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पश्चिम बर्धमान

पश्चिम बर्धमान

पश्चिम बर्धमान

पश्चिम बर्धमान (Paschim Bardhaman) जिला पश्चिम बंगाल का एक प्रमुख शहरी और खनिज-औद्योगिक जिला है. इस जिले का मुख्यालय आसनसोल में स्थित है. यह जिला 7 अप्रैल 2017 को पूर्व बर्धमान जिले के विभाजन के बाद अस्तित्व में आया और यह राज्य का 23वां जिला बना.

पश्चिम बर्धमान जिला दो प्रमुख उप-जिलों में विभाजित है- आसनसोल सदर उप-जिला और दुर्गापुर उप-जिला. जिले में कुल 8 सामुदायिक विकास खंड (CD Block) हैं. आसनसोल सदर में चार खंड हैं - सलानपुर, बाराबनी, जामुरिया, और रानीगंज.

दुर्गापुर उप-जिले में चार खंड शामिल हैं- अंडाल, पंडाबेस्वर, फरीदपुर-दुर्गापुर और कांकसा.

जिले में 16 पुलिस थाने, 8 विकास खंड, 2 नगर निगम और 62 ग्राम पंचायतें हैं. प्रत्येक उप-जिले में ग्रामीण क्षेत्र और जनगणना नगर (Census Towns) शामिल हैं. कुल मिलाकर जिले में 66 शहरी इकाइयां हैं- 2 नगर निगम, 3 नगरपालिका (जो बाद में आसनसोल नगर निगम में शामिल कर दी गई) और 65 जनगणना नगर.

2011 की जनगणना के अनुसार (बर्धमान जिले के विभाजन के बाद) कुल जनसंख्या 2,882,031 है, जिनमें पुरुष 1,497,479 (52%) और महिला 1,384,452 (48%) है. 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों की संख्या 322,268 है. बात करें शहरी आबादी की 2,351,954 (81.61%) है. 

यह जिला मुख्य रूप से शहरी है और यहां अधिकांश लोग शहरों में निवास करते हैं.

पश्चिम बर्धमान का सबसे बड़ा योगदान कोयला खनन में रहा है. भारत में कोयला खनन की शुरुआत रानीगंज कोयला क्षेत्र से हुई थी. 1774 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के जॉन सम्नर और स्यूटोनीयस ग्रांट हीटली ने एथोरा (वर्तमान में सलानपुर CD ब्लॉक) के पास कोयला की खोज की.

जिला खनन, ऊर्जा और औद्योगिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है. दुर्गापुर में कई औद्योगिक इकाइयाँ स्थित हैं, जो स्थानीय और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान देती हैं.

पश्चिम बर्धमान जिला कई प्रसिद्ध व्यक्तियों का जन्मस्थल रहा है उनमें मुनमुन दत्ता (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah, अभिनेत्री) , काजी नज़्रुल इस्लाम (बांग्लादेश के राष्ट्रीय कवि), शर्मिला टैगोर (अभिनेत्री), मिका सिंह (गायक) शामिल हैं.

इस जिले का सांस्कृतिक, औद्योगिक और ऐतिहासिक महत्व पश्चिम बंगाल में इसे विशेष पहचान देता है.

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