श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज, प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) के नाम से जाना जाता है. वह एक हिंदू आध्यात्मिक गुरु, संत और दार्शनिक हैं. वे राधा कृष्ण के उपासक हैं. उनका आश्रम वृंदावन में श्री हित राधा केलि कुंज है. प्रचार से दूर रहने प्रेमानंद अपने आम भक्तों और सेलिब्रिटी भक्तों में बिना भेदभाव किए एक जैसा व्यवहार करते हैं जिसके लिए वह हमेशा सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं.
उनके सत्संग और निजी वार्तालाप उनकी सादगी और आध्यात्मिक सूक्ष्मता के लिए जाने जाते हैं. प्रेमानंद महाराज राधावल्लभ संप्रदाय से संबंधित हैं.
प्रेमानंद महाराज का जन्म 1972 में कानपुर के पास सरसौल ब्लॉक के अखरी गांव में हुआ था. प्रेमानंद महाराज का पुराना नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था. उनकी मां का नाम श्रीमती रमा देवी और पिता का नाम शंभू पांडे था. 13 वर्ष की आयु में उन्होंने अपना पैतृक घर छोड़ दिया और संन्यास ले लिया.
कुछ लोग मानते हैं कि नाम की स्पेलिंग या एक अक्षर बदलने से उनकी किस्मत बदल सकती है. या घर में कोई खास चीज रखने से भाग्य संवर सकता है. एक व्यक्ति ने इसी से जुड़ा एक सवाल वृंदावन के प्रेमानंद महाराज से पूछा. आइए जानते हैं कि प्रेमानंद जी ने क्या जवाब दिया.
अनुष्का शर्मा और विराट कोहली ने 16 दिसंबर को वृंदावन में प्रेमानंद महाराज के दर्शन किए, इस मुलाकात में स्टार कपल की सादगी भी लोगों को बहुत पसंद आई.
Premanand Maharaj: वृंदावन के जाने माने बाबा प्रेमानंद महाराज ने भक्ति का सबसे गूढ़ रहस्य बताते हुए कहा कि भगवान का प्रेम तभी मिलता है, जब मनुष्य अहंकार छोड़कर किसी महापुरुष की शरण में जाता है. यही मार्ग प्रभु कृपा को जीवन में प्रकट करता है.
विराट कोहली और अनुष्का शर्मा ने एक बार फिर वृंदावन जाकर प्रेमानंद जी महाराज से आशीर्वाद लिया. इस दौरान महाराज जी ने दोनों को अपने काम को भगवान की सेवा मानने और विनम्र जीवन जीने की सीख दी. क्रिकेट में शानदार फॉर्म के बाद अब कोहली विजय हजारे ट्रॉफी और न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में खेलते नजर आएंगे.
वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज ने चेताया है कि स्कूल और कॉलेज के छात्रों में गालियां देना, गंदी बातें और गलत मजाक करना उनके चरित्र और भविष्य को नुकसान पहुंचा रहा है. उन्होंने युवाओं से आग्रह किया है कि वे अनुशासन अपनाएं, गलत आदतों से दूर रहें और समाज में सम्मानजनक व्यक्तित्व अपनाएं.
Premanand Maharaj on Mobile and laziness: आजकल के दौर में बच्चों से लेकर युवा और यहां तक कि कई बुजुर्ग भी हर वक्त मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में प्रेमानंद महाराज ने एक भक्त के सवाल के जवाब में बताया है कि मोबाइल और आलस से आसानी से पीछा कैसे छुड़ाया जा सकता है.
Premanand Maharaj: मृत्यु के बाद प्रियजनों से सभी संबंध खत्म हो जाते हैं. प्रेमानंद महाराज बताते हैं कि शरीर के समाप्त होते ही रिश्तों का बंधन भी पूरी तरह टूट जाता है और आगे की यात्रा आत्मा अकेले ही तय करती है.
Premanand Maharaj: वृंदावन के प्रेमानंद महाराज जी भक्तों को केवल धार्मिक, आध्यात्मिक मार्ग की तरफ ही नहीं मोड़ते हैं बल्कि वो उनसे उनके जीवन की समस्याओं पर भी बातचीत करते हैं. कुछ समय पहले एक भक्त ने उनसे उनके बचपन से जुड़ा सवाल कर लिया जिसका जवाब प्रेमानंद महाराज ने बड़े ही प्यार से दिया. आइए जानते हैं कि प्रेमानंद महाराज से क्या पूछा गया था.
