भारतीय रुपया
भारतीय रुपया (Indian Rupee) भारत की आधिकारिक मुद्रा है. रुपये को 100 पैसे में विभाजित किया गया है. हालांकि 2019 तक, 1 रुपये के मूल्यवर्ग के सिक्के उपयोग में सबसे कम मूल्य के हैं. मुद्रा जारी करना भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नियंत्रित किया जाता है (Rupee Controlled By Reserve Bank Of India). रिजर्व बैंक भारत में मुद्रा का प्रबंधन करता है और भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के आधार पर मुद्रा प्रबंधन में अपनी भूमिका निभाता है. 2010 में, एक नया रुपया चिन्ह ₹ को आधिकारिक तौर पर अपनाया गया था.
आधिकारिक तौर पर, भारतीय रुपये की बाजार-निर्धारित विनिमय दर होती है. हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक प्रभावी विनिमय दरों को प्रभावित करने के लिए USD/INR मुद्रा बाजार में सक्रिय रूप से व्यापार करता है. इस प्रकार, अमेरिकी डॉलर (American Dollar) के संबंध में भारतीय रुपये के लिए मुद्रा व्यवस्था एक वास्तविक नियंत्रित विनिमय दर है. इसे कभी-कभी "प्रबंधित फ्लोट" कहा जाता है (Managed Float). 9 मई 2022 तक भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 77.41 रुपये पर कारोबार कर रहा है, जो अब तक के सबसे निचले स्तर पर है (Indian Rupee trades at ₹77.41 against the US dollar).
भारतीय रुपये का इतिहास लगभग 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व में भारत दुनिया में सिक्कों के शुरुआती जारीकर्ताओं में से एक था. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा स्थापित तीन प्रेसीडेंसी ने 1835 तक अपने-अपने सिक्के जारी किए. तीनों ने रुपये और उसके अंश को चांदी में जारी किया. मद्रास ने भी दो रुपये के सिक्के जारी किए थे (History of Rupee).
World's Weakest Currencies Against Dollar: बीते दिनों भारतीय रुपया भले ही अमेरिकी डॉलर के मुकाबले बुरी तरह टूटा हो, लेकिन दुनिया में US Currency के मुकाबले सबसे कमजोर मुद्राओं में ये बहुत नीचे आता है.
Kotak Mahindra Bank के फाउंडर उदय कोटक ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए रुपये में गिरावट को लेकर बड़ी बात कही है और भारतीय उद्योगों को कम्फर्ट जोन से बाहर निकलने की सलाह दी है.
Rupee@90: भारतीय करेंसी गिरते हुए बुधवार को 90.30 प्रति डॉलर के लाइफ टाइम लो-लेवल को छू गई, लेकिन केंद्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने भरोसा जताते हुए कहा है कि ये अगले साल सुधर जाएगी.
डॉलर के मुकाबले रुपया में तेज गिरावट आई है. रुपया हर दिन रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच रहा है. बुधवार को यह तेजी से गिरकर 90 रुपये के नीचे आ गया, जो अबतक का सबसे लो लेवल है.
बुधवार को भारतीय रुपये को डॉलर के मुकाबले एक बड़ा झटका लगा है. शुरुआती कारोबार में डॉलर का भाव पहली बार 90 रुपये के पार पहुंच गया है, जो रुपये का सर्वकालिक सबसे निचला स्तर है. रुपये में यह गिरावट निवेशकों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है और आर्थिक प्रभावों को लेकर चर्चा तेज हो गई है. इसका असर नौकरियों, व्यापार और आयात-निर्यात पर भी पड़ सकता है. इस परिस्थिति में आर्थिक विशेषज्ञ स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.
Rupee First Time At 90/Dollar: रुपया ने गिरावट का नया रिकॉर्ड बनाया है और बुधवार को ओपन होने के साथ ही डॉलर के मुकाबले 90 के स्तर तक लुढ़क गया. करेंसी में गिरावट महंगाई में इजाफे का जोखिम बढ़ा सकती है.
