खैबर पख्तूनख्वा पाकिस्तान का एक प्रांत है. इसे पहले नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंस (NWFP) के नाम से जाना जाता था. पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में स्थित, खैबर पख्तूनख्वा भूमि क्षेत्र के हिसाब से पाकिस्तान का चौथा सबसे बड़ा प्रांत है और जनसंख्या के हिसाब से तीसरा सबसे बड़ा प्रांत है.
दक्षिण में इसकी सीमा बलूचिस्तान से लगती है. इसके पंजाब, इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र और कश्मीर पूर्व में, और गिलगित-बाल्टिस्तान उत्तर और उत्तर-पूर्व में है. यह पश्चिम में अफगानिस्तान के साथ एक अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है. खैबर पख्तूनख्वा में ऊबड़-खाबड़ पर्वत श्रृंखलाएं, घाटियां, लुढ़कती तलहटी और घने कृषि फार्मों की विविधतापूर्ण भौगोलिक स्थिति है.
हालांकि यह अपनी जनसंख्या और अर्थव्यवस्था दोनों के मामले में तीसरा सबसे बड़ा प्रांत है, लेकिन भौगोलिक रूप से यह सबसे छोटा है.
भारत ने 6 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और PoJK में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर टारगेटेड स्ट्राइक किया, जिसमें खैबर पख्तूनख्वा भी शामिल था. यह ऑपरेशन 22 अप्रेल 2025 को हुए पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में किया गया.
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में राजनीतिक तनाव बढ़ गया है. प्रांत के मंत्री शफीक जान और पीटीआई सांसद मशाल यूसुफजई ने संघीय सरकार को गवर्नर शासन लगाने की चुनौती दी है. दोनों नेताओं ने प्रांत में ‘इमरान खान रूल’ के वर्चस्व पर जोर दिया.
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहैल अफरीदी ने पाकिस्तान सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद "फर्जी आतंकी हमले" करवाकर KP में अशांति फैलाती है और शांति प्रक्रिया को रोकती है. PTM कार्यकर्ताओं के अपहरण को उन्होंने इसके सबूत बताया. अफरीदी ने सेना पर भी आतंकवाद के नाम पर नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया.
इस्लामाबाद और खैबर पख्तूनख्वा में हुए फिदायीन हमलों के बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को दी बड़ी धमकी. रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा– अफगान तालिबान आतंकियों को दे रहा है पनाह, अब पाक आर्मी अफगानिस्तान के अंदर घुसकर जवाबी Action कर सकती है. हमले में 12 की मौत, 30 से ज़्यादा घायल.
पाकिस्तान एक साथ कई मोर्चों पर संकट का सामना कर रहा है, जिसमें अफगानिस्तान के साथ बार-बार संघर्ष विराम का उल्लंघन, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान जैसे इलाकों में अपनी ही जनता के खिलाफ सैन्य कार्रवाई और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का बढ़ता खतरा शामिल है. पाकिस्तान के कई हिस्सों में गृह युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं.
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पुलिस काफिले पर हमले के बाद सुरक्षा बलों ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के आतंकियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की. बन्नू जिले में हुई इस मुठभेड़ में कई आतंकवादी मारे गए, जबकि कुछ भाग निकले.
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के सेंट्रल कुर्रम में सुलतान कलई इलाके में सुरक्षा बलों पर बम विस्फोट हुआ, जिसमें कैप्टन नौमान सलीम सहित 6 जवान मारे गए और 14 घायल हुए.
पिछले दिनों की भीषण बारिश और बाढ़ से पाकिस्तान में गहराए गेहूं संकट ने वहां के सूबों के बीच का द्वेष उजागर कर दिया है. गेहूं सप्लाय पर पाकिस्तानी पंजाब की चौधराहट को लेकर वहां के बाकी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा (केपी), सिंध और बलूचिस्तान में फैला असंतोष ज्वालामुखी बन चुका है. यदि हालात जल्द न सुधरे तो पाकिस्तान आतंकवाद से बड़ी चुनौती का सामना करेगा.
यह घटना प्रांत के हंगू शहर में उस समय हुई जब पुलिस बल आतंकवाद विरोधी गश्त पर था. अधिकारियों ने इसे एक आतंकी हमला बताया है. पहले धमाके के बाद पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं, तभी दूसरा विस्फोट हो गया.
पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच आठ अक्टूबर को संघर्ष शुरू हुआ था. यह संघर्ष पिछले हफ्ते शुरू हुआ जब पाकिस्तान ने काबुल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के ठिकानों पर हमला किया. पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग (ISPR) ने कहा था कि सुरक्षा बलों ने बलूचिस्तान बॉर्डर पर अफगान तालिबान के हमले को नाकाम कर दिया.
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के हमलों से क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ रही है. अफगानिस्तान के साथ भी आए दिन पाकिस्तान की लड़ाई हो रही है. इस बीच, राजधानी इस्लामाबाद के रेड जोन की सुरक्षा पर भी खतरा मंडरा रहा है.
