पंजाब नेशनल बैंक घोटाला
पंजाब नेशनल बैंक घोटाला (Punjab National Bank Scam) मामले में हीरा व्यापारी नीरव मोदी (Nirav Modi) ने अपनी पत्नी और बेटे और चाचा मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) के साथ मुंबई के फोर्ट स्थित ब्रैडी हाउस शाखा (Brady House branch in Fort, Mumbai) से 11,000 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जी अंडरटेकिंग पत्र जारी किए थे. यह घटना साल 2018 में तब सामने आई थी, जब मोदी परिवार देश छोड़कर भाग गया था. (PNB Scam case)
इस घटना में पीएनबी के बैंक अधिकारी भी शामिल थे क्योंकि उन्होंने मोदी की फर्म को अंडरटेकिंग पत्र जारी करने के लिए कोर बैंकिंग सिस्टम को दरकिनार कर दिया था, जिसकी वजह से नीरव मोदी पर इस घोटाले का आरोप लगाया गया. उस वक्त के एक नए कर्मचारी ने एक विसंगति पाई और आगे इसकी सूचना दी. मामले के मुख्य आरोपी, नीरव मोदी को बाद में लंदन में गिरफ्तार किया गया था (Nirav Modi arrested in London). आरोपी मेहुल चोकसी ने कैरेबियाई राष्ट्र एंटीगा और बारबाडोस में शरण मांगी (Mehul Choksi Caribbean nation of Antigua and Barbados), जहां से वह बाद में डोमिनिकन गणराज्य भाग गए. अवैध अप्रवास(Choksi illegal immigration) के तहत देश में उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जा रहा है.
बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा को और मजबूत करने और आर्थिक अपराधियों की संपत्ति को जब्त करके कानून से बचने से रोकने के लिए भारत सरकार ने बाद में भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम (Fugitive Economic Offenders Bill) को मंजूरी दे दी.
ED ने मेहुल चोकसी के खिलाफ चल रही PMLA जांच के तहत जब्त किए गए मुंबई के चार फ्लैट लिक्विडेटर को सौंप दिए. ये फ्लैट बोरीवली ईस्ट के ‘तत्व-ऊर्जा ए विंग’ में स्थित थे. अब लिक्विडेटर इन्हें बेचकर PNB घोटाले में नुकसान झेल चुके बैंकों और दावेदारों को रकम लौटा सकेगा.
भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने भारत प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ बेल्जियम की सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है. उसने एंटवर्प कोर्ट ऑफ अपील्स के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को लागू करने योग्य माना गया था. यह अपील सिर्फ कानूनी आधारों पर है और मामले की सुनवाई तक प्रत्यर्पण पर रोक रहेगी.
बेल्जियम की अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी. चोकसी पर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार के आरोप हैं, जो बेल्जियम के कानूनों के तहत भी दंडनीय हैं. वह भारत में 13,000 करोड़ के पीएनबी घोटाले का मोस्ट वांटेड है. हालांकि उसके पास बेल्जियम की उच्चतम अदालत में अपील करने का विकल्प मौजूद है.
मेहुल चोकसी का नाम पीएनबी के 13,000 करोड़ रुपये के सबसे बड़े बैंक घोटाले से जुड़ा हुआ है. इस मामले में उसका भांजा नीरव मोदी भी मुख्य आरोपी है. नीरव मोदी फिलहाल लंदन की जेल में बंद है और भारत प्रत्यर्पण का विरोध कर रहा है. दोनों पर आरोप है कि इन्होंने पीएनबी के मुंबई ब्रैडी हाउस शाखा के कुछ अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoUs) जारी कर भारी-भरकम रकम विदेश भेजी.
भारत में 6,300 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी के आरोपी चोकसी की जमानत याचिका एक बार फिर खारिज कर दी गई है. चोकसी, जो गीताांजलि ग्रुप का मालिक है, को इसी साल अप्रैल में बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था. यह गिरफ्तारी भारत की सीबीआई द्वारा भेजे गए प्रत्यर्पण अनुरोध के आधार पर हुई थी.
ED का कहना है कि नेहल मोदी ने PMLA की धारा 3 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल रहकर अपराध किया है, और उसे धारा 4 के तहत सख्त सजा मिलनी चाहिए. भारत सरकार ने नेहल मोदी के प्रत्यर्पण (extradition) की आधिकारिक मांग की थी, जिस पर अब अमेरिका की ओर से कार्रवाई की गई है, उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में नेहल मोदी को भारत लाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
नेहल मोदी की गिरफ्तारी भारत सरकार के औपचारिक प्रत्यर्पण अनुरोध के तहत हुई है और अब उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया अमेरिका में शुरू हो चुकी है. अमेरिकी अभियोजन पक्ष द्वारा दायर शिकायत के मुताबिक, नेहल मोदी के खिलाफ दो मुख्य आरोपों के आधार पर प्रत्यर्पण की कार्यवाही की जा रही है.
