर्तन की चेतावनी है.
तिब्बत में माउंट एवरेस्ट पर अचानक बर्फीला तूफान आने से सैकड़ों ट्रैकर्स फंस गए. अब तक रेस्क्यू टीम ने 300 से अधिक पर्यटकों को बचा लिया है और 200 से ज्यादा ट्रैकर्स अभी भी फंसे हुए है. वहीं दूसरीं ओर गाजा पर हो रहें इजरायली हमलें के समर्थन में अलग-अलग देशों में सड़कों पर लोगों का जनसैलाब उमड़ रहा है.
तिब्बत में माउंट एवरेस्ट के पूर्वी ढलानों पर बेमौसम आए बर्फीले तूफान से हजारों ट्रेकर्स फंस गए. रेस्क्यू टीमों ने 350 ट्रेकर्स को सुरक्षित कुदांग पहुंचा दिया है और 200 से संपर्क में हैं. अन्य ट्रेकर्स को भी रेस्क्यू करने की कोशिश की जा रही है.
प्रोजेक्ट सिनिसाइजेशन के माध्यम से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचानों को चीनी राष्ट्रीय पहचान के अनुरूप ढाल रही है, ताकि वह अपने समाजवादी और राष्ट्रवादी एजेंडे को आगे बढ़ा सके. राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा है कि लोगों को धार्मिक आजादी का पालन सरकार द्वारा तय किए गए मानदंडों के भीतर ही करना चाहिए.
प्रोजेक्ट सिनिसाइजेशन के माध्यम से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी, रिलीजियस और कल्चरल Identities को चीनी नेशनल आइडेंटिटी के अनुरूप ढाल रही है, ताकि वे अपने सोशलिस्ट और नेशनलिस्ट एजेंडे को आगे बढ़ा सके. प्रेसिडेंट जिनपिंग ने कहा है कि लोगों को रिलीजियस फ्रीडम का पालन सरकार द्वारा तय किए गए मानदंडों के भीतर ही करना चाहिए.
दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशन तिब्बत के तांगगुला में है, जोकि 5,068 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यह स्टेशन तकनीक और साहस का अद्भुत उदाहरण है, जहां उतरना तो मुमकिन नहीं, लेकिन गुजरते समय चारों ओर का नज़ारा आपको मंत्रमुग्ध कर देता है.
जयपुर में आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने पीएम मोदी के स्वतंत्रता दिवस भाषण का स्वागत करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने हिमालय को लेकर चीन और पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाए, कैलाश मानसरोवर और तिब्बत की मुक्ति की बात कही. साथ ही, ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान-चीन को सबक सिखाने और भविष्य में पीओके वापस लेने का दावा किया.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग तिब्बत में हैं. तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में राजधानी लासा में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में चीन के राष्ट्रपति ने भाग लिया. चीन के लिए तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र को दुनिया से अपने देश का एक भाग मनवाना सबसे बड़ी चुनौती है. चीन लगातार यह प्रयास करता है कि पूरी दुनिया तिब्बत को चीन का एक हिस्सा माने.
तिब्बत पहुंचे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कम्युनिस्ट पार्टी के लोकल कैडरों और अधिकारियों को कहा कि वे तिब्बती बौद्ध धर्म को चाइनीज मॉडल के समाजवाद के साथ जोड़ने के लिए काम करें. उन्होंने इस क्षेत्र को आधुनिक समाजवादी तिब्बत बनाने पर जोर दिया.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ल्हासा यात्रा में तिब्बत की भाषा, धर्म और संस्कृति को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के एजेंडे में ढालने का संदेश दिया. उन्होंने मंदारिन भाषा, समाजवादी तिब्बत और जातीय एकता पर जोर दिया. जानिए तिब्बती पहचान पर चीन की रणनीति और भू-राजनीतिक संकेत.
