हाइड्रोजन बम (Hydrogen Bomb), जिसे थर्मोन्यूक्लियर बम भी कहा जाता है, ऐसी हथियार श्रेणी में आता है जिनकी विनाशकारी क्षमता परमाणु बमों से कहीं अधिक होती है. इसकी ऊर्जा का स्रोत नाभिकीय संलयन (न्यूक्लियर फ्यूजन) होता है, जो बहुत उच्च तापमान और दबाव पर हल्के परमाणु एकत्र होकर भारी परमाणु बनाने के समय बड़ी मात्रा में ऊर्जा छोड़ता है.
हाइड्रोजन बम का पहला सफल परीक्षण अमेरिका ने 1 नवंबर 1952 को ईनेवेटोक एटॉल (मार्शल द्वीप समूह) में "ऑपरेशन आइवी- माइके" के तहत किया था. इस परीक्षण ने वैश्विक शक्ति-संतुलन और शीत युद्ध की बढ़ती दौड़ को नया आकार दिया. बाद में कई देश-विभागों ने थर्मोन्यूक्लियर हथियार विकसित किए या उनका परीक्षण किया, जिससे परमाणु हथियारों का खतरनाक विस्तार शुरू हुआ.
हाइड्रोजन बम का धमाका सामान्य विस्फोट से कई गुणा ज्यादा होता है- इसमें व्यापक क्षति, अत्यधिक ताप, तीव्र रोशनी और रेडिएशन के प्रभाव शामिल होते हैं. किसी भी आबाद क्षेत्र में थर्मोन्यूक्लियर विस्फोट से शहर सतही रूप से नष्ट होने के साथ-साथ स्वास्थ्य, कृषि, जल और पारिस्थितिक तंत्र पर लंबे समय तक असर पड़ता है. रेडिएशन, प्रत्यक्ष जख्म और बाद के वर्षों में रोग-प्रवृत्तियां मानवीय और पर्यावरणीय आपदा पैदा कर सकती हैं. अंतरराष्ट्रीय उद्धरण यह बताते हैं कि ऐसे धमाकों के परिणाम दशकों तक समाज और अर्थव्यवस्था को अस्थिर कर सकते हैं.
विश्व समुदाय ने परमाणु हथियारों के प्रसार और उपयोग को नियंत्रित करने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बनायीं हैं- जिनमें संहिता-स्तर पर महत्वपूर्ण है नॉन-प्रोलिफरेशन ट्रिटी (NPT). इसके अतिरिक्त सर्वनाशकारी हथियारों पर बहुपक्षीय नियमन, परीक्षण प्रतिबंध और विखंडन (Disarmament) के लिए संगठन और संधियां काम कर रहे हैं. परन्तु नीति-वाद, सुरक्षा-दृष्टांत और तकनीकी क्षमता के कारण पूर्ण विखंडन अभी भी बड़ी चुनौती बनी हुई है.
परमाणु बम न्यूक्लियर हथियार हैं, जो फिशन या फ्यूजन से ऊर्जा निकालते हैं. मुख्य चार प्रकार के होते हैं. फिशन बम (हिरोशिमा जैसा धमाका), थर्मोन्यूक्लियर (हाइड्रोजन), न्यूट्रॉन (रेडिएशन) और डर्टी (प्रदूषण फैलाए). लेकिन अन्य प्रकारों को मिला लें तो 6-7 टाइप के न्यूक्लियर बम हो जाते हैं.
Rahul Gandhi के 'सियासी हाइड्रोजन बम' से कितना अलग होता है असली Hydrogen Bomb? जानें इसकी ताकत
बिहार चुनाव के पहले फेज की वोटिंग से ठीक एक दिन पहले राहुल गांधी 'हाइड्रोजन बम' फोड़ने वाले हैं. उन्होंने पिछली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात का वादा किया था कि अगली बार हाइड्रोजन बम फोड़ेंगे. पर उससे पहले ये जानना जरूरी है कि ये कैसा हथियार है. राजनीतिक बम की तुलना में असली वाला कैसा होता है?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान, रूस और चीन को लेकर परमाणु हथियार परीक्षण का दावा किया है और अमेरिका को भी फिर से परमाणु परीक्षण शुरू करने की जरूरत बताई है. इसे लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु तनाव बढ़ता जा रहा है.
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लगातार BJP और चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने वोट चोरी पर बात करते हुए 'हाइड्रोजन बम' का जिक्र किया था. So Sorry में देखिए कि राहुल गांधी ने तथाकथित 'हाइड्रोजन बम' कैसे तैयार किया.
राहुल गांधी वाला “Hydrogen Bomb” नहीं, बिल्कुल असली वाला बम कितना खतरनाक होता है? जानिए अगर ये सच में फूट जाए तो कितनी तबाही मचा सकता है
राहुल गांधी ने कहा कि वोट चोरी वाला मामला परमाणु बम था. इस बार वो हाइड्रोजन बम फोड़ेंगे. हाइड्रोजन बम विश्व का सबसे खतरनाक हथियार है, जो पूरे शहरों को मिनटों में नष्ट कर सकता है. सिर्फ 5-7 देशों के पास यह है. भारत भी इसमें शामिल है. इसका इस्तेमाल मानवता के लिए विनाशकारी होगा.
वोट चोरी के मुद्दे पर 'हाईड्रोजन बम' फोड़ने से पहले लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को 2023 के अलंद विधानसभा चुनाव से पहले वहां कथित रूप से कांग्रेस के वोटरों के नाम डिलीट करने का आरोप लगाया. आइये, नाम डिलीट करने की प्रक्रिया को समझते हुए जानते हैं कि राहुल के आरोपों में कितना दम है.
राहुल गांधी वोट चोरी के मुद्दे पर चुनाव आयोग से आर पार की लड़ाई लड़ रहे हैं. एटम बम वाली प्रेस कान्फ्रेंस में उनके द्वारा उठाए गए कई तथ्यों पर उन्हें मुंह की खानी पड़ी थी. इसलिए इस बार उनकी रणनीति काफी बदली हुई दिखी.
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर वोट चोरी और वोटर लिस्ट में धांधली करने वालों की मदद करने का आरोप लगाया है. उन्होंने दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और ओबीसी मतदाताओं के वोट हटाए जाने का आरोप लगाया. चुनाव आयोग ने भी इन आरोपों का जवाब दिया है. देखें ब्रेकिंग न्यूज.
राहुल गांधी ने नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने 'वोट चोरी' से जुड़े नए दावे किए. राहुल गांधी ने कहा कि यह 'हाइड्रोजन बम' नहीं है, हाइड्रोजन बम तो आने वाला है. उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त पर भी सीधे निशाना साधा और जवाब देने की मांग की. देखें राहुल गांधी की पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस.
राहुल ने कहा कि कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में किसी ने 6018 वोटों को डिलीट करने की कोशिश की. हमें नहीं पता कि 2023 चुनाव में कुल कितने वोट डिलीट किए गए. ये 6028 वोटों से ज्यादा हैं लेकिन कोई इन 6018 वोटों को डिलीट करते हुए पकड़ा गया और यह संयोग से पकड़ा गया.
राहुल गांधी ने कहा कि मैं ऐसा कुछ नहीं कहने जा रहा जो सच नहीं है. मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो अपने देश से प्यार करता हूं. मैं अपने संविधान से प्यार करता हूं. लोकतांत्रिक प्रक्रिया से प्यार करता हूं और उस प्रक्रिया की रक्षा कर रहा हूं.