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जीएसटी

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भारत में GST (Goods and Services Tax) यानी वस्तु एवं सेवा कर को 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था. यह देश की कर प्रणाली में एक ऐतिहासिक सुधार था, जिसका मकसद "एक देश, एक कर" की नीति को लागू करना था. GST ने केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए जाने वाले अनेक अप्रत्यक्ष करों को समाप्त कर दिया और उनकी जगह एक एकीकृत कर प्रणाली लागू की गई.

पहले उत्पाद और सेवाओं पर कई स्तरों पर अलग-अलग कर (जैसे वैट, एक्साइज, सर्विस टैक्स, एंट्री टैक्स आदि) लगते थे. GST ने इन्हें मिलाकर एक ही कर बना दिया. GST डिजिटल प्रणाली पर आधारित है, जिससे टैक्स चोरी पर लगाम लगी है. पूरे देश में वस्तुओं और सेवाओं पर एक जैसी कर दरें लागू होने से व्यापारियों को अलग-अलग राज्यों में टैक्स की चिंता नहीं करनी पड़ती.

GST को चार प्रमुख भागों में बांटा गया है-

CGST (Central GST): केंद्र सरकार द्वारा वसूला जाने वाला कर.

SGST (State GST): राज्य सरकार द्वारा वसूला जाने वाला कर.

IGST (Integrated GST): दो राज्यों के बीच या विदेश से आयात होने वाले सामान व सेवाओं पर लगने वाला कर.

UTGST (Union Territory GST): केंद्र शासित प्रदेशों में लगने वाला कर.

साल 2025 में GST को विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर अलग-अलग स्लैब में बांटा गया है-

0% टैक्स: अनाज, सब्ज़ियां, दूध जैसी आवश्यक वस्तुएं

5% टैक्स: खाने-पीने की चीजे, ट्रेन टिकट आदि

12% टैक्स: कपड़े, प्रोसेस्ड फूड

18% टैक्स: ज्यादातर सेवाएं, इलेक्ट्रॉनिक्स

28% टैक्स: लक्जरी आइटम्स, कारें, सिगरेट आदि

कुछ वस्तुएं जैसे पेट्रोल, डीजल, शराब आदि अभी भी GST के दायरे से बाहर हैं.

 

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