दिल्ली की सभी 70 सीटों के लिए विधानसभा होने वाले हैं (Delhi Assembly Election 2025). इलेक्शन कमीशन ने 7 जनवरी 2025 को दिल्ली विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि दिल्ली की सभी विधानसभा सीटों पर एक चरण में 5 फरवरी 2025 को मतदान होगा. चुनाव परिणाम 8 फरवरी 2025 को घोषित होंगे.
चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार दिल्ली में 1 करोड़ 55 लाख 24 हजार 858 मतदाता वोट डालने के योग्य हैं. इनमें 83.49 लाख पुरुष मतदाता और 71.73 लाख महिला मतदाता हैं. दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कुल 13033 पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे. 85 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग मतदाताओं के लिए भी घर से मतदान की सुविधा रहेगी. जो दिव्यांग पोलिंग बूथ पर जाकर वोट डालना चाहेंगे, उनके लिए व्हीलचेयर की व्यवस्था की जाएगी और रैंप बनाए जाएंगे.
दिल्ली चुनाव शेड्यूल की बात करें तो दिल्ली चुनाव का नोटिफिकेशन 10 जनवरी को जारी होगा और 17 जनवरी नामांकन की आखिरी तारीख होगी. कैंडीडेट 20 जनवरी तक अपना नामांकन वापस ले सकेंगे.
दिल्ली की चुनावी राजनीति में आम आदमी पार्टी (आप) के एंट्री के बाद से, राजधानी में बीजेपी, कांग्रेस और आप के बीच त्रिकोणीय मुकाबला रहता है. पिछले विधानसभा चुनाव फरवरी 2020 में हुए थे. चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी ने राज्य सरकार बनाई और अरविंद केजरीवाल तीसरी बार मुख्यमंत्री बने. दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 15 फरवरी 2025 को समाप्त होने वाला है. 2015 के विधानसभा चुनाव में आप ने 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल की थी.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में रिकॉर्ड 69.9% मतदान के बाद अब सबकी निगाहें 14 नवंबर के नतीजों पर हैं. एआई प्लेटफॉर्म्स Grok, Perplexity और ChatGPT के विश्लेषण के मुताबिक इस बार भी एनडीए की वापसी तय मानी जा रही है. महिलाओं की बढ़ी भागीदारी और नीतीश कुमार की स्थिर नेतृत्व छवि ने एनडीए को बढ़त दिलाई है.
इतिहासकारों ने कई दस्तावेजों में जिक्र किया है, पुराना किला परिसर में आजादी के पहले तक इंदरपत नाम से एक गांव भी आबाद था. राजधानी नई दिल्ली का निर्माण करने के दौरान अन्य गांवों के साथ उसे भी हटा दिया गया था, दिल्ली में स्थित सारवल गांव से 1628 ईस्वी का संस्कृत का एक अभिलेख प्राप्त हुआ है.
अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी, दोनों INDIA ब्लॉक में ‘अंदर-बाहर’ की रणनीति अपनाते देखे जा सकते हैं। ममता बनर्जी की ही तरह अब अरविंद केजरीवाल भी मुद्दों पर साथ हैं, लेकिन तकनीकी तौर पर उनकी पार्टी के नेता विपक्षी गठबंधन से अलग बता रहे हैं.
बिहार चुनाव से पहले चिराग पासवान के नीतीश सरकार पर बयानों से बीजेपी नाराज है. पार्टी जल्द उनसे मुलाकात कर एकजुटता बनाए रखने और नीतीश कुमार को गठबंधन का चेहरा मानने का संदेश देगी. बीजेपी को डर है कि ऐसे बयान महागठबंधन के खिलाफ संयुक्त रणनीति को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
दिल्ली चुनाव में मिली हार अरविंद केजरीवाल के लिए बहुत बड़ा झटका थी. आम आदमी पार्टी न सिर्फ सत्ता से बाहर हो गई, बल्कि खुद अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जैसे दिग्गज नेता भी अपनी-अपनी सीटें नहीं बचा सके. ऐसे में विसावदर की जीत, जख्मों पर मरहम ही नहीं, बीजेपी से बदले का मौका भी है.
लुधियाना और विसावदर उपचुनावों में आम आदमी पार्टी की जीत ने अरविंद केजरीवाल को नये जोश से भर दिया है. लुधियाना वेस्ट की जीत ने को केजरीवाल के राज्यसभा जाने का रास्ता साफ कर दिया है. हालांकि, इस बारे में उनका बयान बहुत घुमाने फिराने वाला है. उधर, गुजरात उपचुनाव की जीत तो दिल्ली की हार के जख्मों पर मरहम जैसा ही है.
लुधियाना वेस्ट उपचुनाव कैंपेन में अरविंद केजरीवाल ने अपने उम्मीदवार संजीव अरोड़ा को मंत्री बनाये जाने के वादे के साथ फायदे तो गिना ही रहे हैं, नुकसान से भी आगाह कर रहे हैं. केजरीवाल का कहना है कि अगर संजीव अरोड़ा चुनाव नहीं जीते तो इलाके में विकास के काम बंद हो जाएंगे - क्या ऐसा हो सकता है?
बीजेपी को 2024 लोकसभा चुनाव में अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया था. लेकिन, ऑपरेशन सिंदूर, वक्फ संशोधन कानून और राज्यों में सत्ता वापसी जैसे कई उदाहरण हैं जो बताते हैं कि केंद्र सरकार में बहुमत जैसा आत्मविश्वास आ चुका है - और विपक्ष फिर से बिखरता जा रहा है.
