फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) यानी मुक्त व्यापार समझौता, दो या दो से अधिक देशों के बीच ऐसा समझौता होता है जिसमें वे एक-दूसरे के साथ व्यापार करते समय टैक्स (शुल्क), सीमा शुल्क और व्यापारिक बाधाओं को या तो पूरी तरह खत्म कर देते हैं या बहुत कम कर देते हैं. इसका मुख्य उद्देश्य व्यापार को आसान, सस्ता और तेज बनाना होता है.
जब दो देश आपसी समझौते से तय करते हैं कि वे एक-दूसरे के उत्पादों और सेवाओं पर आयात शुल्क (Import Duty) नहीं लगाएंगे या बहुत कम लगाएंगे, तो इसे ही एफटीए कहा जाता है. इसमें केवल वस्तुएं ही नहीं, बल्कि सेवाएं, निवेश, बौद्धिक संपदा अधिकार और तकनीकी सहयोग भी शामिल हो सकते हैं.
इससे दो देशों के बीच व्यापार की लागत घटती है, जिससे वस्तुएं और सेवाएं सस्ती हो जाती हैं. कम टैक्स और नियमों के चलते कंपनियां दूसरे देश में निवेश करने के लिए आकर्षित होती हैं. उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प मिलते हैं और चीजें सस्ती होती हैं. देश की कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा का सामना करने का अनुभव मिलता है.
भारत ने अब तक कई देशों और संगठनों के साथ एफटीए साइन किए हैं, जिनमें आसियान (ASEAN) देश, जापान, दक्षिण कोरिया, यूएई (CEPA), ऑस्ट्रेलिया (ECTA) शामिल है.
भारत-यूके और भारत-यूरोपियन यूनियन के साथ भी एफटीए की बातचीत जारी है.
From Fear to Peace: अब दुनिया में सबकुछ ठीक होने लगा हैं, जिसके संकेत मिल रहे हैं, देशों के बीच रिश्ते सुधरने लगे हैं. जिससे निवेशकों का शेयर बाजार पर भरोसा लौटने लगा है, यही कारण है कि सोना-चांदी की चमक फीकी पड़ने लगी है.
India- US Trade Deal: खबरों के मुताबिक भारतीय निर्यात पर लगने वाला शुल्क लगभग 50% से घटाकर 15-16% किया जा सकता है. जिससे भारतीय एक्सपोर्ट बढ़ने की उम्मीद है. अगर यह समझौता होता है तो भारत-अमेरिका के आर्थिक रिश्तों में बड़ा बदलाव आ सकता है.
वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने अपनी यात्रा को लेकर बताया कि भारत, अमेरिका से ऊर्जा आयात बढ़ाने को लेकर तैयार है. उन्होंने कहा कि भारत अपनी ऊर्जा आयात नीति को विविधतापूर्ण बनाना चाहता है. एक बड़े खरीदार के रूप में भारत के लिए सबसे बेहतर रणनीति यही है कि हम अपने स्रोतों को विविध करें. और इस दिशा में हमने अमेरिकी पक्ष को सकारात्मक संकेत दिए हैं.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिकी सांसदों के भारत-अमेरिका रिश्ते सुधारने के प्रयास का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि जब उन्होंने प्रवासी भारतीयों की चुप्पी पर सवाल उठाया था, तब यह चिंता जताने के लिए था कि वे अपने नेताओं पर दबाव नहीं बना रहे. थरूर ने बताया कि इस चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वाले दस में से पांच नेताओं से उनकी बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल की वॉशिंगटन यात्रा के दौरान मुलाकात हुई थी.
भारत की आर्थिक ताकत और 'मेक इन इंडिया' पहल यूरोपीय कंपनियों को तेजी से आकर्षित कर रही है. 6,000 से अधिक यूरोपीय कंपनियां भारत में काम कर रही हैं और 30 लाख से ज्यादा रोजगार सृजित कर चुकी हैं. ईयू-भारत मुक्त व्यापार समझौता (FTA) दोनों पक्षों के लिए नए अवसर खोल सकता है.
जॉइंट कम्युनिकेश में 5 पिलर्स पर आधारित रणनीतिक एजेंडा शामिल है,. इनमें समृद्धि, टेक्नोलॉजी-इनोवेशन, सुरक्षा-डिफेंस, कनेक्टिविटी और ग्लोबल मुद्दे हैं. इस पहल का मकसद व्यापार, निवेश, सुरक्षा और टेक्नोलॉजी सहयोग को गहराना है.
अमेरिका के वाणिज्य मंत्री लुटनिक ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव और फ्री मार्केट डेमोक्रेसी होने के बार-बार दावों के बावजूद, उसका संरक्षणवादी रुख अमेरिकी कारोबार को निराश करता रहता है. उन्होंने कहा कि यह निष्पक्षता की बात है. अमेरिका भारतीय सामान खुलेआम खरीदता है, लेकिन जब हम बेचना चाहते हैं, तो दीवारें खड़ी हो जाती हैं.
