जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में एक क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी है. वर्ष 1932 में शेख अब्दुल्ला और चौधरी गुलाम अब्बास ने जम्मू और कश्मीर रियासत में ऑल जम्मू और कश्मीर मुस्लिम कॉन्फ्रेंस के रूप में स्थापित की थी. संगठन ने राज्य के सभी लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए 1939 में इसका नाम बदलकर 'नेशनल कॉन्फ्रेंस' कर लिया.
1947 से लेकर अब तक नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर में किसी न किसी रूप में 2002 तक सत्ता में रही है और फिर 2009 से 2015 के बीच भी सत्ता में रही है. इसने राज्य में भूमि सुधार लागू किए, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत राज्य की स्वायत्तता सुनिश्चित की और 1957 में जम्मू-कश्मीर का एक अलग संविधान तैयार किया.
शेख अब्दुल्ला के बेटे फारूक अब्दुल्ला और पोते उमर अब्दुल्ला ने शेख अब्दुल्ला की मृत्यु के बाद पार्टी का नेतृत्व किया है. पार्टी पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन चुनावी गठबंधन की सदस्य है.
जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला सरकार को एक साल ही हुआ है, लेकिन न ही वे अपने नेताओं को संभाल पा रहे हैं और न सहयोगी कांग्रेस के साथ बैलेंस बनाकर चलते देखे जा रहे हैं. उमर की पार्टी नेशनल कॉफ्रेंस के दो सांसदों ने बागी तेवर अपना रखा है. ऐसे में सीएम उमर कैसे सियासी संकट से बाहर निकलेंगे?
जम्मू कश्मीर की चार राज्यसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में एक सीट पर बीजेपी उम्मीदवार सत शर्मा को जीत मिली है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की जीत से सीएम उमर अब्दुल्ला हैरान हैं, वहीं सवाल उन्हीं की पार्टी की रणनीति पर उठ रहे हैं. क्यों?
जम्मू-कश्मीर में चार साल के अंतराल के बाद राज्यसभा की चार खाली सीटों के लिए चुनाव संपन्न हो गए हैं. इन चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को एक सीट से संतोष करना पड़ा है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने बडगाम विधानसभा उपचुनाव के लिए आगा महमूद साहब को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. सीएम उमर अब्दुल्ला ने बताया कि आगा महमूद साहब ने आज अपने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं.
जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला सरकार के एक साल पूरे होने पर आजतक ने ग्राउंड रिपोर्ट ये जानने की कोशिश की कि सरकार के प्रदर्शन को लेकर जनता की कितनी उम्मीदें पूरी हुई और कौन-सी रह गई अधूरी. देखें वीडियो.
जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉफ्रेंस के रिश्ते पर सवाल उठने लगे हैं. उमर अब्दुल्ला के अगुवाई वाली सरकार में पहले कांग्रेस को एंट्री नहीं मिली और अब राज्यसभा चुनाव में सेफ सीट की उम्मीद पूरी नहीं हो सकी. ऐसे में कांग्रेस और एनसी की कैसी यारी है, जिसमें कांग्रेस की कोई भागीदारी नहीं है?
जम्मू-कश्मीर की चार राज्यसभा सीटों पर चार साल बाद चुनाव हो रहे हैं, जिसके लिए 24 अक्टूबर को वोटिंग है. विधानसभा में विधायकों की संख्या के आधार पर तीन सीटें नेशनल कॉफ्रेंस आसानी से जीत लेगी, लेकिन चौथी सीट पर मुकाबला काफी रोचक हो सकता है. ऐसे में निगाहें राज्य के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा पर टिकी हुई हैं.
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के श्रीनगर की हजरतबल दरगाह में आक्रोशित भीड़ ने तोड़फोड़ की. भीड़ ने एक शिलापट्ट पर अंकित राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ को क्षतिग्रस्त कर दिया.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर आतंकवाद को लेकर विवादास्पद बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि जब तक पाकिस्तान में हालात नहीं सुधरते, तब तक कश्मीर में आतंकवाद खत्म नहीं हो सकता.
