नितेश नारायण राणे (Nitesh Rane) महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. वे महाराष्ट्र के मत्स्य पालन मंत्री हैं और कंकावली विधानसभा क्षेत्र से महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य हैं. वे गैर-सरकारी संगठन "स्वाभिमान संगठन"के प्रमुख हैं. वे महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे के पुत्र हैं.
नितेश राणे का जन्म 23 जून 1982 को बॉम्बे (अब मुंबई) में हुआ था. वे एमबीए प्रोफेशनल हैं और उन्होंने अपने बड़े भाई नीलेश के साथ यूनाइटेड किंगडम में पढ़ाई की है. वे राजनीति में प्रवेश करने और अपने पिता की मदद करने के लिए भारत लौट आए, जब उनके पिता ने 2005 में शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया.
दिसंबर 2008 में अपने और अन्य स्थानीय कांग्रेस नेताओं के बीच मतभेद के कारण अपने पद से इस्तीफा दे दिया. 2010 की गर्मियों की शुरुआत में, संगठन ने एक टोल फ्री हेल्पलाइन शुरू की, जहां नागरिक निजी जल आपूर्ति टैंकरों के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज करा सकते थे. राणे ने कहा कि निजी टैंकर बृहन्मुंबई नगर निगम द्वारा निर्धारित दर से 6 से 25 गुना तक की अत्यधिक कीमत वसूलते हैं. उन्होंने शिवसेना-भाजपा शासित बीएमसी को "जल-माफिया" पर अंकुश लगाने में विफल रहने के लिए दोषी ठहराया.
उन्होंने 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कंकावली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और 25,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की. 2019 में वे भाजपा में शामिल हो गए.
नितेश राणे ने 28 नवंबर 2010 को रुतुजा शिंदे से शादी की. शादी समारोह मुंबई के होटल ग्रैंड हयात में हुआ और रिसेप्शन रॉयल वेस्टर्न इंडिया टर्फ क्लब में आयोजित किया गया था.
भारत और पाकिस्तान के मैच को लेकर देश में विरोध जारी है. विपक्षी पार्टियां इस मैच पर सवाल उठा रही हैं और केंद्र सरकार पर हमला बोल रही हैं. AAP, शिवसेना यूबीटी से लेकर जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं ने इसे शहीदों का अपमान बताया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान 'खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते' का हवाला देते हुए उद्धव ठाकरे ने केंद्र पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यह पाखंड है. वे देशभक्ति को व्यापार बना रहे हैं. उन्हें सिर्फ पैसे की चिंता है, हमारे लोगों की जान की नहीं.
महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा, मराठी सिर्फ भाषा नहीं, हमारी संस्कृति है. कांग्रेस किसी भी भाषा के खिलाफ नहीं है, लेकिन जबरन तीसरी भाषा थोपने के खिलाफ है.
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और बीजेपी विधायक नितेश राणे का एक नया बयान सामने आया है. एक कार्यक्रम में नितेश राणे ने कहा कि गोल टोपी पहनने वाले और दाढ़ी रखने वालों ने मुझे वोट नहीं दिया. मैं हिंदुओं के वोट से विधायक बना हूं. अगर मैं हिंदुओं का समर्थन नहीं करूंगा तो क्या उर्दू बोलने वालों का समर्थन करूंगा?
महाराष्ट्र की राजनीति में हिंदी बोलने वालों के फेवर में कोई सामने नहीं आ रहा है. महाराष्ट्र सरकार और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मुंह में तो जैसे दही जम गया हो. दूसरा कोई मामला होता तो बीजेपी के विरोध में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आरजेडी जैसे दल खड़े हो गए होते. पर यहां ठाकरे बंधुओं को ललकारने वाला एक मराठी नितेश राणा ही सामने आए हैं.