टीटीपी चीफ मौलाना नूर वली महसूद ने अपने नए वीडियो से पाकिस्तानी हुक्मरानों को जवाब दिया है और उनका प्रोपगैंडा फेल कर दिया है. नूर वली ने कहा है कि जंग के दौरान विरोधियों पर आरोप लगाना पाकिस्तान का आरोप है, वो कभी भारत पर हमले का ठीकरा फोड़ता है तो कभी अफगानिस्तान पर. नूर ने साफ कर दिया है कि वो कहीं नहीं गया है और खैबर की गैरतमंद जमीन पर मौजूद है.
पाकिस्तान ने 9 अक्टूबर को अफगानिस्तान में TTP ठिकानों पर हवाई हमले किए. तालिबान FM की दिल्ली यात्रा के दौरान ये काबुल पर पहला हमला था. TTP ने 2025 में 900 पाक सैनिक मारे. बलूचिस्तान-खैबर में बगावत हो रही है. भारत-अफगानिस्तान से दो फ्रंट बना हुआ है. ट्रंप बगराम मांग रहे हैं. सेना का दोहरा खेल उल्टा पड़ा.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के आदेश पर खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफे के पीछे इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी और बहन अलीमा खान का गठबंधन बताया जा रहा है. गंडापुर ने इस्तीफा देते हुए कहा कि वो इमरान खान के आदेश का सम्मान करते हैं.
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में एक प्राइवेट स्कूल में बम धमाका हो गया. इस ब्लास्ट में 4 छात्र घायल हो गए. ये हादसा शुक्रवार को खैबर जिले के जमरुद तहसील में हुआ, जो अफगानिस्तान की सीमा से सटा इलाका है.
पाकिस्तान ने आर्थिक रूप से अमेरिका को बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के रेयर अर्थ, तांबा, लिथियम, तेल और ब्लॉकचेन में निवेश के अवसर दिए हैं. यह प्रस्ताव ट्रंप के परिवार से जुड़ी वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल के साथ पार्टनरशिप के रूप में पेश किया गया, जिससे पाकिस्तान को क्रिप्टो हब के रूप में उभरने में मदद मिल सकती है. हालांकि पाकिस्तान का ये पैंतरा चीन के गले उतरने वाला नहीं है.
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में लश्कर-ए-तैयबा का नया ट्रेनिंग सेंटर मरकज जिहाद-ए-अकसा बन रहा है. लोअर डिर जिले में, अफगान सीमा से 47 किमी दूर. जुलाई 2025 से निर्माण, दिसंबर तक पूरा हो जाएगा. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पुराने कैंप की जगह बनाया जा रहा है.
पाकिस्तान में आंतरिक हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. खैबर पख्तूनख्वा में पाकिस्तानी सेना ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से लड़ने के नाम पर अपने ही मुल्क के आम नागरिकों, बच्चों और महिलाओं पर हवाई हमले किए. जिसमें कई बेगुनाह मारे गए. इस हमलें के बाद पाकिस्तान में गृहयुद्ध जैसी स्तिथि बन गई है. गिलगित-बाल्टिस्तान में लोग बेहिसाब सड़कों पर उतर आए हैं.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भारत ने पाकिस्तान को वो हकीकत याद दिलाई है जिस पर उस मुल्क की बुनियाद टिकी है. ये हकीकत है आतंकवाद को खाद-पानी देने की पाकिस्तान की नीति. UNHRC में भारत के युवा अधिकारी क्षितिज त्यागी ने कहा है कि अगर पाकिस्तान को अपने नागरिकों पर बम गिराने से फुर्सत मिले तो लाइफ सपोर्ट पर चल रही उसकी इकोनॉमी पर वह अपना ध्यान दे.
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के तिराह वैली में अपने ही नागरिकों पर पाकिस्तानी वायु सेना के हमले से 30 लोगों की मौत ने विरोध की नई लहर पैदा कर दी है. आफरीदी कबीले के इस इलाके में पाक आर्मी के प्रति तीव्र गुस्सा देखने को मिल रहा है. लोग बच्चों के शवों को सोशल मीडिया पर डालकर पूछ रहे हैं कि क्या ये आतंकवादी था. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा है कि दुष्प्रचार नरसंहार को नहीं छिपाया जा सकता है.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन ने अपने ठिकाने POK से खैबर पख्तूनख्वा शिफ्ट करना शुरू कर दिया है. हाल ही में मनसेहरा में जैश ने खुलेआम भर्ती अभियान चलाया और अब पेशावर में ‘अल-मुराबितून’ नाम से कार्यक्रम करने वाला है. दोनों संगठनों ने नए ट्रेनिंग कैंप भी शुरू किए हैं. ये पाकिस्तान की आतंक विरोधी नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े करता है और उस पर अंतरराष्ट्रीय दबाव जरूरी है.
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में 10-13 सितंबर के बीच हुए संघर्ष में 19 सैनिक और 45 आतंकवादी मारे गए. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया. उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान से आतंकवादियों की गतिविधियों पर चिंता जताई और अवैध अफ़ग़ान नागरिकों की वापसी पर जोर दिया.