आम आदमी पार्टी ने इंडिया ब्लॉक से अलग होकर तीसरे मोर्चे की पहल की है. दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने विपक्षी दलों के ऐसा गठबंधन खड़ा करने की पहल की है, जिसमें कांग्रेस को शामिल न किया जाए - लेकिन, अरविंद केजरीवाल को ऐसा करने से क्या फायदा होगा?
दिल्ली विधानसभा चुनाव में खर्च का हिसाब राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग को दे दिया है. कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के मुकाबले इस चुनाव में तीन गुना अधिक पैसा खर्च किया.
अरविंद केजरीवाल ने छात्रों को राजनीति से जोड़ने के लिए ASAP (एसोसिएशन ऑफ स्टूडेंट्स फॉर अल्टरनेटिव पॉलिटिक्स) नाम से नई पहल की है, लेकिन ये भी पुराने वादों की नई पैकेजिंग ही लगती है. दिल्ली विधानसभा चुनाव हारने के बाद केजरीवाल ने दिल्ली में पहला कार्यक्रम संबोधित किया, वह भी ऐसे समय में जब आप के 15 पार्षदों ने इस्तीफा देकर नई पार्टी खड़ी कर ली है.
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पद संभालने के डेढ़ महीने बाद भी आधिकारिक सरकारी आवास नहीं मिल पाया है। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा इस्तेमाल किए गए विवादास्पद आवास में शिफ्ट होने से इनकार करने के बाद अब तक उनका उपयुक्त सरकारी आवास तय नहीं हो सका। जानिए इस देरी की वजह और रेखा गुप्ता के आवास की तलाश के बारे में।
दिल्ली के मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण के पहनावे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मजाक किया। पीएम मोदी ने पवन कल्याण से पूछा, "क्या आप सब कुछ छोड़कर हिमालय जा रहे हैं?" पवन कल्याण ने इसे हल्के फुल्के अंदाज में लिया और कहा कि अभी हिमालय जाने की कोई योजना नहीं है। जानें इस मजेदार बातचीत के बारे में।
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल के ₹15 करोड़ रिश्वत के आरोप पर एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने जांच के आदेश दिए हैं। एसीबी की टीम ने केजरीवाल से 5 महत्वपूर्ण सवाल पूछते हुए नोटिस जारी किया, जिसमें सबूत और कानूनी कार्रवाई पर सवाल उठाए गए। केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाए थे कि विधायकों को रिश्वत दी जा रही थी। जानिए इस मामले में एसीबी की कार्रवाई और केजरीवाल का क्या कहना है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान सीलमपुर और जंगपुरा में भारी हंगामा हुआ। सीलमपुर में बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर बुर्के में फर्जी मतदान कराने का आरोप लगाया, जबकि जंगपुरा में मनीष सिसोदिया ने महिलाओं को पैसे बांटने का आरोप लगाया। इस दौरान सौरभ भारद्वाज ने बैरिकेडिंग और मतदान केंद्रों पर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए। जानिए दिल्ली चुनाव में कहां-कहां बवाल हुआ।
दिल्ली में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दलबदल एक्सप्रेस ने रफ्तार पकड़ ली है। पिछले 10 दिनों में पांच बड़े नेताओं ने अपनी पुरानी पार्टी छोड़कर नई पार्टी में एंट्री ली है। जानें कैलाश गहलोत, अनिल झा, सुमेश शौकीन, वीर सिंह धींगान और मतीन अहमद के दलबदल की पूरी कहानी और क्या है दिल्ली के चुनावी मौसम में इन नेताओं का असर।
दिल्ली, जो आजकल अपनी आधुनिकता के लिए जानी जाती है, कभी एक सुकून और शांति से भरी हुई जगह हुआ करती थी। पुरानी दिल्ली के पारंपरिक व्यवसायों जैसे सिर चंपी, इतर-फुलेल, चाट-परांठे और आचार-मुरब्बे के कारोबार का समय अब धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है। इस लेख में हम दिल्ली की उस पुरानी सुकून वाली जिंदगी की यादों को ताजा करते हैं, जो आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी से बिलकुल अलग थी।
इस समारोह में दिल्ली विधानसभा के स्पीकर विजेंद्र गुप्ता, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और सभी मंत्री भी उपस्थित रहेंगे. कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करना और नई पीढ़ी को इसकी महत्ता से अवगत कराना है. इस कार्यक्रम में 2500 से ज्यादा लोग शामिल होने की संभावना है.
यूपी में कुंदरकी की जीत के बाद दिल्ली में मुस्तफाबाद की जीत के बारे में चाहे जो कह लें पर इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि बीजेपी को यहां बहुत बड़ी विजय मिली है. बीजेपी अगर ये काम 2 सीटों पर कर सकती है तो क्या भविष्य में ढेर सारी सीटों पर यही प्रयोग नहीं दुहरा सकती है?
Delhi Election Results 2025 Updates: आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेता चुनाव हार गए हैं. अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से हार गए हैं. मनीष सिसोदिया को भी जंगपुरा सीट से हार का सामना करना पड़ा है. वहीं, आतिशी कालकाजी सीट से चुनाव जीत गई हैं.
दिल्ली की सत्ता पर पिछले 11 साल से काबिज आम आदमी पार्टी की हार के कारणों पर अलग अलग मत हो सकता है. पर इससे कोई इनकार नहीं कर सकता कि ये हार पार्टी के लिए बहुत महंगी पड़ने वाली है.