महाराष्ट्र में मराठी और गैर मराठी भाषा को लेकर विवाद में हिंदुत्व का मुद्दा जुड़ गया है. शिव सेना यु वीडी के पूर्व सांसद राजन बेचारी की मौजूदगी में एक मराठी ग्राहक द्वारा गैर मराठी दुकानदार को पीटने का वीडियो सामने आया. इससे पहले एम एन एस कार्यकर्ताओं ने भी गैर मराठी दुकानदार की पिटाई की थी. महाराष्ट्र के मंत्री नीतीश राणे ने इस मामले को नया मोड़ देते हुए सवाल उठाया कि मराठी बोलने के नाम पर हिंदुओं की पिटाई क्यों की जा रही है. राणे ने चुनौती दी कि अगर मराठी लागू करनी है तो मुसलमानों से मराठी बुलवाकर दिखाएं. उन्होंने कहा कि जावेद अख्तर और आमिर खान से मराठी क्यों नहीं बुलवाई जाती. वहीं, जब आदित्य ठाकरे से नीतीश राणे को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने राणे को कचरा बताया. एक वक्ता ने कहा, "इतनी हिम्मत जाके नल बाजार और मोहम्मद अली रोड में दिखाओ ना वो जो दाढ़ी वाली और गोल्ड टोपी वाले क्या मराठी में बात करते हैं क्या?" कुछ वक्ताओं ने कहा कि सब अपने-अपने हिसाब से वोट की रोटी सेंक रहे हैं और कोई भी खुलकर मराठी भाषा की आड़ लेकर गुंडागर्दी करने वालों पर सीधी कार्रवाई की बात नहीं कर रहा है. भाषा को लेकर दिशा-निर्देशों पर बहस हो सकती है, लेकिन गुंडागर्दी बिल्कुल ठीक नहीं है. महाराष्ट्र में मराठी भाषा का अभिमान रखना गलत नहीं है, लेकिन भाषा के चलते अगर कोई गुंडागर्दी करेगा तो इसे सहन नहीं किया जाएगा. पुलिस ने इस प्रकार की घटनाओं पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की है और आगे भी कानूनन कार्रवाई की जाएगी. मराठी का अभिमान है, लेकिन भारत की किसी भी भाषा के साथ अन्याय नहीं किया जा सकता. कुछ लोगों ने इसे सिर्फ राजनीति बताया और कहा कि यह सिर्फ एक नया मुद्दा है.
महाराष्ट्र में मराठी-गैर मराठी भाषा विवाद में हिंदुत्व की एंट्री हो गई है. शिवसेना यूबीटी के पूर्व सांसद राजन विचारे की मौजूदगी में एक मराठी ग्राहक से गैर मराठी दुकानदार को पिटवाने का वीडियो सामने आया. इससे पहले एमएनएस कार्यकर्ताओं ने भी ऐसा ही किया. अब महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने इस मामले को नया मोड़ दे दिया है.
महाराष्ट्र की राजनीति में भाषा को लेकर विवाद जारी है. पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने उन व्यापारियों की पिटाई की जिन्हें मराठी नहीं आती थी. अब इस मामले में सत्ता पक्ष के नेता नितेश राणे भी शामिल हो गए हैं. नितेश राणे ने कहा है कि अगर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं में हिम्मत है तो वे मुंबई के भिंडी बाजार, डोंगरी और मुम्बरा जैसे इलाकों में जाकर मराठी सिखाएं, जहाँ सिर्फ हिंदी या उर्दू बोली जाती है. इस बयान के बाद मुंबई के डोंगरी इलाके की जनता ने अपनी राय रखी है.
महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर विवाद गहरा गया है. दरअसल मराठी न बोलने पर राज ठाकरे की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लोगों को पीटा था. लेकिन अब महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने इस विवाद में हिंदुत्व का मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा कि मोहम्मद अली रोड जाकर मराठी बोलने को क्यों नहीं कहते आप लोग. देखें खबरें असरदार.
महाराष्ट्र में गैर-मराठी भाषी नागरिकों के साथ मारपीट की घटना पर नितेश राणे ने उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि उद्धव और राज ठाकरे के लोगों ने भाषा के नाम पर गरीब हिंदुओं पर हमला किया है. राणे ने ठाकरे भाइयों को चुनौती भी दी.
महाराष्ट्र में मराठी और गैर-मराठी भाषा को लेकर चल रहा विवाद अब एक नया मोड़ ले चुका है, जिसमें हिंदुत्व की एंट्री हो गई है. हाल ही में, शिवसेना के पूर्व सांसद की मौजूदगी में एक मराठी ग्राहक से गैर-मराठी दुकानदार को पिटवाने और इससे पहले एमएनएस कार्यकर्ताओं द्वारा गैर-मराठी दुकानदारों को पीटने के मामले सामने आए हैं.