चीन तिब्बत-शिनजियांग रेल लाइन बना रहा है, जो अक्साई चिन और LAC के पास से गुजरेगी. यह भारत की सुरक्षा के लिए चिंता का कारण है. रेल सेना की तेज तैनाती में मदद करेगी. भारत अभी चुप है, लेकिन अपनी सीमा सुरक्षा मजबूत कर रहा है.
शिनजियांग-तिब्बत रेलवे कंपनी (XTRC) को आधिकारिक रूप से 95 अरब युआन (करीब 13.2 अरब अमेरिकी डॉलर) की पूंजी के साथ रजिस्टर्ड किया गया है. यह कंपनी पूरी तरह चीन स्टेट रेलवे ग्रुप की होगी. इसका लक्ष्य है कि 2035 तक ल्हासा को केंद्र बनाकर 5,000 किलोमीटर लंबा रेलवे नेटवर्क बनाया जाए.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि इस बांध परियोजना का "निचले क्षेत्रों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा." उन्होंने भारत और बांग्लादेश में बांध को लेकर उठ रही चिंताओं का जवाब देते हुए यह बात कही.
इस प्रोजेक्ट का साइज दुनिया के किसी भी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट से कहीं ज्यादा बड़ा होगा, जिसमें चीन का अपना थ्री गॉर्जेस बांध भी शामिल है, जिसे दुनिया में सबसे बड़ा डैम माना जाता है. चीन ने 2015 में तिब्बत में सबसे बड़े 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के जम हाइड्रो पावर स्टेशन को पहले ही चालू कर दिया है, जिससे भारत में चिंताएं पैदा हो गई हैं.
असल में अवलोकितेश्वर में तिब्बती बौद्ध धर्म में सबसे बड़े देवता हैं. बल्कि ऐसा कहना चाहिए कि बौद्ध परंपरा में 'अवलोकितेश्वर' सबसे बड़े देवता के तौर पर जाने और पूजे जाते हैं. बौद्ध परंपरा उन्हें 'करुणा' के मू्र्त स्वरूप में देखती है और बोधिसत्व के सबसे लोकप्रिय स्वरूपों में से एक मानती है. ये माना जाता है कि अगर करुणा-दयालुता और निश्चल प्रेम का कोई चेहरा हो तो वह अवलोकितेश्वर का ही होगा.
नेपाल के भोटे कोशी नदी में आई भयानक बाढ़ ने पूरे देश को हिला दिया है. इस बाढ़ में 9 लोगों की मौत हो गई. 24 से ज्यादा लोग लापता हैं. इस त्रासदी के पीछे का कारण तिब्बत क्षेत्र (चीन) में एक सुपरग्लेशियर झील के अचानक टूटना बताया जा रहा है. यह जानकारी काठमांडू स्थित ICIMOD ने दी है.
14वें दलाई लामा का असली नाम ल्हामो धोंडुप था. तिब्बत में जन्मे दलाई लामा को बचपन में ही 13वें दलाई लामा का पुनर्जन्म माना गया. आज उन्हें तेन्ज़िन ग्यात्सो के नाम से पूरी दुनिया जानती है.
आज से 66 साल पहले क्या हुआ, कैसे हुआ और परिस्थितियां कैसी थीं? दलाई लामा अपनी बॉयोग्राफी में उस दौरा का बड़ी निराशा भरे शब्दों में जिक्र करते हैं. My Land My People किताब में दलाई लामा लिखते हैं कि तिब्बत में स्थितियां खराब होने लगी थीं, क्योंकि चीनी हस्तक्षेप अब खुलकर बढ़ने लगा था.
14वें दलाई लामा ने स्पष्ट किया कि उनका उत्तराधिकारी गादेन फोडरंग ट्रस्ट द्वारा चुना जाएगा, न कि चीन की स्वर्ण कलश परंपरा से. तुलकु सिस्टम क्या है और यह चीन के हस्तक्षेप से कैसे अलग है?