सम्राट चौधरी (Samrat Choudhary) बिहार के उपमुख्यमंत्री हैं (Deputy CM of Bihar). बिहार चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद नीतीश कुमार ने 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. 20 नवंबर 2025 को नीतीश कुमार की सरकार में सम्राट चौधरी ने दूसरी बार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
वह भारतीय जनता पार्टी से बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं. वे मार्च 2023 से भाजपा बिहार राज्य इकाई के पार्टी अध्यक्ष रहे हैं. सम्राट चौधरी विधानसभा के सदस्य और राष्ट्रीय जनता दल सरकार में बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. उन्होंने 2025 विधानसभा चुनाव में तारापुर सीट से जीत हासिल की.
बिहार राज्य के लिए भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष रहे हैं और 2019 में अपना पहला कार्यकाल समाप्त होने के बाद 2020 में एमएलसी के रूप में दूसरे कार्यकाल के लिए चुने गए. 2014 में सम्राट ने तेरह विधायकों को पार्टी से अलग करके राष्ट्रीय जनता दल में विभाजन की योजना बनाई थी, बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए. 2022 में, उन्हें बिहार विधान परिषद में विपक्ष के नेता के रूप में चुना गया (Samrat Choudhary Political Career).
चौधरी कोइरी जाति से हैं और वह लंबे समय से भाजपा का ओबीसी चेहरा रहे हैं. उनका जन्म 16 नवंबर 1968 को मुंगेर के लखनपुर गांव में हुआ था. उनके पिता शकुनी चौधरी सात बार विधायक और सांसद रहे हैं और मां पार्वती देवी तारापुर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रही हैं. अपनी बुनियादी शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने मदुरै कामराज विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की. उनकी पत्नी का नाम ममता कुमारी है और उनके दो बच्चे हैं (Samrat Choudhary Family and Education).
बिहार में बालू के अवैध खनन और माफिया के खिलाफ सरकार ने सख्त रुख अपना लिया है. गृह मंत्री सम्राट चौधरी के पदभार संभालते ही पुलिस-प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है. बालू और भू-माफियाओं की आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया है. वहीं खान मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने हेल्पलाइन जारी की है.
बिहार गृह मंत्री का नया चैंबर मुख्य सचिवालय में बनाया जा रहा है, जिसे भवन निर्माण विभाग ने अलॉटमेंट की प्रक्रिया पूरी कर दी है. माना जा रहा है कि यह फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ज्यादा करीब रहने और शासन में बेहतर तालमेल के लिए लिया गया है.
सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य में चल रहे अवैध गुंडा बैंक पूरी तरह बंद होंगे. उन्होंने सूदखोरी और मनमाना ब्याज वसूलने वाली इस व्यवस्था को खत्म करना सरकार की प्राथमिकता बताया.
बिहार विधानसभा में AIMIM के सभी पांच विधायक ने सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी से मिले. उन्होंने सीमांचल क्षेत्र में विकास, सड़क, शिक्षा और बेसिक सुविधाओं को प्राथमिकता देने की मांग रखी.
आज से बिहार विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हो रहा है, जहां प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे. इसके बाद आज स्पीकर पद के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी. आज से शुरू होने वाला ये विशेष सत्र 5 दिसंबर तक चलेगा.
बिहार में नई सरकार है. 20 साल बाद नीतीश कुमार ने गृहमंत्रालय छोड़ा है, ऐसे में सबकी नजरें बिहार के लॉ एंड ऑर्डर पर हैं. जिसकी कमान अब डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी संभाल रहे हैं. कल हमने बिहार के सिवान में फायरिंग की हैरान करने वाली तस्वीर दिखाई थी तो वहीं आज एक और तस्वीर बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है. बिहार के लखीसराय में डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के स्वागत में जोरदार फायरिंग की तस्वीरें सामने आईं हैं. कई कार्यकर्ता सीएम के स्वागत में खुलेआम हवा में फायरिंग करते नजर आ रहे हैं. लेकिन उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है. डिप्टी सीएम के काफिले में खुलेआम गन लहराई गई और हवा में फायरिंग की गई.
नीतीश कुमार को लेकर चुनावों से पहले खूब सवाल उठाए जा रहे थे, अब वो उनका जवाब एक्शन से देने लगे हैं. कानून-व्यवस्था से लेकर सरकारी योजनाओं तक. बिहार सचिवालय का औचक निरीक्षण कर नीतीश कुमार ने अपना इरादा भी जाहिर कर दिया है कि आगे वो क्या क्या करने वाले हैं.
ये समझना मुश्किल हो सकता है कि बिहार में बेहतर कानून-व्यवस्था कायम करना, सिर्फ सम्राट चौधरी के लिए खुद को साबित करने का मौका है या बीजेपी के लिए एक टास्क है. लेकिन, ये तो साफ है कि नीतीश कुमार की सुशासन बाबू वाली विरासत संभालने के लिए सम्राट चौधरी के सामने ये बेहतरीन मौका है.
बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई वाली नई सरकार के गठन के बाद स्थिति पूरी तरह एक्शन मोड में है. गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने अपराधियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि राज्य में कोई भी "रोमियो" घूमने नहीं पाएगा. इसके लिए एक विशेष फोर्स का गठन किया जाएगा जो सुरक्षा सुनिश्चित करेगा और महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देगा. सम्राट चौधरी ने यह भी संकेत दिए हैं कि योगी आदित्यनाथ मॉडल को बिहार में लागू करने की योजना है, जिससे अपराध नियंत्रण और बेहतर कानून व्यवस्था स्थापित की जा सके.
