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फ्री ट्रेड एग्रीमेंट

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) यानी मुक्त व्यापार समझौता, दो या दो से अधिक देशों के बीच ऐसा समझौता होता है जिसमें वे एक-दूसरे के साथ व्यापार करते समय टैक्स (शुल्क), सीमा शुल्क और व्यापारिक बाधाओं को या तो पूरी तरह खत्म कर देते हैं या बहुत कम कर देते हैं. इसका मुख्य उद्देश्य व्यापार को आसान, सस्ता और तेज बनाना होता है.

जब दो देश आपसी समझौते से तय करते हैं कि वे एक-दूसरे के उत्पादों और सेवाओं पर आयात शुल्क (Import Duty) नहीं लगाएंगे या बहुत कम लगाएंगे, तो इसे ही एफटीए कहा जाता है. इसमें केवल वस्तुएं ही नहीं, बल्कि सेवाएं, निवेश, बौद्धिक संपदा अधिकार और तकनीकी सहयोग भी शामिल हो सकते हैं.

इससे दो देशों के बीच व्यापार की लागत घटती है, जिससे वस्तुएं और सेवाएं सस्ती हो जाती हैं. कम टैक्स और नियमों के चलते कंपनियां दूसरे देश में निवेश करने के लिए आकर्षित होती हैं. उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प मिलते हैं और चीजें सस्ती होती हैं. देश की कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा का सामना करने का अनुभव मिलता है.

भारत ने अब तक कई देशों और संगठनों के साथ एफटीए साइन किए हैं, जिनमें आसियान (ASEAN) देश, जापान, दक्षिण कोरिया, यूएई (CEPA), ऑस्ट्रेलिया (ECTA) शामिल है.

भारत-यूके और भारत-यूरोपियन यूनियन के साथ भी एफटीए की बातचीत जारी है.

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