इजरायल के धुर-दक्षिणपंथी वित्त मंत्री बेजलेल स्मोट्रिच ने सऊदी अरब पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है जिससे मध्य-पूर्व और इजरायल में उनकी कड़ी आलोचना हो रही है. विवाद बढ़ने पर उन्होंने माफी मांगी है. स्मोट्रिच वेस्ट बैंक में यहूदी बस्तियों के विस्तार के समर्थक हैं.
मोरक्को में 27 सितंबर से शुरू हुआ युवाओं का आंदोलन पिछले पांच दिनों में 15 से ज्यादा शहरों में फैल चुका है. उत्तर अफ्रीकी इस्लामिक देश मोरक्को में सरकार के भ्रष्टाचार, सामाजिक सुरक्षा, क्षेत्रीय भेदभाव, नौकरी और रोजगार के मुद्दों पर युवा सड़कों पर उतर आए हैं. प्रदर्शनकारी युवा सरकार से नाराज हैं कि वह 2030 में फीफा वर्ल्ड कप कराने के नाम पर करीब 3,00,000 करोड़ रुपए खर्च कर रही है, लेकिन देश के लोगों को अच्छी सुविधाएं और नौकरी नहीं दे पा रही.
टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स ने मोरक्को के बेरेचिद में पहली विदेशी रक्षा फैक्ट्री खोली. यह व्हाप 8x8 बख्तरबंद वाहन बनाने के लिए है. उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मोरक्को के मंत्री ने किया. DRDO के साथ साझेदारी में बनी 20,000 वर्ग मीटर की यह मोरक्को की सबसे बड़ी फैक्ट्री है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मोरक्को में टाटा का पहला बख्तरबंद वाहन प्लांट उद्घाटन करेंगे. अफ्रीका में भारत का पहला रक्षा उत्पादन केंद्र. 2024-25 में निर्यात 23622 करोड़ रुपये. ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस पर रुचि बढ़ी. 'मेक इन इंडिया' से 'मेक फॉर द वर्ल्ड' की ओर जा रहा है भारत. 2029 तक 50,000 करोड़ निर्यात लक्ष्य. DPSUs निर्यात 42.85% बढ़ा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मोरक्को में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए भारत की धर्मनिरपेक्षता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवादियों के हमले का जवाब देते समय उनके धर्म को नहीं, बल्कि उनके कर्मों को देखा मारा. उन्होंने भारत की जवाबी कार्रवाई को आतंकवादियों के हमले से अलग बताया.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज से मोरक्को की दो दिवसीय यात्रा पर हैं. इस यात्रा के दौरान टाटा एडवांस सिस्टम की नई फैक्ट्री का उद्घाटन होगा. ये फैक्ट्री भारत में विकसित पहियों वाले बख्तरबंद वाहन का निर्माण करेगी, जो जमीन और पानी दोनों पर चल सकता है और सुरक्षा देने में सक्षम है. ये अफ्रीका में भारत की पहली रक्षा निर्माण इकाई होगी.
भारत में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आवारा कुत्तों के मुद्दे पर घमासान छिड़ा हुआ है. ऐसे में इंटरनेशनल डॉग डे के मौके पर जानते हैं कि दुनिया के बाकी मुल्क इस समस्या से कैसे निपट रहे हैं और आवारा कुत्तों के लिए क्या नियम, कानून और नीतियां अपनाई गई हैं.
मोरक्को के गृह मंत्री ने आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए 100 मिलियन डॉलर का बजट घोषित किया. इसके तहत 130 कम्यूनल हाइजीन ऑफिस खोले गए, जिनमें 60 डॉक्टर, 260 नर्स, 260 हेल्थ टेक्नीशियन और 130 वेटरिनेरियन नियुक्त किए गए, ताकि 1244 नगरपालिकाओं में शेल्टर मैनेज किए जा सकें.
मोरक्को में पिछले कई सालों से सूखे की स्थिति है. सूखे की वजह से पशुओं के चारागाह सूख रहे हैं. पर्याप्त खाना और पोषण न मिल पाने की वजह से पशुओं की संख्या में कमी आई है. भेड़ वहां का प्रमुख पशुधन है जिनकी संख्या बहुत कम हो गई है. इसे देखते हुए वहां के राजा ने ईद को लेकर अपनी जनता से बड़ी अपील की है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मोरक्को में उसका दूतावास स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है. मंत्रालय ने बयान में कहा, 'राबत (मोरक्को) में हमारे दूतावास ने हमें सूचित किया है कि मॉरिटानिया से रवाना हुई 80 यात्रियों को ले जा रही एक नाव, जिसमें कई पाकिस्तानी नागरिक भी शामिल हैं, मोरक्को के दखला बंदरगाह के पास पलट गई है. इसमें पाकिस्तानियों सहित कई जीवित बचे लोग दखला के पास एक शिविर में ठहरे हुए हैं.'