Rupee Fall Against Dollar: इंडियन करेंसी 'रुपया' में लगातार बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है और इसके अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 90 तक टूटने की आशंका जताई जा रही है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने रुपये को ग्लोबल बनाने की कोशिश में एक प्लान पेश किया है, जिसके तहत अब नेपाल, श्रीलंका और भूटान में रुपये से ट्रेड किया जा सकता है. साथ ही रुपये में लोन भी लिया जा सकता है.
RBI Result On Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की एमपीसी बैठक के नतीजे आ गए हैं. आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 29 सितंबर को शुरू हुई बैठक में लिए गए तमाम फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रेपो रेट में इस बार भी कोई बदलाव नहीं किया गया है.
Stock Market Zooms: शेयर बाजार में बुधवार को कारोबार की धीमी शुरुआत हुई, लेकिन रिजर्व बैंक द्वारा एमपीसी बैठक के नतीजों का ऐलान किए जाने के बाद अचानक सेंसेक्स-निफ्टी रॉकेट की रफ्तार से भागने लगे.
Rupee Hits New Life Time Low: डॉलर के मुकाबले रुपये के टूटने का सिलसिला जारी है और बुधवार को ये नए ऑल टाइम लो-लेवल पर पहुंच गया. इससे पहले मंगलवार को इसने एक महीने की सबसे बड़ी सिंगल-डे गिरावट देखी थी.
ट्रंप के 50 फीसदी टैरिफ के बाद अमेरिका से लगातार लगे झटकों से भारतीय शेयर बाजार उबरता नजर नहीं आ रहा है. बुधवार को भी सेंसेक्स-निफ्टी ने गिरावट के साथ रेड जोन में कारोबार की शुरुआत की.
भारत में 500 के नोट पर बैन की मांग, अमेरिका समेत दुनिया के अन्य देशों में सबसे बड़ा करेंसी नोट कितने का है? जानिए पूरी लिस्ट.
Value Of Rs 1 Crore In 50 Year's: आज के समय में भले ही 1 करोड़ रुपये को फाइनेंशियल सिक्योरिटी के लिहाज के बड़ी रकम माना जा रहा है, लेकिन इसकी वैल्यू अगले 50 साल में कितनी रह जाएगी, ये चिंता वाली बात है.
भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले लगातार गिरावट की ओर बढ़ रहा है, और हाल ही में यह 87.29 के स्तर तक टूट गया। सरकार और आरबीआई इस गिरावट को कैसे नियंत्रित कर सकते हैं? जानिए कि किस तरह से सरकारें और केंद्रीय बैंक करेंसी को नियंत्रित करते हैं और क्या है फ्री फ्लोटिंग रेट सिस्टम।
1 मई से एटीएम से पैसे निकालने और बैलेंस चेक करने के चार्ज में बढ़ोतरी होगी. दूसरे बैंक के एटीएम से प्रति ट्रांजेक्शन ₹17 की जगह ₹19 और बैलेंस चेक पर ₹6 की जगह ₹7 लगेगा. मिनिमम बैलेंस नियमों में भी बदलाव होगा. देखिए VIDEO
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मॉरीशस के दो दिनों के दौरे पर पहुंचे,जहां उनका शानदार स्वागत हुआ है.इसी बीच चर्चा छिड़ी कि भारत के आगे मॉरीशस की करेंसी कितनी मज़बूत है
Budget 2025 में 12 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स फ्री किए जाने से लेकर भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से पांच साल बाद रेपो रेट में कटौती (Repo Rate Cut) के ऐलान तक तमाम गुड न्यूज आईं, लेकिन शेयर बाजार में जारी सुस्ती को नहीं तोड़ सकीं. इसके पीछे कई बड़े कारण हैं.
आखिर और कितना टूटेगा रुपया... अगर संभला नहीं, तो ये बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है
Rupee At All Time Low: भारतीय रुपये में गिरावट का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है और सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को ये 44 पैसे टूटकर नए ऑल टाइम लो-लेवल पर आ गया.
Rupee Against Dollar: भारतीय रुपया सोमवार को अपने ऑल टाइम लो-लेवल पर आ गया. इंडियन करेंसी पहली बार डॉलर के मुकाबले 87.29 तक टूट गई. हालांकि, सरकार का कहना है कि चिंता की कोई बात नहीं है.