जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) एक अंतरिक्ष दूरबीन है जिसे मुख्य रूप से इंफ्रारेड एस्ट्रोनॉमी के संचालन के लिए डिजाइन किया गया है. यह अंतरिक्ष में अब तक का सबसे शक्तिशाली टेलीस्कोप है, इसका बेहतरीन इन्फ्रारेड रिजॉल्यूशन और संवेदनशीलता इसे हबल स्पेस टेलीस्कॉप के मुकाबले बहुत पुरानी और बहुत दूरी की धुंधली वस्तुओं को देखने में सक्षम बनाएगी (Most Powerful Space Telescope). इसकी मदद से सबसे पुराने सितारों का अवलोकन और पहली आकाशगंगाओं का निर्माण, और संभावित रहने योग्य एक्सोप्लैनेट के विस्तृत वायुमंडलीय लक्षण के वर्णन में सहायता मिलेगी (James Webb Space Telescope Mission Goal).
JWST को दिसंबर 2021 में Kourou, फ़्रेंच गयाना से ESA Ariane 5 रॉकेट पर लॉन्च किया गया था (James Webb Space Telescope Launch Date). यह मई... और पढ़ें
भारत के नए रॉकेट की लॉन्चिंग सात अगस्त 2022 सफलतापूर्वक हो गई है. इस रॉकेट के जरिए इसरो दुनिया के छोटे सैटेलाइट्स के बाजार में अपनी धाक जमाना चाहता है. इसके साथ पहली बार दो सैटेलाइट्स गए हैं.
अंतरिक्ष में आज भारत नई छलांग लगा रहा है. इसरो आज देश का नया स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल यानी रॉकेट लॉन्च करने जा रहा है. खास बात ये कि ये छोटा रॉकेट आज जो दो छोटे सैटेलाइट्स ले जा रहा है उनमें से एक बच्चों ने बनाया है. आजादी सेट नाम का ये सैटेलाइट्स 750 बच्चों ने बनाया है. ये सेटेलाइट्स अंतरिक्ष में तिरंगा फहरा देगा. एसएसएलवी का इस्तेमाल आगे भी छोटे सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग के लिए किया जाएगा. यह एक स्मॉल-लिफ्ट लॉन्च व्हीकल है. इसके जरिए 500 किलोग्राम तक के सैटेलाइट्स को निचली कक्षा यानी 500 किलोमीटर से नीचे या फिर 300 किलोग्राम के सैटेलाइट्स को सन सिंक्रोनस ऑर्बिट में भेजा जाएगा. SSLV की लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड एक से की जाएगी.
ISRO Small Satellite Launch Vehicle: भारत के नए रॉकेट की लॉन्चिंग सात अगस्त 2022 सफलतापूर्वक हो गई है. इस रॉकेट के जरिए इसरो दुनिया के छोटे सैटेलाइट्स के बाजार में अपनी धाक जमाना चाहता है. इसके साथ पहली बार दो सैटेलाइट्स गए हैं. इस मिशन में रॉकेट की लॉन्चिंग ही प्रमुख थी. जो सफल रही. लेकिन सैटेलाइट्स से संपर्क टूट गया है. इसरो वैज्ञानिक संपर्क स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं.
नौसेना और वायु सेना ऑपरेशन के लिए खुद के संचार उपग्रह का इस्तेमाल करती हैं लेकिन आर्मी अभी भी सुदूर सीमावर्ती क्षेत्रों में उपग्रह संचार नेटवर्क का उपयोग कर रही है लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही उसका अपना उपग्रह होगा. पिछले महीने उसने उपग्रह संचार प्रणाली को मजबूत करने के लिए पिछले महीने एक खास किस्म का अभ्यास किया था.
अंतरिक्ष से कचरे का एक बड़ा टुकड़ा ऑस्ट्रेलिया के एक खेत में गिरा. दावा किया जा रहा है कि यह टुकड़ा Elon Musk की स्पेसएक्स कंपनी के किसी रॉकेट या यान का कोई हिस्सा हो सकता है. यह टुकड़ा 10 फीट लंबा त्रिकोण आकार का है.
चीन अब अमेरिका की राह पर चल रहा है. जो स्पेस शटल प्रोग्राम अमेरिका बंद कर चुका है. चीन उसे अपने यहां शुरु कर चुका है. 5 अगस्त 2022 को चीन ने दोबारा उपयोग होने लायक स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में भेजा है. यह धरती के चक्कर लगाकर वापस लौटेगा. इस दौरान उसे कई मानकों पर परखा जाएगा.
James Webb Space Telescope ने अंतरिक्ष में एक इतने खूबसूरत आकाशगंगा की तस्वीर ली है, जो पहिए के आकार का है. हैरानी इस बात की है कि इस गैलेक्सी के हर हिस्से की बारीक जानकारी मिल रही है. इस गैलेक्सी के अंदर एक तारे का निर्माण हो रहा है. जबकि, हबल से ली गई इसी गैलेक्सी की तस्वीर बेहद धुंधली थी.
ISRO Small Satellite Launch Vehicle: भारत के नए रॉकेट की लॉन्चिंग सात अगस्त 2022 को हो सकती है. इस नए रॉकेट को ISRO ने बनाया है. जब देश में PSLV, GSLV जैसे शानदार रॉकेट्स मौजूद है फिर इस रॉकेट की जरुरत क्यों पड़ी. आइए जानते हैं कि नए रॉकेट से इसरो को किस तरह का फायदा होने वाला है. क्या इससे लॉन्च की लागत कम हो जाएगी?
NASA अपने सौर मंडल के सबसे बड़े तारे यानी सूरज को टेलिस्कोप में बदलने जा रहा है. असंभव लगने वाले इस मिशन का प्लान तैयार है. इससे वह Alien Planets की खोज करेगा. उन्हें देखेगा. आइए जानते हैं इस मिशन के बारे में जो बेहद हैरान करने वाला है.