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैंने अपनी ज़िंदगी में बहुत बार केंद्र शासित प्रदेश को राज्य (स्टेट) बनते देखा है, लेकिन पहली बार देखा कि एक राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया. ऐसा क्यों हुआ? क्योंकि हम मुसलमान हैं. फारूक ने कहा कि हमने पाकिस्तान को नकारा था, जबकि वो हमारे दरवाज़े पर थे.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला कटरा में एक भजन कार्यक्रम में शामिल हुए और 'तूने मुझे बुलाया शेरा वालिये' गाकर सभी को चौंका दिया। उनके इस भजन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस दौरान उन्होंने रोपवे परियोजना के खिलाफ स्थानीय विरोध का समर्थन किया और धर्म के दुरुपयोग पर भी अपनी राय रखी।
फारूक अब्दुल्ला ने दुलत की किताब 'द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई' में अपने बारे में किए दावे को सिरे से खारिज कर दिया और इसे सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का दांव बताया है. किताब में दुलत ने दावा किया है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने गुप्त तरीके से अनुच्छेद 370 हटाने का समर्थन किया था.
पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और भाजपा पर वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु ने इस विधेयक के खिलाफ प्रस्ताव लाने का फैसला किया, लेकिन जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने ऐसा नहीं किया. मुफ्ती ने इसे भाजपा और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच समझौते का परिणाम बताया.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में तीसरे दिन भी वक़्फ़ कानून पर हंगामा जारी रहा. नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायकों ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की, जबकि BJP ने विरोध किया. विधानसभा के बाहर AAP विधायक महराज मलिक और BJP विधायकों के बीच झड़प हुई. BJP ने आरोप लगाया कि महराज मलिक ने हिंदुओं के खिलाफ विवादास्पद बयान दिए.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ कानून को लेकर दूसरे दिन भी जबरदस्त हंगामा हुआ. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कानून पर चर्चा की मांग की, जबकि BJP ने इसका विरोध किया. NC और कांग्रेस के सदस्यों ने काले कपड़े पहनकर विरोध प्रदर्शन किया और वेल में आकर नारेबाजी की. देखिए हंगामा की तस्वीरें.
वक्फ कानून को लेकर आज जम्मू कश्मीर विधानसभा में भारी हंगामा हुआ. नेशनल कॉन्फ्रेंस के तारिक सादिक ने स्थगन प्रस्ताव रखकर इस पर बहस की मांग की, लेकर जम्मू कश्मीर विधानसभा के स्पीकर ने नियमों का हवाला देकर चर्चा की अनुमति नहीं दी. सदन में एनसी विधायक ने काली जैकेट फाडकर विरोध प्रदर्शन भी किया. देखें न्यूजरूम से बड़ी खबरें.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ कानून को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ. नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों ने कागज फाड़े और नारेबाजी की, जबकि एक विधायक ने अपनी जैकेट तक फाड़ दी. स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित की. कानून को लेकर सदन में जोरदार हंगामा देखने को मिला. देखिए वीडियो.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता तनवीर सादिक ने मांग की है कि वक्फ बिल पर उनके स्थगन प्रस्ताव को मंजूरी दी जाए. लेकिन बीजेपी के विधायक इसका विरोध कर रहे हैं. इस बीच विधानसभा में वक्फ बिल को लेकर जमकर नारेबाजी हो रही है.
Uproar over Waqf Law in J&K: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ कानून को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने स्थगन प्रस्ताव और चर्चा की मांग की, जबकि बीजेपी ने इसका विरोध किया. विपक्ष का आरोप है कि यह कानून एक धर्म को टारगेट कर रहा है, जबकि बीजेपी इसे गरीब मुसलमानों के हित में बता रही है. कानून को लेकर सदन में जोरदार हंगामा देखने को मिला. देखिए वीडियो.
बुधवार को विधानसभा में बोलते हुए एनसी नेता अली मोहम्मद सागर ने बीजेपी विधायकों से कहा, दिल्ली जाकर सरकार से पाकिस्तान से बातचीत शुरू करने के लिए कहें, तभी हमारी समस्याओं का समाधान होगा. सागर के बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी विधायक ने कहा कि आतंकवाद और वार्ता साथ-साथ नहीं चल सकते.
जम्मू-कश्मीर के मंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता जावेद राणा का कहना है कि भारत सरकार को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को वापस लेना चाहिए. उन्होंने आजतक संग विशेष बातचीत में विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान का स्वागत किया, लेकिन साथ ही कहा कि पाकिस्तान से बातचीत भी जरूरी है. देखें.