महाराष्ट्र में ठाकरे भाइयों की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मराठी भाषा को लेकर दुकानदारों के साथ मारपीट की. कार्यकर्ताओं ने दुकानदारों से माफी मंगवाई और उठक-बैठक भी करवाई. इस घटना के बाद महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने इस मामले को हिंदू-मुस्लिम मुद्दे से जोड़ दिया है. उन्होंने ठाकरे भाइयों को चुनौती देते हुए कहा कि वे मुसलमानों से मराठी बुलवाकर दिखाएं.
महाराष्ट्र में बकरीद से पहले बीजेपी नेता नितेश राणे और महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान के बीच वर्चुअल बकरीद को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई है. नितेश राणे ने पर्यावरण के लिहाज से वर्चुअल बकरीद मनाने की वकालत की, जिस पर प्यारे खान ने जवाब दिया.
बेंगलुरु में चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई. 'ऑपरेशन सिंदूर' पर संसद के विशेष सत्र की मांग को लेकर इंडिया गठबंधन में मतभेद हैं, जिसमें शरद पवार की एनसीपी का रुख अलग है. वहीं, वर्चुअल बकरीद को लेकर नितेश राणे और प्यारे खान में बहस हो गई. देखें मुंबई मेट्रो.
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे ने बकरीद को लेकर एक बयान दिया है, जिसमें उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों को पर्यावरण की रक्षा के लिए 'वर्चुअल बकरीद' मनाने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि जैसे हिंदू त्योहारों होली में पानी का उपयोग न करने और दिवाली पर पटाखे न जलाने की सलाह दी जाती है, वैसे ही बकरीद पर भी पर्यावरण का विचार किया जाना चाहिए.
मुंबई में एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान के मौत मामले की फाइल 5 साल बाद फिर से खुल सकती है. दिशा के पिता ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अर्जी देकर केस की दोबारा जांच और आदित्य ठाकरे पर मुकदमा चलाने की मांग की है. थीं. इसको लेकर मंत्री नीतेश राणे ने भी बयान दिया है.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत महाराष्ट्र के तमाम बड़े नेता कह रहे हैं कि हिंसा के पीछे साजिश थी. अफवाह फैलाकर हिंसा भडकाई. लेकिन इस बीच महाराष्ट्र के मंत्री नीतेश राणे का 17 मार्च का एक वीडियो सामने आया है. हिंदू संगठनों के संबोधन में राणे क्या कह रहे थे. देखिए वीडियो.
नागपुर हिंसा के कारणों पर बात करते हुए नितेश राणे ने अबू आजमी के बयान का जिक्र किया. उनका मानना है कि आजमी के बयान से ही औरंगजेब की महिमामंडन का प्रोत्साहन मिला और इसी प्रकार की मानसिकता के कारण समाज में अशांति फैली. वहीं, अबू आजमी ने भी हिंसा पर अफसोस जताते हुए सभी समुदायों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की.
कोलाबा के निवासियों ने इस परियोजना से गेटवे ऑफ इंडिया के आसपास ट्रैफिक बढ़ने को लेकर चिंता जताई थी. इस पर मंत्री नितेश राणे ने आश्वासन दिया कि एक ट्रैफिक सिमुलेशन स्टडी कराई गई है और यह नई जेटी क्षेत्र में यात्री आवाजाही को सुगम बनाएगी.
महाराष्ट्र में मत्स्य पालन मंत्री नितेश राणे ने विधानसभा में मल्हार योजना का ऐलान किया है. इस योजना के तहत झटका मटन बेचने वाली दुकानों को सर्टिफिकेट दिया जाएगा और ये दुकानें सिर्फ हिंदू खटीक समाज के लोग चलाएंगे. विपक्ष का आरोप है कि इससे धंधे में भी धर्म का बंटवारा हो रहा है. देखे.
महाराष्ट्र में हलाल मीट को लेकर उठे विवाद पर डिप्टी सीएम अजीत पवार ने मंत्री नितेश राणे को आड़े हाथों लिया है. राणे द्वारा हिंदुओं के लिए झटका सर्टिफाइड मटन का पोर्टल शुरू करने की घोषणा पर पवार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को लेकर ऐसे बयान नहीं देने चाहिए.