Premanand Maharaj on Husband Wife relationships: वृंदावन के प्रेमानंद महाराज बताते हैं कि पति-पत्नी का रिश्ता बहुत पवित्र होता है उसे हमेशा अटूट रखना चाहिए. लेकिन पति और पत्नी को भी कभी भी एक स्थिति में अपने जीवनसाथी के साथ नहीं रहना चाहिए.
प्रेमानंद महाराज ने बच्चों की परवरिश में माता-पिता के समय और प्यार की अहमियत पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि महंगाई और व्यस्त जीवनशैली के कारण माता-पिता अपने बच्चों से दूर हो रहे हैं, जिससे बच्चे नौकरानियों के ज्यादा करीब महसूस करते हैं.
Premanand Maharaj: हिंदू धर्म में दान करना बहुत बड़ा पुण्य माना जाता है. प्रेमानंद महाराज के मुताबिक, दान देते समय सबसे पहले पात्र और कुपात्र की पहचान जरूरी है. सच्चा संत कभी आपके अहित की कामना नहीं करता है, जबकि पाखंडी अपने स्वार्थ के लिए दान का दुरुपयोग करेगा. इसलिए, दान ऐसा हो जो जरूरतमंद की मदद भी करें और आपके पुण्य को सार्थक भी बनाए.
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि दान देते समय पात्र और कुपात्र की पहचान जरूरी है. दान सही व्यक्ति को मिले तो ही उसका पुण्य सार्थक होता है.
Indresh Upadhyay Father Meet Premanand Maharaj: कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय के पिता कृष्ण चंद्र ठाकुर संत प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंचे. इस दौरान प्रेमानंद महाराज ने इंद्रेश उपाध्याय की खूब तारीफ की. उन्होंने कहा कि इंद्रेश जी का स्वभाव बहुत ही सौम्य और मृदु भाषी है और वे आसानी से लोगों का दिल जीत लेते हैं.
Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज के दरबार में एक परिवार पहुंचा और स्वयं को नीम करोली बाबा का भक्त बताते हुए पूछा कि अब बाबा सशरीर नहीं हैं, इसलिए वे प्रेमानंद जी को गुरु स्वरूप मान रहे हैं. क्या यह गुरु अपराध माना जाएगा? इस विषय पर उन्होंने मार्गदर्शन की इच्छा जताई.
आजकल के व्यस्त जीवन में माता-पिता अपने बच्चों को पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे हैं, जिससे बच्चे नौकरानियों पर पूरी तरह से निर्भर हो रहे हैं. सुधांशु पांडे और आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद महाराज ने इस समस्या पर चिंता जताई है, आइए जानते हैं कि इनका क्या कहना है.
सोशल मीडिया पर स्मृति और पलाश की शादी टलने के बाद से हंगामा मचा हुआ है. कभी कोरियोग्राफर को तो कभी अनजान महिलाओं के साथ पलाश मुच्छल का नाम जोड़ा जा रहा है. इस बीच पलाश की तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. माना जा रहा है कि वो प्रेमानंद महाराज की शरण में पहुंचे हैं.
Premananad Maharaj And Rajpal Yadav: फिल्म अभिनेता राजपाल यादव वृंदावन स्थित प्रेमानंद महाराज के आश्रम पहुंचे. प्रेमानंद महाराज ने उनके हास्य अभिनय की सराहना करते हुए कहा कि वे लोगों को आनंद देते हैं. दोनों के बीच हुई वार्तालाप में कई ऐसे मौके आए जहां राजपाल यादव की बातों ने प्रेमानंद महाराज को हंसने पर महबूर कर दिया.
Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज के अनुसार, मासिक धर्म शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया है. इन दिनों में मंदिर न जाना या पूजा सामग्री न छूना नियम का हिस्सा है. लेकिन, इस दौरान भक्ति और नामजप कभी नहीं छोड़ना चाहिए.
प्रेमानंद महाराज वृंदावन के फेमस संत हैं. वह राधारानी के परम भक्त हैं. हाल ही में उनकी टीम द्वारा चलाए जा रहे इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किए गए वीडियो में बताया गया है कि मोबाइल चलाते समय किन गलतियों से बचना चाहिए.
Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि नाम जप ही वह शक्ति है जो पिछले जन्मों और वर्तमान में किए गए पापों को भस्म कर देती है. यह पुराने कर्मों और गलतियों को मिटाने में सहायक है.