ब्रिटिश हाईकोर्ट ने भगोड़े नीरव मोदी को जमानत देने से इनकार कर दिया है. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि नीरव के पास भारी मात्रा में वित्तीय संसाधन मौजूद हैं, जिससे उसके भागने का जोखिम है. कोर्ट ने ये भी स्वीकार किया है कि शुरुआती में जांच उनके खिलाफ सबूत मिले हैं, जिन्हें उसने नष्ट करने की कोशिश की थी.
PNB को भी आरोपी बनाए जाने की मांग वाली याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि याचिका मुकदमे को एक अलग दिशा में ले जाने के उद्देश्य से दायर की गई है, जिसके माध्यम से वह और उसके मास्टरमाइंड फायदा हुआ है. इस तरह न्याय मिलने में परेशानी होगी. आरोपी की ओर से अदालत को उकसा कर उसे पीड़ित बनाने का प्रयास करना एक धोखा है.
संजय हेगड़े के मुताबिक भारतीय एजेंसियों को बेल्जियम के कानून के तहत प्रक्रियाओं का पालन करना होगा और वहां की अदालतों की मंजूरी के बाद ही मेहुल चोकसी का प्रत्यर्पण हो सकता है. इसके अलावा, बेल्जियम में संबंधित मंत्रालय से प्रशासनिक आदेश की आवश्यकता होगी, जो अदालत के आदेश के अधीन होगा.
मेहुल चोकसी ने पारिवारिक व्यवसाय में दाखिल होने से पहले गुजरात के पालनपुर में जीडी मोदी कॉलेज से पढ़ाई की. उसका एक भाई चेतन चिनुभाई चोकसी है और वह नीरव मोदी का चचेरा भाई है. दोनों ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिट लिस्ट में शामिल हैं.
देश में अबतक के सबसे बड़े बैंक घोटालों में से एक पंजाब नेशनल बैंक (PNB Scam) में आरोपी हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम से गिरफ्तार कर लिया गया है और इसे जेल में बंद कर दिया गया है. जांच एजेंसियां उसे भारत लाने की कोशिश कर रही हैं.
पीएनबी में हुए 13 हजार 500 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी का नाम इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस डेटाबेस से हटा दिया है.
पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी और भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया है. उसे 12 अप्रैल को बेल्जियम के एक अस्पताल से अरेस्ट किया गया था.
हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने अपने भांजे नीरव मोदी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक को करीब 13,500 करोड़ रुपये का चूना लगाया है. मामला उजागार होते ही मेहुल चोकसी भारत छोड़कर फरार हो गया था.
पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी और भगोड़े मेहुल चोकसी को गिरफ्तार कर लिया गया है.सूत्रों के मुताबिक, जिस वक्त मेहुल चोकसी को गिरफ्तार किया गया.उस वक्त वो बेल्जियम से स्विट्जरलैंड जाने की प्लानिंग कर रहा था
मेहुल चोकसी की इन प्रॉपर्टी में गीतांजलि जेम्स लिमिटेड (GGL), नक्षत्र ब्रांड्स लिमिटेड (NBL), नक्षत्र वर्ल्ड लिमिटेड (NWL) और गिली इंडिया लिमिटेड के अलावा अन्य कंपनियों की संपत्तियां शामिल हैं.
मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि चोकसी ने इसलिए भारत नहीं छोड़ा कि जांच की आशंका थी बल्कि वह इलाज के लिए विदेश गया था.
यह फ्लैट सेंट्रल लंदन के मैरीलबोन इलाके में है. फ्लैट पर फिलहाल ट्राइडेंट ट्रस्ट कंपनी (सिंगापुर) की दावेदारी भी है. इस कंपनी ने भी इस अपार्टमेंट को बेचने की गुहार लगाई थी. इसके बाद ईडी ने अदालत में याचिका दायर कर नीरव मोदी के फ्लैट को बेचने का अनुरोध किया था.
ईओडब्ल्यू ने एस्प्लेनेड मजिस्ट्रेट कोर्ट के समक्ष अक्टूबर 2021 में प्रोक्लेमेशन के लिए यह आवेदन दायर किया था. बाद में कोर्ट ने मेहुल चोकसी के खिलाफ गैर जमानती वारंट (NBW) जारी किया था. हालांकि जब वह एनबीडब्ल्यू जारी होने के बावजूद अदालत में पेश नहीं हुआ, तो प्रोक्लेमेशन जारी करने की प्रक्रिया शुरू हुई.
आईसीआईसीआई बैंक ने मामले में मेहुल चोकसी के हस्तक्षेप का विरोध किया. सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश एसएम मेनजोगे ने पाया कि आईसीआईसीआई बैंक जिन संपत्तियों पर कब्जे की मांग कर रहा था, वे कंपनियों के स्वामित्व में थीं, न कि व्यक्तिगत रूप से मेहुल चोकसी के पास.