हिमाचल प्रदेश की गोद में बसा मनाली (Manali) भारत के सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशन में से एक है. बर्फ से ढकी चोटियां, हरी-भरी वादियां, झरनों की कल-कल ध्वनि और रोमांचक गतिविधियां मनाली को हर मौसम में पर्यटकों का पसंदीदा बनाती हैं. चाहे आप हनीमून पर हों, दोस्तों के साथ एडवेंचर ट्रिप प्लान कर रहे हों या परिवार के साथ छुट्टियां बिताना चाहते हों, मनाली हर किसी के लिए कुछ खास लेकर आता है.
मनाली घूमने की कई खास जगहें हैं-
हिडिंबा देवी मंदिर- देवदार के घने जंगलों के बीच स्थित यह मंदिर अपनी वास्तुकला और पौराणिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है.
सोलंग वैली- स्कीइंग, पैराग्लाइडिंग और स्नोबोर्डिंग जैसे एडवेंचर स्पोर्ट्स का केंद्र.
रोहतांग पास- बर्फ से ढका यह दर्रा गर्मियों में भी बर्फबारी देखने का मौका देता है.
मणिकरण- गुरुद्वारा और गर्म पानी के झरनों के लिए मशहूर यह जगह मनाली से कुछ ही दूरी पर है.
जोगिनी फॉल्स- ट्रैकिंग और प्राकृतिक सुंदरता के शौकीनों के लिए बेहतरीन जगह.
मनाली केवल प्राकृतिक खूबसूरती ही नहीं बल्कि एडवेंचर स्पोर्ट्स का हब भी है. यहां आप रिवर राफ्टिंग, ट्रैकिंग, पैराग्लाइडिंग, ज़ॉर्बिंग, स्कीइंग और बाइक राइड टू लेह-लद्दाख जैसी रोमांचक गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं.
मनाली अपनी प्राकृतिक खूबसूरती, एडवेंचर एक्टिविटीज और धार्मिक स्थलों की वजह से हर किसी को आकर्षित करता है.
इस बार सर्दियों में गुलमर्ग, औली और मनाली जैसी बर्फीली जगहों पर यात्राओं का पूरा माहौल बदल गया है. खूबसूरती तो हमेशा रही है, लेकिन 2025–26 में इन जगहों को खास बना रहा है एक नया बदलाव. जिससे सफर पहले से ज़्यादा आसान और सुरक्षित हो गया है.
शिमला, नैनीताल और लोनावला जैसे हिल स्टेशन अब केवल पर्यटक स्थल नहीं रहे, बल्कि ये स्थायी निवेश और आरामदायक जीवन शैली का केंद्र बन रहे हैं. लोग अपने लिए इन इलाकों में आशियाना तलाश रहे हैं.
नवंबर की ठंडक शुरू होते ही देश के कुछ पहाड़ी इलाके बर्फ की पहली परत से ढकने लगते हैं. अगर आप नवंबर में ही बर्फ का मजा लेना चाहते हैं, तो भारत की कुछ जगहें इस समय जन्नत जैसी दिखने लगती हैं.
मनाली की सेवन सिस्टर पीक रेंज में ऑस्ट्रेलिया के 51 वर्षीय पैराग्लाइडर पायलट मिस्टर एंडी हादसे का शिकार हो गए. प्रतिकूल मौसम और तेज हवाओं के कारण 13,500 फीट की ऊंचाई पर उनकी क्रैश लैंडिंग हुई. रेस्क्यू टीम ने कठिन परिस्थितियों में 20 घंटे तक चले अभियान के बाद उन्हें हेलीकॉप्टर की मदद से सुरक्षित बचा लिया.
इस बार करवा चौथ पर अपने पार्टनर के साथ एक शानदार ट्रिप पर जाकर त्योहार को खास बनाइये. जानिए उन खास 5 जगहों के बारे में जहां चांद की रोशनी में आप अपने रिश्ते को और करीब महसूस करेंगे और रोमांस का हर पल आपको हमेशा याद रहेगा.
पहाड़ों पर भारी बारिश और बर्फबारी के कारण ठंड की शुरुआत हो गई है. उत्तराखंड, हिमाचल और कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में सीजन की ताजा बर्फबारी देखने को मिली है, जिससे टूरिस्ट के चेहरों पर रौनक आ गई है. लोग बर्फबारी का आनंद उठा रहे हैं. वहीं, मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कई इलाकों में अलर्ट जारी किया है.
बीजेपी सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत हिमाचल प्रदेश के मनाली में आपदा पीड़ितों से मिलने पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि उनके रेस्टोरेंट में सिर्फ ₹50 की सेल हुई है और ₹15 लाख की सैलरी देनी है. उन्होंने खुद को अकेली महिला बताते हुए आपदा का शिकार बताया. देखिए.
हिमाचल प्रदेश के मनाली में आपदा प्रभावित पतलीकुहल क्षेत्र का दौरा करने पहुंचीं भाजपा सांसद कंगना रनौत को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. लोगों ने ‘कंगना वापस जाओ’ के नारे लगाए और काले झंडे दिखाए. भारी बारिश और बाढ़ से कुल्लू-मनाली में बड़े पैमाने पर तबाही हुई है.
2025 में जून से सितंबर तक भारत में 743.1 मिमी बारिश (6.1% ज्यादा) हुई. हिमाचल में 320 मौतें हुई. उत्तराखंड में धराली फ्लैश फ्लड आया. जम्मू में 30+ मरे. पंजाब में 3 लाख एकड़ फसल बर्बाद. कुल नुकसान 20000 करोड़ का है. 500 से ज्यादा मौतें हुई. IMD की चेतावनी है कि सितंबर में 109% ज्यादा बारिश हो सकती है. भूस्खलन-बाढ़ का खतरा है. सतर्क रहने की चेतावनी जारी की गई है.