भारत और अमेरिका के बीच बीते कुछ महीनों में काफी कुछ बदल चुका है. ट्रंप और उनके करीबी पीटर नवारो की बयानबाजी ने रिश्तों में तनाव को बढ़ाने का काम किया है. क्या ट्रंप और पीएम मोदी के बीच हुई हालिया बातचीत से रिश्तों में जमी बर्फ बिघलने की उम्मीद लगाई जा सकती है?
US- India Trade Deal: अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया, जिसे भारत ने एकतरफा फैसला बताया था. अब खबर आ रही है कि भारत और अमेरिका के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर लगातार बातचीत जारी है, जिसकी पुष्टि केंद्रीय मंत्री ने की है.
भारत और अमेरिका के संबंध इस समय बेहद तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं. रूस से लगातार कच्चा तेल खरीदे जाने की वजह से अमेरिका ने भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगा दिया था.
ट्रंप टैरिफ के बाद भारत और अमेरिका के रिश्तों में काफी गिरावट आई है. इस बीच जेसन मिलर की ट्रंप से मुलाकात बहुत कुछ बयां करती है. हालांकि इस मुलाकात का मकसद अभी तक साफ नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि भारत के लिए लॉबिंग करने वाले मिलर ने ट्रंप के सामने इंडिया का पक्ष जरूर रखा होगा.
अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने कहा- भारत दुनिया का सबसे ज्यादा टैरिफ वाला देश है. Zero Tariff ऑफर का दावा दोहराया, Trade tension बढ़ा.
भारत पर थोड़ी देर में अतिरिक्त 25% टैरिफ लागू होने वाला है, जिससे कुल टैरिफ 50 फीसदी हो जाएगा. इस बीच पूर्व विदेश सचिव और राज्यसभा सांसद हर्षवर्धन श्रृंगला ने उम्मीद जताई कि दोनों देश फ्रीड ट्रेड पर समझौते को जल्द पूरा करेंगे और रिश्ते मजबूत होंगे.
भारत यूरोपीय संघ और कई लैटिन अमेरिकी देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को तेजी से आगे बढ़ाने के अपने प्रयासों को तेज कर रहा है, क्योंकि वह हाल ही में अमेरिका द्वारा टैरिफ में 50 फीसदी की ग्रोथ के प्रभाव को संतुलित करना चाहता है.
भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर बातचीत चल ही रही थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने एकतरफा 25 फीसदी टैरिफ का ऐलान कर दिया. यूं तो ट्रंप का ये कदम भारतीय बिजनेस के लिए झटका लग सकता है. लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हो जाती है. अगर ट्रंप के इस मूव पर गहराई से विचार करें तो ये भारतीय उद्योग जगत के लिए मौका भी लेकर आ सकता है.
अमेरिका द्वारा 1 अगस्त से भारतीय उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाए जाने से भारत के निर्यात क्षेत्र में गहरा असर पड़ सकता है. इससे GDP में 0.2% से 0.5% तक गिरावट की आशंका जताई गई है. खासकर ऑटो, टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और जेम्स-ज्वैलरी जैसे सेक्टर प्रभावित होंगे. हालांकि, व्यापार समझौते की बातचीत जारी है और यह संकट भारत के लिए सुधार का मौका भी बन सकता है.
डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि भारत हमारा मित्र है, लेकिन हमने भारत के साथ पिछले कई वर्षों में अपेक्षाकृत कम व्यापार किया है, क्योंकि उनके टैरिफ बहुत अधिक हैं, दुनिया में सबसे अधिक हैं.
US-India Trade Deal Updates: भारत एक संतुलित समझौता चाहता है, जो उसके 140 करोड़ लोगों, विशेष रूप से 70 करोड़ कृषि-निर्भर आबादी के हितों की रक्षा करे. जबकि अमेरिका अपने उत्पादों के लिए भारतीय बाजार में अधिक पहुंच चाहता है.
Piyush Goyal ने कहा है कि अमेरिका के साथ ट्रेड डील (Trade Deal) पर बातचीत तेजी से आगे बढ़ रही है और न सिर्फ US, बल्कि कई अन्य देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते को लेकर प्रोसेस जारी है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और ब्रिटेन ने एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. यह दुनिया के बढ़ते विश्वास और हमारे आत्मविश्वास को दर्शाता है. हम इसी आत्मविश्वास के साथ विकसित भारत और विकसित तमिलनाडु बनाएंगे.
United Kingdom के साथ Trade Deal को Piyush Goyal ने बताया गेमचेंजर