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नीरव मोदी के प्रत्यर्पण पर फिर टला लंदन कोर्ट का फैसला, मार्च 2026 में होगी अगली सुनवाई

पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की अपील पर लंदन हाई कोर्ट में सुनवाई मार्च 2026 तक टल गई है. भारत सरकार द्वारा जेल और पूछताछ पर दिए गए नए आश्वासनों पर नीरव के वकीलों ने जवाब देने के लिए समय मांगा.

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नीरव मोदी 2019 से UK की जेल में बंद हैं (Photo-ITG)
नीरव मोदी 2019 से UK की जेल में बंद हैं (Photo-ITG)

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से जुड़े करीब 2 अरब डॉलर के धोखाधड़ी मामले के मुख्य आरोपी भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में एक बार फिर देरी हो गई है. लंदन हाई कोर्ट ने नीरव मोदी की उस अर्जी पर सुनवाई मार्च 2026 तक के लिए टाल दी है, जिसमें उसने अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील को दोबारा खोलने की अनुमति मांगी थी.

सुनवाई के दौरान कोर्ट में यह बात सामने आई कि नीरव मोदी द्वारा प्रत्यर्पण रोकने के लिए अपनाया गया कोई 'गोपनीय कानूनी रास्ता' (संभवतः शरण की अर्जी) अगस्त में विफल हो गया है. इसके तुरंत बाद उसने अपनी अपील को दोबारा खोलने की यह नई याचिका दायर की.

भारत की 'मजबूत गारंटी' और कोर्ट का रुख लंदन के रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस में जस्टिस जेरेमी स्टुअर्ट-स्मिथ और जस्टिस रॉबर्ट जे की पीठ ने सुनवाई की. भारतीय अधिकारियों (CBI और ED) ने नीरव मोदी को मुंबई की आर्थर रोड जेल में रखने और उससे पूछताछ को लेकर "पुख्ता संप्रभु आश्वासन" (Sovereign Assurances) पेश किए. 

मार्च 2026 में होगी अगली सुनवाई

हालांकि, नीरव के वकीलों ने दावा किया कि ये आश्वासन पर्याप्त नहीं हैं और भारत में उनके मुवक्किल के साथ 'अमानवीय व्यवहार' का खतरा है. अदालत ने नीरव के वकीलों को इन आश्वासनों का जवाब देने के लिए समय देते हुए अगली सुनवाई मार्च 2026 तक टाल दी. 

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जज ने इस देरी पर टिप्पणी करते हुए इसे "बेहद निराशाजनक" बताया. अगर मार्च-अप्रैल 2026 में होने वाली दो दिवसीय सुनवाई में नीरव की अर्जी खारिज हो जाती है, तो उसके प्रत्यर्पण का रास्ता पूरी तरह साफ हो जाएगा. 

नीरव मोदी, जो इस समय उत्तरी लंदन की पेंटनविल जेल में बंद है, वीडियो लिंक के जरिए अदालत में पेश हुआ. कोर्ट ने तय किया कि अब यह मामला “रोल्ड-अप हियरिंग” के तौर पर सुना जाएगा, जिसमें यह तय होगा कि अपील दोबारा खोलने की अनुमति दी जाए या नहीं.

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नीरव मोदी के वकीलों ने संजय भंडारी केस का हवाला देते हुए दावा किया कि भारत में उसे अमानवीय व्यवहार का खतरा है. हालांकि, भारतीय पक्ष ने इस तुलना को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि नीरव मोदी के मामले में पहले से ही पर्याप्त और विश्वसनीय आश्वासन दिए जा चुके हैं.

आपको बता दें कि नीरव मोदी पर भारत में तीन बड़े आपराधिक मामले चल रहे हैं- PNB बैंक घोटाला, मनी लॉन्ड्रिंग और सबूतों से छेड़छाड़. साल 2019 में गिरफ्तारी के बाद से वह लगातार कानूनी रास्तों से प्रत्यर्पण टालने की कोशिश करता रहा है.

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