सम्राट चौधरी ने गृह विभाग का कार्यभार संभलते ही अपराधियों को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि मैं बिहार में ऑर्गेनाइज्ड क्राइम नहीं होने दूंगा. राज्य में 400 बड़े माफिया और अपराधियों की पहचान की गई है, जिनमें से दो के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो चुकी है. उन्होंने स्कूल-कॉलेजों के आसपास पिंक पेट्रोलिंग जैसी विशेष फोर्स तैनात करने का भी ऐलान किया है.
बिहार विधानसभा चुनाव की सियासी जंग फतह करने और एनडीए सरकार बनने के बाद पहली बार कैबिनेट की बैठक है. माना जा रहा है कि इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे सकते हैं.
बिहार में सरकार गठन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव की बारी है. बीजेपी की अपनी दावेदारी है तो जेडीयू की नजर भी उसी पद पर है. विधान परिषद के स्पीकर पद पर पहले से बीजेपी का कब्जा है. ऐसे में देखना होगा कि दोनों सदनों में बीजेपी का अध्यक्ष होगा या फिर जेडीयू की बार्गेनिंग पावर काम होगी?
बिहार में एनडीए सरकार गठन के बाद मंत्रिमंडल का भी स्वरूप सामने आ गया है. सीएम नीतीश कुमार ने भले ही गृह मंत्रालय का जिम्मा बीजेपी नेता और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को सौंप दिया हो, लेकिन उनका रिमोर्ट कंट्रोल अपने हाथों में रखा है. जानें कैसे...
नीतीश कुमार ने बीस साल से मुख्यमंत्री रहते हुए गृह विभाग अपने पास क्यों रखा है यह सवाल हर किसी के मन में आता है क्योंकि गृह विभाग को सबसे ताकतवर विभाग माना जाता है जो राज्य की राजनीति और सुरक्षा से जुड़ा होता है. मुख्यमंत्री के पास यह अधिकार होता है कि वे किस मंत्री को कौन-सा दायित्व सौंपते हैं और कौन से विभाग को संभालते हैं.
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नई टीम बन चुकी है और कई मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों का कार्यभार संभाल लिया है. मंगलवार को कैबिनेट की पहली बैठक होने जा रही है. सबसे ज्यादा चर्चा गृह विभाग की है, जो बीस साल बाद नीतीश कुमार ने छोड़ा है और इसकी जिम्मेदारी अब उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के कंधों पर आई है.
बिहार में मंत्रिमंडल का बंटवारा पूरा हो गया है जहां पहली बार मुख्यमंत्री नितीश कुमार के पास गृह विभाग नहीं है. इस बार सम्राट चौधरी को गृह विभाग का जिम्मा मिला है जबकि जेडीयू को वित्त विभाग सौंपा गया है.
20 साल से बिहार के मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार ने पहली बार गृह विभाग छोड़ दिया है और अब यह विभाग बीजेपी के पास चला गया है. बीजेपी के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को गृह विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है क्योंकि अब कानून व्यवस्था की पूरी कमान सम्राट चौधरी के पास होगी.
बिहार में इस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा गृह विभाग को लेकर है. जिसे 20 साल बाद नीतीश कुमार ने छोड़ा तो वहीं इसकी जिम्मेदारी सम्राट चौधरी के कंधों पर आई. सबसे बड़ी बात आज जब सम्राट चौधरी ने कमान संभाली तो उससे पहले बेगूसराय से एनकाउंटर की खबर आई. अब सवाल ये भी क्या बिहार में अपराधियों पर लगाम के लिए यूपी मॉडल की तस्वीर नजर आएगी? देखें शंखनाद.
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नई टीम का गठन हो गया है जिसमें कई मंत्रियों ने कार्यभार संभाला है. खास बात यह है कि गृह मंत्रालय, जो बीस वर्षों तक नीतीश कुमार के कब्जे में था, इस बार सम्राट चौधरी को सौंप दिया गया है. यह बदलाव राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है और विपक्ष इसका बीजेपी से गठबंधन में साजिश बताता है.
बिहार में मंंत्रालयों का बंटवारा होता है और उसी दिन से सबसे बड़ी बहस भी शुरू हो जाती है कि क्या बिहार में अब बीजेपी ही एनडीए में बड़े भाई की भूमिका में आ गई है. सवाल इसलिए क्योंकि नीतीश कुमार के पास पहली बार गृह विभाग नहीं है और बीजेपी के सम्राट चौधरी के पास इसकी जिम्मेदारी आ गई है. 2005 से लेकर 2025 तक गृह विभाग नीतीश के पास ही था। विपक्ष ने भी सवाल उठा दिया है कि नीतीश अब सिर्फ नाम के लिए ही मुख्यमंत्री रह गए हैं. देखें दंगल.
CM नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण के एक दिन बाद बिहार सरकार में विभागों का बंटवारा कर दिया गया है. नई कैबिनेट में सबसे महत्वपूर्ण गृह विभाग डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को सौंपा गया है. यह खास बात है कि 20 साल बाद CM नीतीश कुमार ने पहली बार गृह विभाग का कार्यभार छोड़ दिया है. डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी अब ये जिम्मा संभालेंगे.