अंतरिक्ष से कचरा जलते हुए आए और आपके पड़ोस वाले अपार्टमेंट में गिर पड़े. कुछ देर बाद आपको पता चले कि इस हादसे में किसी की मौत हो गई है. भरोसा रखिए आजतक ऐसा नहीं हुआ है. अब वैज्ञानिकों ने गणना की है कि क्या अंतरिक्ष के कचरे की टक्कर से किसी की मौत हो सकती है क्या?
वैज्ञानिकों ने चांद पर इंसानों के रहने लायक जगह खोज ली है. यहां पर तापमान इतना अच्छा है कि कुछ सामान्य परिवर्तन के साथ इंसान यहां पर रह सकते हैं. यहां रह कर काम भी कर सकते हैं. चांद पर भविष्य में इंसानी कॉलोनी बनाने के लिए यह खोज बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.
एक कनाडाई कंपनी है जो लोगों को साल 2025 में अंतरिक्ष की यात्रा पर ले जाएगी. आप सिर्फ 1.25 लाख डॉलर्स यानी 99.9 लाख रुपये देकर 6 घंटे की अंतरिक्ष यात्रा कर सकते हैं.
एक भारतीय कंपनी नीरज फूड प्रोडक्ट्स पर कैडबरी इंडिया ने उनके प्रोडक्ट कैडबरी जेम्स से मिलता-जुलता प्रोडक्ट बेचने का आरोप लगाया था. कैडबरी ने अपनी याचिका में कोर्ट से यह भी कहा कि 'जेम्स बॉन्ड' नाम का इस्तेमाल उनकी कंपनी पिछले कई सालों से मार्केटिंग स्ट्रेटेजी के तौर पर अपने विज्ञापन में करती आई है. इस मामले में को एक बार कोर्ट के बाहर सुलझाने की कोशिश भी की गई थी.
60-70 के दशक के बाद एक बार फिर स्पेस रेस शुरू हो रही है. रूस अब अमेरिका से आगे निकलना चाहता है. वह ISS से अलग होकर अपने भविष्य के स्पेस मिशन में चीन को शामिल करना चाहता है. रूस और चीन घोषणा कर चुके हैं दोनों मिलकर चांद की सतह पर अपनी मौजूदगी दर्ज करवाएंगे.
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद रूस और अमेरिका में दूरियां बढ़ीं. अपने एक बयान में जो बाइडेन ने पुतिन को कसाई तक कह दिया था. शायद यही वजह है कि Space Station वाली पार्टनरशिप को तोड़ने का अंतिम फैसला राष्ट्रपति पुतिन ने लिया है. रूस की स्पेस ऐजेंसी Roscosmos ने इसका आधिकारिक एलान कर दिया है.
आख़िर आज वो दिन आ ही गया जब रूस ने अमेरिका से ये कह दिया कि अब हम अंतरिक्ष में साथ नहीं रह सकते. अब हमें International Space Station में 24 वर्षों से चली आ रही पार्टनरशिप को तोड़कर अलग होना पड़ेगा, अब रूस अपना खुद का एक अलग Space Station तैयार करेगा जिसकी शुरूआत 2 साल बाद 2024 से होगी. ये अंतरिक्ष से जुड़ी बहुत बड़ी खबर है. International Space Station स्पेस रिसर्च से जुड़े दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण और महंगे Projects में से एक है. इसे बनाने और लंबे समय तक चलाने में सबसे बड़ी भूमिका-रूस और अमेरिका की है लेकिन अब ये सहयोग टूट रहा है. रूस ने ये फैसला क्यों लिया? सुधीर चौधरी के साथ आजतक के शो 'ब्लैक एंड व्हाइट' में इसकी वजह समझिये.
अंतरिक्ष की यात्रा के लिए एक निजी कंपनी ने अपने गोलाकार यान से पर्दा उठा दिया है. यह यान विशालकाय गुब्बारे की मदद से अंतरिक्ष में जाएगा. कांच के गोले के अंदर बैठे लोगों को अंतरिक्ष का आनंद दिलाएगा. फिर उन्हें धीरे-धीरे वापस धरती पर ले आएगा. इसमें कई प्रकार की लग्जरी सुविधाएं भी मिलेंगी.
वेल्स में न्यूपोर्ट के रहने वाले पूर्व आईटी कर्मचारी James Howells के पास लैपटॉप की दो हार्ड डिस्क मौजूद थीं. इनमें से एक खाली थी, जबकि दूसरे में 2009 में माइनिंग किए गए बिटक्वाइन (Bitcoin) सेव थे. उसने गलती से दूसरी डिस्क को कचरे में फेंक दिया था.
रूस अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) को साल 2024 के बाद ही छोड़ने की तैयारी में है. रूसी स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस के नए प्रमुख ने यह ऐलान किया है. साथ ही उन्होंने इसकी जानकारी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दी है.
Gaganyaan Oven: गगनयान में धरती का चक्कर लगाने वाले अंतरिक्षयात्री सतह से 400 KM ऊपर माइनस तापमान में खाना तो खाएंगे नहीं. हालांकि उनका क्रू मॉड्यूल गर्म रहेगा. लेकिन खाना गर्म करने के लिए उनके पास विशेष फूड हीटर होगा. इस हीटर को धरती से भी नियंत्रित किया जा सकता है. देखिए इस फूड हीटर की एक्सक्लूसिव तस्वीरें...
James Webb Space Telescope ने दो नई गैलेक्सियों की खोज की है, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि ये अब तक कि सबसे पुरानी और सबसे दूरस्थ गैलेक्सी हो सकती हैं.