हिमालयी राज्य उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर भारी बारिश, भूस्खलन, बादल फटने और फ्लैश फ्लड से जूझ रहे हैं. अगस्त 2025 में उत्तर-पश्चिम भारत में 265 मिमी बारिश हुई, जो 2001 के बाद सबसे ज्यादा है. IMD ने सितंबर में 109% ज्यादा बारिश की चेतावनी दी है. विकास मॉडल गलत है, मौसम पूर्वानुमान बेहतर है लेकिन चेतावनी पर अमल न होने से नुकसान बढ़ता है.
हिमाचल प्रदेश में अगले तीन दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. पूरे राज्य को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया गया है. सेना, एनडीआरएफ और अर्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं। कुल्लू, चंबा और मंडी सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके हैं. 50 से ज्यादा मुख्य मार्ग ध्वस्त हो गए हैं. नदियों का उफान, लैंडस्लाइड और पहाड़ों के खिसकने से हालात खराब हैं.
हिमाचल प्रदेश में लगातार भारी बारिश के बीच लाहौल और मनाली की ऊंची चोटियां बर्फ की सफेद चादर से ढक गईं. 16,580 फीट की ऊंचाई पर स्थित शंकुला दर्रा, वायरलाचा दर्रा, मनाली का रोहतांग दर्रा और हनुमान टिब्बा सहित अधिकतर ऊंचे इलाकों में बर्फबारी हुई.
हिमाचल प्रदेश के मनाली में भारी बारिश और बाढ़ ने कहर बरपाया है. ओल्ड मनाली में व्यास नदी उफान पर है, जिसके कारण हालात गंभीर हो गए हैं. कुछ दिन पहले ढहा पुल अब पानी में डूब गया है और पानी उसके ऊपर से बह रहा है. सुबह से हो रही लगातार बारिश के कारण एक टेम्पो ट्रैवलर बुरी तरह फंस गया है. यह पूरा रास्ता पानी में डूब गया है.
लगातार हो रही बारिश के बीच ओल्ड मनाली को न्यू मनाली से जोड़ने वाला पुल टूट गया है. पुल टूटने के कारण गाड़ियां फंसी हैं.
मनाली में लगातार बारिश से ब्यास नदी के जलस्तर में उफान आ गया है. सोमवार को पूरी रात हुई भारी बारिश से ओल्ड मनाली में एक पुल ढह गया और एक टेंपो ट्रैवलर पानी के तेज बहाव में फंस गया. इसी बीच मौसम विभाग ने मनाली समेत कई जिलों में 48 घंटों के लिए 'रेड अलर्ट' जारी किया है.
हिमाचल प्रदेश के मनाली में भारी बारिश से तबाही मची है. ओल्ड मनाली को न्यू मनाली से जोड़ने वाला पुल पानी के तेज बहाव के कारण टूट गया है. कई गाड़ियां पुल के मलबे में फंसी हुई नजर आ रही हैं. ब्यास नदी का जलस्तर बहुत बढ़ गया है, जिससे हालात और बिगड़ गए हैं. एक टेम्पो ट्रैवलर भी पुल टूटने के दौरान फंस गया था, जिसमें से लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन वाहन को हटाया नहीं जा सका.
देश के कई राज्यों में कुदरत का कहर जारी है. हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश, भूस्खलन और बादल फटने से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. पुल टूट गए हैं, घर ढह गए हैं और फसलें तबाह हो गई हैं. शिमला और मनाली में भूस्खलन से सड़कें बंद हो गई हैं. देखें शंखनाद.
उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और भारी बारिश से करोड़ों का नुकसान हुआ है. ब्यास नदी के रौद्र रूप के कारण कुल्लू-मनाली हाईवे बुरी तरह प्रभावित हुआ और जगह-जगह से टूट गया. मनाली का आलू ग्राउंड और ग्रीन टैक्स बैरियर क्षतिग्रस्त हो गए. 26 अगस्त को मनाली में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई. देखिए रिपोर्ट.
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से व्यापक तबाही हुई है. खासकर कुल्लू-मनाली हाईवे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है और नदी की तरह बह रहा है. ब्यास नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि उसकी तेज धारा ने टोल प्लाज़ा को जलमग्न कर दिया है. इस वजह से यातायात पूरी तरह बंद है और इलाके में हालात गंभीर हैं. प्रशासन इस प्राकृतिक आपदा के प्रभाव को कम करने के लिए कार्यवाही कर रहा है.
हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और लगातार बारिश ने खासकर कुल्लू और मनाली क्षेत्रों में व्यापक नुकसान पहुंचाया है. राष्ट्रीय राजमार्ग जो कुल्लू को मनाली से जोड़ता है वह पूरी तरह से टूट चुका है. ब्यास नदी के उफान के कारण हाईवे पूरी तरह बह गया है जिससे क्षेत्र के संपर्क बंद हो गए हैं.
हिमाचल प्रदेश में ब्यास नदी का कहर लगातार जारी है. कुल्लू से मनाली को जोड़ने वाला नेशनल हाईवे तीन लगभग सात जगहों पर टूट गया है. हाईवे के कई हिस्से सीधे नदी में समा चुके हैं, जिससे मनाली से कुल्लू और केलांग की कनेक्टिविटी पूरी तरह से ठप हो गई है. पिछले तीन दिनों की बारिश के बाद कुल्लू मनाली नेशनल हाईवे नंबर तीन तबाह हो गया है.