50 साल में पहली बार सहारा रेगिस्तान में बाढ़ आई. दुर्लभ बारिश हुई है. दो दिन तक मोरक्को के आसपास बारिश होती रही. इस अजीबो-गरीब मौसम को देख कर पूरी दुनिया हैरान है. यहां तस्वीरों में आपको खूबसूरती दिखेगी... लेकिन ये एक भयावह आपदा की निशानी है.
फ्रांस की राजधानी पेरिस में मोरक्को और अर्जेंटीना के बीच खेले जा रहे फुटबॉल मैच के दौरान बवाल हो गया. मोरक्को के समर्थकों ने आपा खो दिया और अर्जेंटीना के खिलाड़ियों पर बोतलें फेंकने लगे. इसके अलावा रॉकेट और पटाखे भी दागे. इसकी वजह से खेल को 2 घंटे तक रोकना पड़ा. इसका वीडियो भी सामने आया है.
गुजरात में वाइब्रेंट गुजरात समिट का उद्घाटन हुआ. इस दौरान पीएम मोदी के साथ-साथ मोरक्को के मंत्री रियाद मेजोर भी वहां मौजूद रहे. उन्होंने पीएम का संबोधन कुछ इस तरह किया, जिसे सुनकर प्रधानमंत्री भी मुस्कुराने लगे. देखें वीडियो.
इजरायल और हमास के बीच युद्ध का गुरुवार को 13वां दिन है. बीते सात अक्टूबर को फिलिस्तीनी आर्म्स ग्रुप हमास ने गाजा पट्टी से रॉकेट हमलों की झड़ी लगा दी थी. ये हमले इजरायल पर किए गए थे. हमास ने हमलों की जिम्मेदारी ली और इसे इजरायल के खिलाफ सैन्य कार्रवाई बताया. हमास ने गाजा पट्टी से करीब 20 मिनट में 5,000 रॉकेट दागे थे.
मोरक्को में आए विनाशकारी भूकंप से मौत का आंकड़ा 3 हजार छू रहा है. वैसे तो इस अफ्रीकी देश में भूकंप आना नई बात नहीं, लेकिन ऐसी तबाही बीते कई दशकों में नहीं दिखी थी. एक तरफ सरकार लोगों की जान बचाने में लगी है तो दूसरी तरफ कंस्पिरेसी थ्योरी भी जोरों पर है.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक दुनिया में 2 अरब से भी ज्यादा लोग ऐसी जगहों पर रहते हैं, जहां भूकंप का खतरा बहुत ज्यादा है. मोरक्को में आए भूकंप में ताश के पत्तों की तरह घर ढह गए. करीब 3 हजार मौतें इसी वजह से हुईं. इधर सरकारें बार-बार टिकाऊ मकान बनवाने की बात करती हैं. तो क्या भूकंपरोधी मकान बनाना इतना महंगा है कि लोग इससे बचते हैं?
Morocco में आए भूकंप को वैज्ञानिक Blind Earthquake बोल रहे हैं. क्योंकि यह जिस वजह से हुआ है उसका अंदाजा नहीं था. असल में दो टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने से सदियों से शांत पड़ी फॉल्ट लाइन फट गई. जिससे मोरक्को में भयानक तबाही हुई. इस भूकंप ने दुनियाभर के वैज्ञानिकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है.
कई अमीर देश बारिश पर कंट्रोल करने लगे हैं. लेकिन क्या हो अगर पूरी की पूरी कुदरत ही इंसान के बस में हो जाए! वो चाहे तो दुश्मन देश में भूकंप आए, और वो चाहे तो सुनामी से तबाही मचा दे. ये वेदर वॉरफेयर है. परमाणु हमले से भी ज्यादा खतरनाक. फिलहाल मोरक्कन भूकंप को लेकर अमेरिका पर यही आरोप है.
Morocco में करीब 3 हजार लोगों की जान सिर्फ भूकंप ने नहीं ली है. 6.8 तीव्रता के भूकंप कई जगहों पर आए. लेकिन इतनी संख्या में लोग मारे नहीं गए. फिर मोरक्को में ऐसा क्या हुआ कि मृतकों का आंकड़ा कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. लोगों में मारे जाने की असली वजह असल में भूकंप नहीं कुछ और है... जानिए क्या?
मोरक्को में आए भूकंप में मरने वालों की संख्या 2800 से ज्यादा हो गई है. प्रभावित इलाकों में लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. मलबा हटाया जा रहा है. नीचे दबे लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही है. कई इलाकों में खाने-पीने और रहने की समस्या गहरा गई है. तीन दिन से लोग खुले आसमान में रातें गुजार रहे हैं. मिलिट्री के जवान अलग-अलग हिस्सों में रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं. तस्वीरों में देखिए भूकंप की त्रासदी...
मोरक्को में आए भूकंप में मरने वालों की संख्या अब 2100 पहुंची